पूरे विश्व में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए हरसम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। जिसके लिए कई देशों ने लॉकडाउन की अवधि बढ़ा दी है। चार दिनों तक लगातार कोरोना संक्रमण के मामलों में पहले से कम केस देखे गए थे। लेकिन 15 अप्रैल को संक्रमण की संख्या बढ़ गई। दुनियाभर में बीते 24 घंटों में 84,515 नए केस सामने आए हैं जिसके बाद संक्रमण के कुल मामले बढ़कर अब 20,82,372 हो गए हैं।
बुधवार को इसकी चपेट में आने के बाद लगभग 8000 लोगों की मौत हो गई। जिसके बाद मौत का आंकड़ा बढ़कर 1,34,560 हो गया है। अभी तक पूरी दुनिया में कोरोना के 14 लाख से ज्यादा एक्टिव केस हैं जिनमें से 51 हज़ार से अधिक ICU में काफी गंभीर हालत में हैं। साथ ही राहत की बात यह भी है कि लगभग 5 लाख संक्रमित लोग ठीक होकर अपने घर लौट गए हैं। इसी बीच गुरूवार का दिन अमेरिका और फ्रांस के लिए काफी मुश्किलों भरा रहा।
गवर्नर के इस आदेश का हुआ विरोध
कोरोना वायरस के कारण कई देशों में अधिकतर व्यवसाय बंद हैं। जिसको लेकर लोग चिंतित है। वायरस के संक्रमण को देखते हुए अमेरिका के मिशिगन में गवर्नर ग्रेचेन व्हिमर ने आदेश दिया था कि लोग घरों से न निकले साथ ही अपने व्ययसाय भी बंद ही रखे। जिसके बाद 15 अप्रैल बुधवार को इस आदेश के विरोध में लोगों ने सड़को पर उतरकर अपनी नाराजगी दर्ज कराई। कई प्रदर्शनकारियों के हाथों में बंदूकें भी थी। इस विरोध प्रदर्शन में लोग सैंकड़ों की संख्या में मौजूद थे। साथ ही पोस्टर लहरा कर विरोध कर रहे थे। इन पोस्टर्स पर लिखा था, “गवर्नर व्हिमर हम कैदी नहीं हैं।” एक अन्य पोस्टर पर लिखा था, “मिशिगन के लोग ग्रेचेन के खराब रवैये के खिलाफ हैं।”
इस प्रदर्शन के कुछ घंटे बाद, व्हिमर की ओर से पत्रकारों से कहा गया कि रैली ने अब लोगों के स्वास्थ्य को और भी खतरे में ढकेल दिया है। यह विरोध प्रदर्शन ‘ऑपरेशन ग्रिडलॉक’ मिशिगन कंजर्वेटिव कोलिशन की ओर से आयोजित किया गया था। इस संगठन से जुड़े सदस्य मेशॉ मैडॉक का कहना है ,कि व्यवसायों को बंद करने, इन सभी कर्मचारियों को व्यवसाय से बाहर करने का यह मनमाना फैसला सिर्फ एक आपदा है। यह मिशिगन के लिए एक आर्थिक आपदा है। लोग इससे थक चुके हैं।