हांगकांग के आंदोलन ने 8 सितम्बर को एक नया मोड़ ले लिया जब हजारों प्रदर्शनकारियों ने अमेरिकी राष्ट्रगान गाते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मदद की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें चीनी सत्ता से मुक्ति दिलाएं। ट्रंप से शहर को आजाद कराने की मांग करते हुए उन्होंने ‘बीजिंग का विरोध करो, हांगकांग को आजाद करो’ के नारे भी लगाये गए। प्रदर्शनकारी काली शर्ट और मुखौटे पहने हुए थे। उन्होंने अमेरिकी झंडे लहराये और पोस्टर दिखाए जिनमें लिखा हुआ था,
“राष्ट्रपति ट्रंप, कृपया हांगकांग को आजाद कराएं।”
इसके बाद पुलिस ने जब उन्हें रोका तो महानगर के कई इलाकों में टकराव शुरू हो गया। इस दौरान अमेरिका ने चीन से हांगकांग के आंदोलन से निपटने में संयम की अपील की है। लेकिन चीन ने इसे अपना आंतरिक मामले बताते हुए मध्यस्थता की किसी संभावना से इन्कार किया है। साथ ही चीन ने अमेरिका और ब्रिटेन को हांगकांग की अशांति के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हांगकांग में रविवार को आंदोलन की शुरुआत शांतिपूर्ण ढंग से हुई। धूप में छाता लगाए और हाथ में लोकतांत्रिक मांगों के कार्ड लिए युवा धीरे-धीरे आगे बढ़ते रहे। लेकिन कुछ देर बाद आंदोलन हिंसक हो उठा। इसके बाद बैरिकेडिंग और सड़क के किनारे की इमारतों की खिड़कियों की तोड़फोड़ शुरू हो गई। सड़कों पर आगजनी भी शुरू हो गई । प्रदर्शनकारियों द्वारा एक मेट्रो स्टेशन के निकट मलबे में आग भी लगा दी गयी।
पुलिस ने हिंसक आंदोलनकारियों को रोकने के लिए जब बल प्रयोग किया तो जवाब में लोगों ने पथराव शुरू कर दिया। यह सिलसिला कई घंटे चला। इस दौरान युवा आंदोलनकारी रह-रहकर आजादी की मांग के लिए संघर्ष करने के नारे लगाते रहे। अमेरिकी वाणिज्य दूतावास के नजदीक पहुंचकर प्रदर्शनकारियों ने चीन को रोकने और हांगकांग को आजादी दिलाने के नारे लगाए। इस मामले में पुलिस ने कई आंदोलनकारियों को गिरफ्तार किया है।
इस बीच अमेरिकी रक्षा मंत्री मार्क एस्पर ने हांगकांग के आंदोलन से निपटने में चीन से संयम बरतने की अपील की। पिछले महीने हांगकांग के विक्टोरिया पार्क में एक लाख से अधिक लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारी इकट्ठा होकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे थे तब इस बीच चीन ने हांगकांग बॉर्डर पर सैन्य गतिविधियों तेज कर दी थी। चीन की इस हरकत पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी। डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को धमकी दी थी कि अगर प्रदर्शनकारियों पर तियानमेन स्क्वायर जैसी कार्रवाई हुई तो दोनों देशों के व्यापार वार्ता को बड़ा नुकसान होगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने चीन को हांगकांग की समस्या मानवीय तरीके से सुलझाने की सलाह दी थी।