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दो पाटों के बीच में फंसा पाकिस्तान

भारी आर्थिक तंगी से जूझ रहे पाकिस्तान पर दिन प्रतिदिन दिवालिया होने का खतरा मंडराता नजर आ रहा है। मुल्क को इस संकट से उबारने के लिए कम से कम 6 अरब डॉलर की सख्त जरूरत है। आईएमएफ लंबे समय से ही पाकिस्तान को कर्ज देने से कतरा रहा है। हालांकि पाकिस्तान उम्मीद लगा रहा है कि अब उसे आर्थिक राहत मिल सकती है। चीन के बाद अब दुनिया के प्रमुख इस्लामिक देश सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात पाकिस्तान को कर्ज देने के लिए तैयार हो गए हैं । पाकिस्तान फरवरी की शुरुआत से ही ‘आईएमएफ’ से आर्थिक मदद मांगता रहा है ,लेकिन बात अब तक नहीं बन पाई। आईएमएफ द्वारा पाकिस्तान को पहले भी कर्ज दिया जा चुका है जिसे वो अब तक लौटा नहीं सका। बीते दिनों अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष का प्रतिनिधिमंडल दस दिनों के लिए पाकिस्तान भी गया था। लेकिन वार्ता सफल नहीं हो पाई।

 

पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार अभी अरब देशों से मिले कर्ज के संग्रह से ही बचा हुआ है और उस राशि को पाकिस्तान खर्च नहीं कर पाएगा। पिछले दिनों पाकिस्तान को कर्ज मिलने की उम्मीद तब बंधी जब सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर कर्ज देने का वादा किया। वहीं UAE ने भी इस मामले में अपना हाथ बढ़ाया है । सऊदी अरब ने हाल ही में पाकिस्तान को दो अरब डॉलर देने का भरोसा दिया है । लेकिन साल में ये दूसरी बार है जब सऊदी ने इस तरह का भरोसा दिया है। UAE ने भी अभी सिर्फ वादा ही किया है। ऐसे में संभवना जताई जा रही है कि यदि ये दोनों मुल्क पाकिस्तान को आर्थिक पैकेज देते हैं तो पाकिस्तान सरकार देश को डिफॉल्ट होने से बचा सकती है। यदि इन मुल्कों ने भी पाकिस्तान का साथ छोड़ दिया तो पाकिस्तान दिवालिया हो सकता है। पाकिस्तान पर अबतक 100 अरब डॉलर से ज्यादा का कर्ज हो चुका है।

 

आईएमएफ की शर्ते

 

इस्लामिक मुल्कों के आर्थिक पैकेज देने से ही आईएमएफ पाकिस्तान को कर्ज देने के बारे में सोच सकता है। आईएमएफ ने पिछले दिनों ही स्पष्ट कर दिया था कि पाकिस्तानी मुल्क को 1.2 अरब डॉलर की किस्त तभी जारी की जा सकती है, जब वो किसी दूसरे देश से कम से कम 2 अरब डॉलर कर्ज ले और उसे अपने फॉरेन रिजर्व में बतौर गारंटी मनी डिपॉजिट करे। आईएमएफ की इस शर्त को पूरा करने के लिए ही शहबाज शरीफ ने तीन देशों से आर्थिक मदद की गुहार लगाई। ये देश चीन , UAE ,और सऊदी अरब हैं। चीन ने 2 अरब डॉलर का लोन रोल ओवर किया है । यानी इसने पाकिस्तान से अपने पिछले कर्ज की वसूली कुछ वक्त के लिए टाल दी। इसके बाद 500 मिलियन डॉलर कर्ज और दे दिया, लेकिन ये ऊंट के मुंह में जीरा समान है।

मित्र मुल्कों और आईएमएफ के बीच फंसा पाकिस्तान

 

पाकिस्तान को कर्ज देने के मामले में सऊदी अरब की बात करें तो क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने चार महीने पहले शहबाज शरीफ से वादा किया था, कि वो पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर लोन देंगे। लेकिन वादा पूरा नहीं किया गया। पाकिस्तान के अखबार, ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने पिछले महीने बताया था कि उस दौरान सऊदी अपने पैसे की गारंटी मांग रहा था। बहरहाल, बैक डोर डिप्लोमेसी रंग लाई और अब सऊदी अरब ने साफ कर दिया है कि वो पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर देगा। पाकिस्तानी संसद में इसका ऐलान वित्त राज्य मंत्री आयशा गौस द्वारा किया गया है । पाकिस्तानी अखबार ‘द न्यूज इंटरनेशनल’ ने देश के आला अफसरों से बातचीत के बाद एक रिपोर्ट पब्लिश की थी । जिसके मुताबिक आईएमएफ कर्ज देने के लिए गारंटी चाहता है। वहीं दूसरी ओर ये मुल्क भी पाकिस्तान से अपने पैसों की गारंटी चाहते हैं। इसके लिए उनकी शर्त है कि पाकिस्तान सरकार पहले IMF से गारंटी दिलाए। दोनों ही पक्षों ने पाकिस्तान को जबरदस्त उलझा दिया है।

 

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