- प्रियंका यादव
पाकिस्तान आर्थिक तंगी के दौर से गुजर रहा है। लगातार गिरती रुपए की कीमत और विदेशी मुद्रा का संकट अपने चरम पर पहुंच चुका है। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने पाकिस्तान की रेटिंग गिरा मुसीबत बढ़ा दी है। दरअसल, पाकिस्तान पर 10 बिलियन डॉलर का कर्ज है। मूडीज के आकलन के अनुसार पाकिस्तान अपने बॉन्ड धारकों को ब्याज या मूलधन के भुगतान करने में असमर्थ दिखाई दे रहा है
पड़ोसी देश पाकिस्तान में निजाम बदलने के बाद भी न ही राजनीतिक हालात स्थिर हो रहे हैं और न आर्थिक संकट कम होने का नाम ले रहा है। देश में लगातार गिरती रुपए की कीमत और विदेशी मुद्रा का संकट गहरा गया है। हालत यह हो गई है कि देश पर दिवालिया होने का खतरा मंडराने लगा है। दरअसल आर्थिक तंगी से निपटने के लिए पाकिस्तान दर-दर भटक रहा है। वर्ल्ड बैंक के आधिकारिक पत्र के अनुसार देश की जीडीपी की ग्रोथ रेट में पांच फीसदी से दो फीसदी तक की भारी गिरावट का अनुमान लगाया गया है। विश्व बैंक के अनुसार गरीबी 2 से 4.5 फीसदी तक बढ़ जाएगी। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक से कर्ज जारी करवाने की पाकिस्तान की चुनौती और भी बढ़ गई है।
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने पिछले हफ्ते पाकिस्तान की रेटिंग गिरा दी है। मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने साख रेटिंग को गिरा कर पाकिस्तान की मुसीबत और बढ़ा दी है। इस कंपनी ने पाकिस्तान की सॉवरेन क्रेडिट रेटिंग को बी-3 से गिरा कर सीएए-1 कर दिया है। हाल ही में आई भीषण बाढ़ के बाद पाकिस्तान की विदेशी वित्तीय जरूरतें बढ़ गई हैं, इस कारण भुगतान संतुलन का संकट पैदा हो गया है। पाकिस्तान को मौजूदा समय में विदेशी ऋण की बेहद जरूरत है। ऐसे में मूडीज के इस फैसले से पाकिस्तान के लिए विदेशी ऋण सहायता प्राप्त कर पाना मुश्किल हो गया है। मूडीज ने रेटिंग गिराने के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ के बाद विदेशी वित्तीय जरूरतें बढ़ गई हैं, जिससे भुगतान संतुलन का संकट और गहराने का जोखिम पैदा हुआ है।
पश्चिमी देशों से नहीं मांगेगा कर्ज
मूडीज द्वारा रेटिंग गिराने का यह फैसला पाकिस्तान को रास नहीं आया। जिसके चलते मूडीज द्वारा किए गए आकलन को गलत साबित करने के प्रयास में लगा हुआ है। इन्हीं प्रयासों में एक कदम बढ़ाते हुए पाकिस्तान ने एलान किया है कि कर्ज भुगतान में रियायत करने हेतु कर्जदाता देशों के समूह पेरिस क्लब से संपर्क नहीं करेगा। यह बात ऐसे समय में कही गई है जब देश में आर्थिक उथल-पुथल जारी है। देश नकदी की कमी से जूझ रहा है और विदेशी कर्ज को लेकर इसे कभी भी डिफॉल्टर घोषित किया जा सकता है। पाकिस्तानी वित्त मंत्री इशाक डार ने एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान देश की रेटिंग ग्रोथ गिरने को लेकर कहा देश के रेटिंग गिराने के फैसले का बड़ा कारण यह है कि पाकिस्तान ने पेरिस क्लब के देशों से कर्ज राहत देने की गुजारिश की है। दरअसल इन देशों का पाकिस्तान के ऊपर 10 बिलियन डॉलर का कर्ज है। पाकिस्तान को कर्ज भुगतान के साथ-साथ पांच दिसंबर को एक बिलियन डॉलर के बॉन्ड का भुगतान निजी अंतरराष्ट्रीय बॉन्ड धारकों को भी करना है। लेकिन मूडीज के आकलन के अनुसार पाकिस्तान अपने बॉन्ड धारकों को ब्याज या मूलधन के भुगतान करने में असमर्थ है।
कर्ज के लिए हर संभव प्रयास कर रहा पाकिस्तान
विश्व बैंक से एक बिलियन डॉलर कर्ज लेने के लिए पाकिस्तान हर संभव प्रयास कर रहा है। इन्हीं प्रयासों के चलते पाकिस्तान ने कुछ दिन पहले विश्व बैंक को आश्वासन दिया था कि वह उसकी शर्तों पर अमल के लिए नया कर्ज लेने से पहले कदम उठाएगा। दरअसल, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लिए 20 लाख अमेरिकी डॉलर कर्ज लेने के बाद पाकिस्तान में गरीबी 2 से 4.5 फीसदी तक बढ़ जाएगी।
कहा जा रहा है कि दक्षिण एशियाई क्षेत्र में पाकिस्तान का आर्थिक संकट श्रीलंका के बाद दूसरे नंबर पर है। दक्षिण एशिया के लिए विश्व बैंक के मुख्य इकोनॉमिस्ट हैंस टिमर ने वॉशिंगटन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया था कि पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को दक्षिण एशिया में श्रीलंका जैसी आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। टिमर ने फॉल 2022 इकनॉमिक आउटलुक फॉर साउथ एशिया रिपोर्ट जारी की है जिसके मुताबिक पाकिस्तान में महंगाई दर 11 .5 फीसदी के मुकाबले 23 फीसदी तक बढ़ गई है। विश्व बैंक के मुताबिक पाकिस्तान में 90 लाख लोग गरीबी रेखा के नीचे आ जाएंगे।