पूरी दुनिया कोरोना महामारी से जूझ रही है। तमाम देश मिलकर इसकी रोकथाम के प्रयास कर रहे हैं । वैक्सीन को तैयार करने का काम भी जोरों पर है।कई देशों में वैक्सीन भी तैयार की गई है और टीकाकरण भी होने लगा है, लेकिन इस सबके बीच फाइजर वैक्सीन के साइड इफेक्ट ब्रिटेन के बाद अमेरिका में भी देखने को मिला है।
अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (FDA) इसकी जांच कर रहा है। एफडीए के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार इस हफ्ते अमेरिकी कंपनी फाइजर और जर्मन कंपनी बायोएनटेक की वैक्सीन देने के बाद लोगों में पांच तरह की एलर्जी देखने को मिली है। एफडीए के सेंटर फॉर बायोलॉजिक्स इवैल्यूएशन एंड रिसर्च के निदेशक डॉ.पीटर मार्क्स ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अलास्का सहित कई राज्यों में एलर्जी की सूचना मिली है।
मार्क्स ने यह भी कहा कि पॉलीइथाइलीन ग्लाइकॉल (PEG) नाम का एक रसायन इस एलर्जी का कारण हो सकता है। इसका इस्तेमाल फाइजर की वैक्सीन में हुआ है। देश में हाल ही में मॉडर्ना की वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल के मंजूरी मिली। इस वैक्सीन में भी इसका इस्तेमाल हुआ है। उन्होंने कहा कि पेग से एलर्जी की सामान्य हो सकती है। अलास्का में सामने आए मामले पिछले सप्ताह ब्रिटेन में दर्ज किए गए दो मामलों के समान हैं।
फाइजर वैक्सीन के साइड इफेक्ट को लेकर हाल ही में ब्राजील के राष्ट्रपति ने कोरोनावायरस की वैक्सीन को लेकर निशाना साधा है। उन्होंने यहां तक कहा है कि फाइज़र और बायोएनटेक की बनाई वैक्सीन लोगों को मगरमच्छ बना सकती है या इसके प्रभाव से महिलाओं की दाढ़ी तक आ सकती है।
शुरुआत से ही ब्राजील के राष्ट्रपति कोरोनावायरस को लेकर संदेहास्पद स्थिति में दिखे हैं। उन्होंने बीते साल इस वायरस को ‘मामूली फ्लू’ बताया था। देश में सामूहिक टीकाकरण की शुरुआत के बावजूद उन्होंने कहा है कि वह कोरोना वायरस का टीका नहीं लगवाएंगे।
बोल्सोनारो ने कहा, ‘फाइज़र के कॉन्ट्रैक्ट में साफ-साफ लिखा है कि किसी भी साइड इफेक्ट के लिए वे जिम्मेदार नहीं होंगे।’ बोल्सोनारो ने कहा कि वैक्सीन से अगर आप मगरमच्छ बन जाते हैं तो यह आपकी समस्या है।
वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों को लेकर बोल्सोनारो ने कहा, ‘अगर आप सुपरह्यूमन बन जाएं, अगर एक महिला को दाढ़ी आने लगे या फिर किसी पुरुष की आवाज औरतों सी हो जाए, तो भी उनका इससे कोई लेना-देना नहीं होगा।’ उन्होंने कहा कि वैक्सीन को एक बार ब्राजील की रेग्युलेटरी एजेंसी Anvisa से मंजूरी मिलने पर यह सबके लिए उपलब्ध होगी लेकिन मैं यह टीका नहीं लगवाऊंगा।
ब्रिटेन के चिकित्सा नियामक ने कहा है कि किसी को अगर एनाफिलेक्सिस, दवा या भोजन से एलर्जी रही है तो उसे फाइजर-बायोएनटेक COVID-19 वैक्सीन नहीं दी जाएगी। वहीं अमेरिकी एफडीए प्रशासन ने कहा है कि एलर्जी वाले अधिकांश अमेरिकियों पर वैक्सीन का दुष्प्रभाव नहीं होगा। इसने कहा कि जिन लोगों को पहले टीकाकरण या इस वैक्सीन में इस्तेमाल किसी चीज से एलर्जी है, उन्हें यह वैक्सीन नहीं लेना चाहिए।
एफडीए ने कहा कि मॉडर्ना वैक्सीन में इस्तेमाल किसी भी चीज से एलर्जी वाले व्यक्तियों को यह टीका नहीं दिया जाना चाहिए। बता दें कि अमेरिका दुनिया का कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित देश है। यहां अब तक एक करोड़ 71 लाख से ज्यादा मामले सामने आ गए हैं। वहीं इस महामारी के कारण तीन लाख 11 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है।
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