पूरी दुनिया इस समय कोरोना वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए हरसंभव कोशिश कर रही है। इसी बीच इंडोनेशिया ने भी लगातार बढ़ते मामलों को देखते हुए इस साल ईद पर सभी लोगों के घर जाने पर रोक लगा दी है। राष्ट्रपति जोको विडोडो ने मंगलवार को कहा कि इंडोनेशिया में बहुत बड़ी संख्या में लोग रमजान के आखिरी सप्ताह में शहरों से गांवों में अपने घरों को वापस जाते हैं।
इस साल कोरोना वायरस संक्रमण के चलते इसे प्रतिबंधित किया जा रहा है। जोको ने कहा, “मैंने निर्णय लिया है कि ‘मुदिक’ (ईद के लिए होने वाला पलायन) को इस साल के लिए सभी नागरिकों के लिए प्रतिबंधित किया जाए। इंडोनेशिया की न्यूज़ एजेंसी अंतारा के अनुसार यह निर्णय एक कैबिनेट मीटिंग के दौरान सभी सहमति से लिया गया है।”
दुनिया की सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी
गौरतलब है कि इंडोनेशिया में ईद उल फितर पर लोगों के घरों को वापस लौटने की एक पुरानी प्रथा है जिसे ‘मुदिक’ कहा जाता है। इस प्रथा के चलते रमजान के आखिरी सप्तार में लाखों की तादात में लोग यात्रा करते हैं। राष्ट्रपति के मुताबिक बुधवार को देश के हर प्रोविंस को बता दिया जाएगा कि ये प्रतिबंध कैसे लागू करना है।
दुनिया की सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी इंडोनेशिया में रहती है। यहां अभी तक 7000 से ज्यादा कोरोना संक्रमण के केस सामने आ चुके हैं और 600 से ज्यादा लोग इसमे अपनी जान गवा चुके हैं। इंडोनेशिया में लॉकडाउन और यात्रा पर रोक भी बहुत सख्ती से लागू किए गए हैं। बीते दिनों एक सर्वे कराया गया था कि कोरोना के मद्देनजर इस साल कितने लोग मुदिक के चलते घरों को लौटना चाहते हैं। इस सर्वे में 24% से ज्यादा संख्या में लोगों ने घर वापस जाने पर सहमति जताई थी जिसके बाद ये प्रतिबंध लगाया गया है।
रमजान का महीना होगा चुनौतीपूर्ण
भारत में भी रमजान 23 या 24 अप्रैल से शुरू होगा। ये मुसलमानों का सबसे पवित्र महीना है जिसके दौरान 30 दिनों तक मुसलमान मस्जिदों में नमाज और कुरान साथ पढ़ते हैं। लेकिन इस बार कोरोना वायरस के प्रकोप के चलते भारतीय मुसलमानों के लिए यह महीना एक बड़ी चुनौती होगा। रमजान एक महीना तक चलेगा। इसके बाद ईद का त्यौहार मनाया जाता है। कोरोना के चलते लॉकडाउन है जिसके कारण देशभर में मस्जिदें बंद है।
सऊदी अरब ने भी अपनी मस्जिदें बंद कर दीं, जिनमें दुनिया की सबसे पवित्र कही जाने वाली मक्का की मस्जिद भी शामिल है। ईरान की इस्लामी सरकार ने कहा है कि अगर मुसलमान लॉकडाउन के कारण रमजान में रोजे न रखना चाहें तो कोई हर्ज नहीं। उधर भारत के जिम्मेदार मुसलमानों ने भी रमजान के महीने में लोगों से मस्जिद जा कर नमाज न पढ़ने की सलाह दी है।
भारत में रमजान के लिए गाइडलाइन
भारत के बुद्धिजीवियों ने मौलवियों से सलाह करके भारतीय मुसलमानों के लिए कुछ गाइडलाइंस जारी की हैं, जिनमें से ख़ास ये हैं:
-मस्जिदों के बजाय मुसलमान अपने घरों में नमाज पढ़ें और लॉकडाउन में मस्जिदों से लाउडस्पीकर से अजान भी बंद कर दें।
-रोजा खोलने के बाद रात में पढ़ी जाने वाली नमाज और तरावीह (रोजा खोलने के बाद की एक अहम नमाज) भी घरों में पढ़ें।
-मस्जिदों में इफ्तार पार्टी का आयोजन न करें।
-रमजान की खरीदारी के लिए घरों से बाहर न निकलें।
साथ ही देशभर की मस्जिदों से रमजान में लॉकडाउन का पालन करने की घोषणा भी की जा रही है।