जम्मू -कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने को लेकर पाकिस्तान भारत से खपा है। यहां तक कि वह इस मसले पर भारत से व्यापारिक रिश्ते भी कायम करने को तैयार नहीं है। पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार मोईद यूसुफ ने संबंधों में सुधार की शर्त को जम्मू कश्मीर से जोड़ते हुए कहा कि भारत के साथ कोई भी व्यापर तब तक नहीं होगा जब तक भारत कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर अपना फैसला वापस नहीं लेता है।
इससे पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत से कपास और चीनी के आयात के मुद्दे पर अपने कैबिनेट के अहम सदस्यों के साथ विचार-विमर्श के बाद फैसला किया कि मौजूदा हालात में पड़ोसी देश के साथ किसी भी तरह के कारोबार को आगे नहीं बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने यह बात कहकर काफी समय से करीब आ रहे दोनों देशों के इस प्रयास पर ब्रेक लगाकर दूरी बढ़ाने का काम किया है।
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पाकिस्तान सरकार ने दरअसल, दोनों देशों के संबंधों को लेकर 25 फरवरी 2021 को डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन के बीच वार्ता हुई थी। इसके बाद दोनों देश सीमा पर शांति बहाली को लेकर सीजफायर को तैयार हुए थे। वर्षों बाद अचानक हुई इस वार्ता ने जहां सभी का ध्यान अपनी ओर खींचा था वहीं ये भी सवाल उठने लगे कि ऐसा अचानक क्यों और कैसे हुआ। इसके बाद दोनों देशों के राष्ट्राध्यक्षों के बीच पत्र व्यवहार शुरू हुआ। इसके बाद इस्लामाबाद में हुए सिक्योरिटी डायलॉग में पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि दोनों देशों को बीती बातें भुलाकर संबंधों को मजबूत करने की पहल करनी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा था कि दोनों देशों को सभी मुद्दों पर बातचीत करनी चाहिए जिसमें कश्मीर भी शामिल है। हालांकि इस सिक्योरिटी डायलॉग में इमरान खान ने कहा कि संबंध सुधारने के लिए बातचीत की पहल भारत को करनी होगी। उनका ये बयान उस बयान से बिल्कुल अलग था जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत एक कदम चलेगा तो पाकिस्तान दो कदम चलने के लिए तैयार है। इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान दिवस पर बधाई दी और दोनों देशों के बीच संबंधों को सुधारने की पहल की। इसके बाद इमरान खान की तरफ से भी पीएम मोदी को पत्र लिखा गया था, जिसमें संबंधों को सुधारने की पहल की बात की गई थी। इसके बाद ही दोनों देशों के बीच व्यापार की शुरुआत करने की कवायद शुरू हुई थी।
पाकिस्तान की तरफ से कहा गया था कि वो भारत के साथ व्यापार की शुरुआत करेगा। इसके तहत पाकिस्तान में आर्थिक समन्वय समिति (ईसीसी) की बैठक हुई थी। इसमें कई प्रस्ताव पेश किए गए। ईसीसी से विचार के बाद भारत से कपास और चीनी के आयात को स्वीकृति प्रदान की गई थी। लेकिन पाकिस्तान के अखबार द डॉन के मुताबिक इस स्वीकृति के बाद कैबिनेट की बैठक में इसको लेकर चर्चा हुई। जिसमें इमरान खान की तरफ से कहा गया कि कश्मीर मुद्दे पर दोनों देशों में जारी तनाव के बीच पाकिस्तान भारत से कारोबार को लेकर हाथ आगे नहीं बढ़ा सकता है। इसके जवाब में भारत ने कहा कि वो आतंकवाद, शत्रुता और हिंसा मुक्त माहौल पाकिस्तान से बेहतर संबंध बनाने का इच्छुक है। भारत ने साफ कर दिया है कि अब ये पाकिस्तान को तय करना है कि वो संबंधों को बेहतर बनाने के लिए पहल करे।