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पाकिस्तान में भले ही लोकतांत्रिक सरकारें सत्ता पर काबिज रही हों,  शासन में सेना का पूरा दखल रहता आया है। वर्तमान में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहे मुल्क में इन दिनों सेना की जमकर तारीफ हो रही है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने स्वयं सेना की सराहना करते हुए ट्वीट किया है ‘कई सुरक्षा चुनौतियों के बावजूद आर्थिक संकट की घड़ी में सेना की ओर से अपने खर्च में कटौती का फैसला स्वागत योग्य है। हम इन पैसों का उपयोग ब्लूचिस्तान और कबायली इलाकों के विकास में करेंगे।’ दरअसल पाक सेना ने घोषणा की है कि देश की खराब वित्तीय दशा के चलते सेना स्वयं ही रक्षा बजट में कटौती करने जा रही है।
पाक सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल आसिफ गफ्फूर ने बयान जारी किया है कि ‘डिफेंस बजट में कटौती के बावजूद हम हर खतरे से निपटने के लिए तैयार हैं।’ पाकिस्तान भर में सेना के इस कदम की भूरि-भूरि प्रशंसा हो रही है। जनता खुलकर सेना के पक्ष में सोशल मीडिया के जरिए अपनी बातें रख रही है। पाकिस्तान का कुल सैन्य बजट लगभग 11 .4 अरब है जो पाकिस्तान की कुल जीडीपी का चार प्रतिशत है। इसकी तुलना में भारत का रक्षा बजट 66 .5 अरब डाॅलर रहा है, जबकि 649 अरब डाॅलर के साथ अमेरिका का रक्षा बजट विश्व में सबसे ज्यादा है।
पाकिस्तान के समक्ष इस समय आर्थिक संकट अपने चरम पर है। पिछले दिनों
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से छह अरब डाॅलर का बेलआउट पैकेज मिलने के बावजूद पाकिस्तान की आर्थिकी लगातार गिरावट की तरफ जा रही है।

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