पड़ोसी देश पाकिस्तान में इस महीने के अंत में सेना को एक नया आर्मी चीफ मिल सकता है। इस महीने की 29 तारीख को वर्तमान जनरल कमर जावेद बाजवा रिटायर होने वाले हैं। दरअसल दुनिया के हर देश में सेना प्रमुख को चुनने और नियुक्ति प्रक्रिया एकदम अलग है लेकिन चर्चा केवल पाकिस्तान की रहती है। पाकिस्तान की सेना को लेकर कई बार विवाद भी हुए हैं। पाकिस्तान के नए आर्मी चीफ बनने की खबर दुनियाभर में चर्चा का विषय बना हुआ है। इसका कारण नए आर्मी चीफ की नियुक्ति का न सिर्फ सैन्य होना बल्कि राजनीतिक रूप से भी एक बड़ा घटनाक्रम माना जाना है ।
पाकिस्तान में सेना सबसे बड़ी और शक्तिशाली संस्था मानी जाती है। 29 नवंबर को पाकिस्तान की सेना के सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। जिसके बाद देश में नया सेना प्रमुख नियुक्त होगा। इस नियुक्ति का पाकिस्तान के नाजुक लोकतंत्र के भविष्य पर बहुत ही अहम और महत्वपूर्ण असर पड़ सकता है, लेकिन यह पड़ोसी देश भारत के साथ संबंधों को मधुर की अनुमति देगा या नहीं यह भी इस नियुक्ति पर ही टिका है। भारत से अलग होने के बाद पाकिस्तान ने अपने 75 वर्षों के दौरान सेना द्वारा तख्तापलट की स्थिति को देखा है। इस दौरान भारत के साथ उसने तीन युद्ध भी लड़े हैं।
जब भी पाकिस्तान में जनता द्वारा एक चुनी हुई सरकार सत्ता पर काबिज होती है तब भी वहां की सेना का सुरक्षा से लेकर विदेशी मामलों में बहुत हस्तक्षेप रहता है। यानी वहां की सेना ही तय करती है कि उसे पड़ोसी देशों के साथ संबंध कैसे रखने हैं। साल 2016 में जनरल बाजवा को सेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया था, उस दौरान उन्होंने चीन और अमेरिका के साथ संबंधों को संतुलित करने का पूरा प्रयास किया था। इस बीच जैसे-जैसे इस्लामाबाद बीजिंग के करीब जाता गया जनरल बाजवा ने अमेरिका के वॉशिंगटन के साथ संबंधों को सुधारने की कोशिश की। पिछले साल अफगानिस्तान से पश्चिमी बलों की वापसी के दौरान उनके द्वारा अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ मिलकर काम किया गया। देश के आर्थिक मामलों में भी उन्होंने काफी काम किया। इनमें से एक था सेना को देश के बजट से कितना हिस्सा मिलना चाहिए।
भारत पर क्या असर
भारत की नजर भी पाकिस्तान में नए आर्मी चीफ की नियुक्ति पर है। क्योंकि नया चीफ बनने के बाद नए आर्मी चीफ पर निर्भर होगा कि भारत-पाकिस्तान संबंध और कश्मीर पर पाकिस्तान का क्या रुख रहेगा । बाजवा द्वारा वर्ष 2021 की शुरुआत में एलओसी पर भारत के साथ सीजफायर एग्रीमेंट की बहाली को मंजूरी दी गई थी। अब देखना यह होगा कि नए आर्मी चीफ के आने के बाद एलओसी पर शांति रहेगी या पाकिस्तानी सेना की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन जारी रहेगा।
नया सेनाध्यक्ष या बाजवा की होगी वापसी
फ़िलहाल नए सेनाध्यक्ष के लिए छह नामों की चर्चा हो रही है। जिसमें ले. जनरल असीम मुनीर, ले. जनरल साहिर शमशाद मिर्जा, ले. जनरल अजहर अब्बास, ले. जनरल नौमान महमूद, ले. जनरल फैज हमीद और ले. जनरल मोहम्मद आमिर शामिल हैं। लेकिन इस बीच ऐसे कयास भी लगाए जा रहे हैं कि सरकार द्वारा बाजवा का कार्यकाल बढ़ाया भी जा सकता है। पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा एम. आसिफ द्वारा इस बारे में कहा गया है कि सरकार सेना प्रमुख की नियुक्ति और सेवा विस्तार के मामले में और अधिक अधिकार दिए जाने को लेकर 1952 के सेना अधिनियम में संशोधन पर काम कर रही है। प्रस्तावित संशोधन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को एक अधिसूचना जारी कर नए आर्मी चीफ की नियुक्ति और सेवा बढ़ाने का अधिकार होता है जिसके लिए राष्ट्रपति की मंजूरी आवश्यक है। इस समय देश राजनीतिक और आर्थिक संकट से जूझ रहा है और कयास लगाए जा रहे हैं कि जनरल बाजवा का कार्यकाल बढ़ाया जा सकता है।