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गधों और कुत्तों का निर्यात करेगा पाकिस्तान

पड़ोसी देश पाकिस्तान बाढ़ और आर्थिक तंगी की दोहरी मार झेल रहा है। स्थिति इतनी खराब है कि कभी चीन से तो कभी आईएमएफ से कर्ज की मांग कर रहा है। इसी बीच आर्थिक तंगी से निपटने के लिए चीन ने एक बार फिर पाकिस्तान को गधे और कुत्ते निर्यात करने का सुझाव दिया है। चीन के इस सुझाव से संभावना जताई जा रही है कि पाकिस्तान अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए गधों और कुत्तों का निर्यात कर सकता है।

पाकिस्तानी वाणिज्य मंत्रालय के अनुसार चीन ने पाकिस्तान से गधों और कुत्तों को इम्पोर्ट करने में रुचि व्यक्त की है। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक वाणिज्य पर सीनेट की स्थायी समिति की बैठक इस्लामाबाद में जीशान खानजादा की अध्यक्षता में आयात और निर्यात पर एक ब्रीफिंग प्राप्त करने के लिए आयोजित की गई थी। पाकिस्तान सीनेट स्थायी समिति के सदस्य दिनेश कुमार मुताबिक चीन पाकिस्तान से गधों के साथ-साथ कुत्तों को भी निर्यात करने के लिए कह रहा है। सीनेट अब्दुल कादिर के मुताबिक भी चीनी राजदूत पाकिस्तान से मांस निर्यात करने की बात कई बार कह चुके है।

गौरतलब है कि बीते वर्ष पंजाब प्रान्त में सरकार ने विदेशी मुद्रा हासिल करने के लिए गधों को निर्यात करने के उद्देश्य से ओंकारा जिले में एक फार्म भी स्थापित किया । इस फर्म में अमेरिकी सहित नस्लों के गधों को चीन और अन्य देशों में निर्यात के लिए पाला जाएगा।

 

गधों ,कुत्तों में क्यों दिलचस्पी दिखा रहा चीन

 

चीन पाक्सितान से गधों का निर्यात करवाता रहा है, लेकिन इस बार कुत्तों को भी निर्यात करने के लिए जोर दे रहा है। चीन मांस निर्यात के लिए एक बड़ा बाजार रहा है। इसलिए चीन में गधों और कुत्तों की मांग हमेसा से ही रही है। इस देश में कुत्तों का मीट खाया जाता है। ये देश पाकिस्तान से गधों के निर्यात में इसलिए दिलचस्पी दिखाता रहा है क्योंकि चीन पारंपरिक चीनी दवाओं, “ईजाओ” या जिलेटिन के निर्माण में जानवरों की खाल का उपयोग करते हैं। इसके अलावा, ब्लड सर्कुलेशन बढ़ाने और इम्यूनिटी सिस्टम को बढ़ाने के लिए दवा में इस्तेमाल किया जाता है। चीन दावा करता है कि इनके मांस से एनीमिया, नींद न आना, सर्दी-जुकाम और दूसरी तमाम बीमारियां ठीक होती हैं। यही नहीं उम्र का प्रभाव भी लोगों पर कम होता है। गौर करने वाली बात यह कि इसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं बल्कि सिर्फ यह पारंपरिक चीनी मेडिसिन का हिस्सा है। .

पाकिस्तान के अलावा चीन अफगानिस्तान से भी गधे खरीदता रहा है। ये दोनों ही देश चीन के नजदीक पड़ते है और सस्ते दामों में चीन यहां से गधों की खरीद करता रहा है। लेकिन इन दिनों चीन अफगानिस्तान से गधों के मांस की प्राप्ति नहीं कर पा रहा है। दरअसल अफगानिस्तान में लम्पि वायरस की वजह से जानवर बीमार पड़े है। वहीं चीन मांस प्राप्ति के लिए और आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाक्सितान की आर्थिक मदद के लिए गधों सहित कुत्तों को निर्यात करने की मांग की है।
चीन के बाद तीसरे नंबर पाकिस्तान सबसे बड़ा गधों की आबादी वाला देश है। इस देश में तकरीबन 57 लाख गधों की संख्या है। इससे पहले भी इमरान खान के शासनकाल में पाकिस्तान द्वारा चीन को गधे निर्यात किये गए थे। उस दौरान इस समझौते से दोनों देशों के बीच रिश्ते प्रगाढ़ हुए थे। 2017 में गधा विकास कार्यक्रम’ के तहत खैबर पख्तूनख्वा में चीनी निवेशकों को आकर्षित करने के लिए गधे रखे गए थे।

 

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