उत्तर प्रदेश के चुनावी चरण में महज दो चरण ही बाकी है। जिसमें एक चरण कल तो अंतिम चरण 7 मार्च को होगा। इस अंतिम चरण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोक सभा वाराणसी भी आती है । जिसको लेकर प्रधानमंत्री मोदी सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। इसके चलते ही वाराणसी में मोदी का तीन दिवसीय दौरा चर्चाओं में है। अब तक के पांच चरण का जो चुनावी रुझान सामने आ रहा है उसमें भाजपा पिछड़ते हुई नजर आ रही है। केंद्रीय हाईकमान को डर सता रहा है कि अगर छठे और सातवें चरण में भी भाजपा यहां से कमजोर रही तो देशभर में दूसरा संदेश जाएगा।
मतलब यह कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा वाराणसी में काशी का कायाकल्प करने का दावा करने वाली सरकार को भी जनता ने अस्वीकार कर दिया ।हालांकि यह 10 मार्च को ही पता चलेगा। लेकिन जिस तरह से मतदाता नाराजगी प्रकट कर रहे हैं उससे भाजपा हाईकमान के होश उड़े हुए हैं। वैसे भी पूर्वांचल को यूपी की सत्ता का प्रवेश द्वार माना जाता है। यहां की जीत किसी भी दल के लिए सत्ता तक पहुंचने में अहम भूमिका निभाती है। प्रदेश की करीब 30 फीसदी सीटें यहीं से आती हैं। भाजपा ने 2014 और 2019 के लोकसभा चुनाव और 2017 के विधानसभा चुनाव में यहां सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं। तब से इसे भाजपा का गढ़ कहा गया। लेकिन इस बार भाजपा के लिए अपने गढ़ को बचाना चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल की बात करें तो 2014 में वह गुजरात के विकास माडल पर सवार होकर वाराणसी आए थे। मोदी काशी के सांसद बने और प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आसीन हुए। प्रधानमंत्री मोदी जब काशी की संस्कृति व सभ्यता से मिलते जुलते जापान के प्राचीन शहर क्योटो गए तब देश मे काशी को क्योटो तर्ज़ पर विकास की चर्चा तेज हुई थी।
यही नहीं कई देशों के राष्ट्राध्यक्षों को मोदी वाराणसी लेकर भी आए। मोदी ने बनारस में विकास की नींव रखनी शुरू की। वाराणसी से सांसद बनने के बाद जब देश के प्रधानमंत्री बने तो 2014 से 2022 तक मोदी क़रीब 37 बार वाराणसी आ चुके है। पिछले साल के दिसम्बर में ही प्रधानमंत्री मोदी 2 बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी आए थे। 13 दिसम्बर को पहली बार आने पर उन्होंने काशी विश्वनाथ धाम की सौगात दी थी। इसके बाद 23 दिसम्बर को प्रधानमंत्री मोदी ने 2100 करोड़ की 27 परियोजनाओं का लोकर्पण और शिलान्यास किया था। अब देखना यह है कि क्यूटो की तर्ज पर काशी का विकास करने वाले देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को यहां की जनता कितना पसंद करती है।