कोरोना वायरस संक्रमण के चलते अधिकतर देशों में लॉकडाउन है। महामारी से निपटने के लिए सभी देश अपने-अपने स्तर पर सख्त कदम उठा रहे हैं। वहीं इस वायरस से महज 12 लोगों की मौत हो जाने पर ही नाइजीरिया में लॉकडाउन घोषित कर दिया गया। इसके प्रसार को रोकने के लिए नाइजीरिया की सरकार कितनी सख्त है ये इस बात से पता चलता है कि लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर 18 लोगों को सुरक्षा बलों ने गोली मार दी है।
नाइजीरिया में लॉकडाउन तोड़ने वाले लोगों पर सुरक्षा बलों ने ताबड़तोड़ गोलिया बरसाईं। इससे 18 लोगों की मौत हो गई है। यह संख्या यहां कोरोना से मरने वाले लोगों की संख्या से ज्यादा है। नाइजीरिया अफ्रीका का सबसे ज्यादा जनसंख्या घनत्व वाला देश है। लगभग 200 मिलियन लोगों की आबादी वाले नाइजीरिया में कोरोनो वायरस के 407 मामले सामने आए हैं, लेकिन आशंका है कि यह देश के भीड़भाड़ वाले हिस्सों में जल्दी फैल सकता है।
PRESS RELEASE
ENFORCEMENT OF RESTRICTION ORDERS: IGP CAUTIONS AGAINST TRAMPLING ON CITIZENS’ RIGHTS
– Orders tight security around vulnerable targetsThe Inspector General of Police, IGP M.A Adamu, NPM, mni has cautioned officers and men of the @PoliceNG currently deployed
— Nigeria Police Force (@PoliceNG) April 2, 2020
मानवाधिकार का उल्लंघन
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग की ओर से बुधवार को जारी अपनी एक रिपोर्ट में कहा गया कि अभी देश में 36 में से 24 राज्यों और राजधानी अबुजा में मानवाधिकार हनन के 105 मामले सामने आए हैं जिनमें 8 मामले लॉकडाउन का उल्लंघन करने पर सुरक्षा बलों की ओर से 18 लोगों की अवैध एनकाउंटर में हत्या करने के हैं।
हालांकि, राष्ट्रीय पुलिस प्रवक्ता फ्रैंक एमबीए ने मानवाधिकार आयोग की तरफ से ऐसे आरोप लगाए जाने को आम बात बताया है। वहीं काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस का कहना है कि पिछले एक साल में देश में कम से कम 1,476 लोग मारे गए। साथ ही उन्होंने कहा कि आयोग को पुलिस की तरफ से मारे गए लोगों के नाम, नंबर और निवास स्थान घोषित करने चाहिए ताकि दोषियों पर उचित कार्रवाई की जा सके।
यह और भी दिलचस्प है कि नवीनतम डैमिंग रिपोर्ट पहली बार उनके सामान्य आलोचकों जैसे कि ह्यूमन राइट्स वॉच और एमनेस्टी इंटरनेशनल से नहीं आई थी। इसके बजाय यह एक नाइजीरियाई सरकारी एजेंसी से आया था। नाइजीरियाई पुलिस अधिकारियों का कहना है कि वे अधिकारियों को न्याय दिलाने में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहे हैं। हालांकि यहां के लोग पुलिस की बर्बरता से पूर्णतया वाकिफ हैं। लॉकडाउन में अन्य सुरक्षा मुद्दे जारी हैं, बहुत से नाइजीरियाई लोगों को यह भरोसा नहीं है कि अधिकारियों द्वारा आश्वासन के बावजूद सुरक्षा बलों के रवैये में जल्द ही सुधार होगा।