कर्ज में डूबे पाकिस्तान की मुस्किले बढ़ती जा रही हैं। तेल के बढ़ते दामों ने पाकिस्तान की कमर तोड दी है। इस मुल्क की कार्यवाहक सरकार जनता को इस परेशानी से निजात नहीं दिला पा रही। हाल ही में पेट्रोल और डीजल के दामों में बढ़ोतरी हुई है। बीबीसी की एक रिपोर्ट अनुसार पाकिस्तान में पेट्रोल की क़ीमत 331.38 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर है जबकि डीज़ल की क़ीमत 329.18 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर है।
तेल के बढ़ते कीमतों से परेशान जनता सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर आई है। डीलरों ने अपने हाथ खड़े कर लिए हैं। वहीं पेट्रोल पंपों में अब तेल खत्म होने को है। इस देश की मुश्किलें और बढ़ गई जब तेल टैंकरों ने भी हड़तालें शुरु कर दी। इस संदर्भ में पाकिस्तानी तेल कंपनी सलाहकार तेल परिषद (ओसीएससी ) ने कार्यवाहक सरकार को पहले ही चेतावनी दी थी कि तेल टैंकर हड़तालों से तेल आपूर्ति में बाधा पहुँच सकती है। हालांकि सरकार ने इसे नजर अंदाज किया। पाकिस्तान के कुछ शहरों में तेल आपूर्ति निलंबित कर दी गई है।
पाकिस्तान ऑयल कॉन्ट्रेक्टर एसोसिएसन के प्रवक्ता नोमान अली बट का कहना है कि इस्लामाबाद और रावलपिंडी , गिलगित ब्लाटिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भी डीजल और पेट्रोल की आपूर्ति निलंबित कर दी गई है। कार्यवाहक सरकार को पाकिस्तानी डेमोक्रेटिक मूवमेंट ( पीडीएम ) की अगली कड़ी बताते हुए जमात ए इस्लामी तेल की बढ़ती कीमतों के विरोध में 19 सितम्बर से शहरव्यापी प्रदर्शन की घोषणा की थी।
डॉन अख़बार की एक रिपोर्ट अनुसार जमात ए इस्लामी करांची के प्रमुख हाफिज नईमुर रहमान का कहना है कि हमारा प्रदर्शन बिलकुल अलग होगा। उन्होंने करांची के नागरिकों से मौजूदा शासकों को जवाबदेही ठहराने के लिए जमात ए इस्लामी के संघर्ष में शामिल होने की अपील की है।
उन्होंने अपील में कहा कि 19 सितम्बर को शहर के प्रमुख राजमार्गों को अवरुद्ध कर विरोध प्रदर्शन किये जाए। जिससे सरकार को यह स्पष्ट हो सके कि वो पेट्रोल डीजल की कीमतों को कम करें या परिणाम भुगतने को तैयार रहे। उन्होंने कहा कि कार्यवाहक सरकार पिछली गठबंधन सरकार की अगली कड़ी है। जमात ए इस्लामी कराची के कहने अनुसार कार्यवाहक सरकार एक महीने के अंदर तीन दफा पेट्रोल की कीमतें बढा चुकी है।
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पेट्रोल डीजल ने बढ़ाई महंगाई
गौरतलब है कि पाकिस्तान में महंगाई इस समय सबसे ऊंचे स्तर पर है, जिसका मुख्य कारण देश में डीजल और पेट्रोल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी है। पाकिस्तान में मुद्रास्फीति दर को मापने के लिए सांख्यिकी ब्यूरो द्वारा विकसित प्रणाली का एक अहम हिस्सा परिवहन क्षेत्र है और मासिक मुद्रास्फीति दर को मापने के पैमाने में इसका हिस्सा 6 प्रतिशत है। डीजल और पेट्रोल की कीमतों में बढ़ोतरी से लोगों की ईंधन लागत तो बढ़ी है, साथ ही डीजल के दाम बढ़ने से खेतों, बाजारों, फैक्ट्रियों और बंदरगाहों से माल ले जाने वाले ट्रांसपोर्ट पर भी खर्च में कई गुना बढ़ोतरी हुई है।
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