पत्रकार जमाल खशोगी मर्डर केस में सऊदी अरब शहजादे का हाथ होने के अमेरिकी इंटेलीजेंस रिपोर्ट के बाद पूरी दुनिया की सियासत गर्म है
और हर कोई अमेरिका की तरफ देख रहा है कि अमेरिका सऊदी अरब क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के खिलाफ क्या एक्शन लेता है।
मगर इसी बीच पाकिस्तान ने मोहम्मद बिन सलमान का समर्थन करने का ऐलान कर दिया है। पाकिस्तान की तरफ से आधिकारिक बयान में कहा है कि पाकिस्तान जमाल खशोगी मर्डर केस में सऊदी अरब शाही परिवार के साथ है। पाकिस्तान ने कहा है कि वो सऊदी अरब राजपरिवार के साथ है और पाकिस्तान मानता है कि राजपरिवार ने जमाल खशोगी मर्डर केस में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की है। पाकिस्तान की तरफ से कहा गया है कि राजपरिवार ने जो भी किया है वो सही है किया और पाकिस्तान पूरी तरह से सऊदी राजपरिवार के साथ खड़ा है।
अमेरिका में रह रहे सऊदी के पत्रकार जमाल खागोशी की हत्या के मामले में पांच दोषियों को मौत की सजा सुनाई गई थी, वहीं तीन अन्य दोषियों को 24 साल जेल की सजा दी गई है। क्राउन प्रिंस के कठोर आलोचक रहे खशोगी की हत्या तुर्की में सऊदी के वाणिज्य दूतावास में कर दी गई थी। इस हत्या के बाद दुनियाभर में सऊदी के खिलाफ प्रदर्शन हुए थे। खशोगी वॉशिंगटन पोस्ट अखबार के लिए एक स्तंभ लिखते थे और गायब होने से पहले अमेरिका में रहते थे। उन्हें अंतिम बार 2 अक्टूबर 2018 को इस्तांबुल में सऊदी वाणिज्य दूतावास में प्रवेश करते देखा गया था, जहां वह तुर्की की अपनी मंगेतर से शादी करने के लिए कुछ कागजात लेने गए थे। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूह ने सऊदी पत्रकार जमाल खागोशी हत्या के लिए न्याय की मांग की थी।
हाल ही में अमेरिका की खुफिया एजेंसी ने खुलासा किया था कि जमाल खागोशी की हत्या के पीछे सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान का हाथ था। उन्हीं के कहने पर खागोशी की हत्या हुई। इतना ही नहीं मोहम्मद सलमान खागोशी को सऊदी के लिए खतरा मानते थे। चार पेज की इस रिपोर्ट में उन 21 व्यक्तियों के नाम हैं जिन्होंने खागोशी की हत्या करने में भाग लिया था या खशोगी की मौत में शामिल हुए थे। इस्तांबुल में ऑपरेशन पूर्व नियोजित था। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि उसे नुकसान पहुंचाने का फैसला कब किया गया। हमें नहीं पता कि ये लोग पहले से जानते थे कि ऑपरेशन से खशोगी की मौत हो जाएगी। सऊदी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि सऊदी सरकार ने “राज्य के नेतृत्व से संबंधित रिपोर्ट में नकारात्मक, गलत और अस्वीकार्य मूल्यांकन को पूरी तरह से खारिज कर दिया। विदेश मंत्रालय ने आगे कहा कि रिपोर्ट में गलत जानकारी और निष्कर्ष शामिल हैं।”