भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान की आर्थिक स्तिथि काफी ख़राब हो गई है। पकिस्तान के पास केवल दो महीने से भी कम आयात की विदेशी मुद्रा बचा है। इसलिए देश के मंत्री पाकिस्तानी नागरिकों से चाय कम पीने की अपील कर रहे है।
दरअसल,पिछले कुछ समय से पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार लगातार कम होता जा रहा है, जिससे देश को आयात घटाने पर मजबूर होना पड़ा है। फरवरी में पाकिस्तान के पास मुद्रा भंडार 16 अरब डॉलर था जो जून के पहले हफ्ते में घटकर 10 अरब डॉलर रह गया। पाकिस्तान के दो महीने के कुल आयात का खर्च इससे ज्यादा है। ऐसे में डॉलर बचाने के लिए पिछले महीने ही कराची में अधिकारियों ने गैर-जरूरी ऐश-ओ-आराम की दर्जनों चीजों के आयात पर रोक लगा दी थी। इसके साथ पाकिस्तान के वरिष्ठ मंत्री अहसान इकबाल ने देश के नागरिक से अपील की है कि वह रोजाना की चाय को कम पिए। इसके साथ ही उन्होंने कहा कम चाय पीना देश के लिए मददगार साबित होगा। क्योंकी इससे देश का आयत बिल कम हो सकेगा।पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक,पाकिस्तान के पास दो महीने से भी कम आयात की विदेशी मुद्रा बची है। वह चाय का दुनिया में सबसे बड़ा आयातक है और हर साल लोग अरबों रुपये की चाय पी जाते हैं। पिछले वर्ष पाकिस्तान ने कुल 60 करोड़ डॉलर यानी लगभग 32 अरब भारतीय रुपये की चाय आयात की थी।
आर्थिक बहाली बड़ी चुनौती
आर्थिक बहाली पाकिस्तान सरकार के लिए इस वक्त सबसे बड़ी चुनौती है। लेकिन यह संकट नया नहीं है वर्ष 2019 में भी पाकिस्तान ऐसी ही स्थिति में था और तब अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से उसे मदद लेनी पड़ थी। तब भी देश का मुद्रा भंडार कम हो गया था जिसके चलते उसे आईएमएफ से कर्ज लेना पड़ा था। लेकिन यह मदद बाद में रोक दी गई थी क्योंकि आईएमएफ को देश की आर्थिक हालत पर भरोसा नहीं था। शहबाज शरीफ सरकार चाहती है कि छह अरब डॉलर की मदद का यह समझौता फिर से शुरू हो।
इस बीच चाय में कटौती की गुजारिश सोशल मीडिया पर सुर्ख़ियो का विषय बन गया है। लोग इस पर लग – अलग राय रख रहे है। जैसे कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक का मानना है कि क्या सिर्फ चाय कम कर देने से देश की आर्थिक दिक्कतों का हल नहीं निकलेगा। तो वहीं कुछ नागरिकों इसे अच्छा कदम बताया है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मोहम्मद हमजा शफाकत आपने ट्विटर पर लिखते है कि,मैं फिर दोहराता हूं। हमें अपने उपभोग का चलन बदलने की जरूरत है। इसके अलाव एक नागरिक लिखता है कि,पाकिस्तान में हर सेकंड में लोग लगभग 3,000 कप चाय पी जाते हैं। यह दुनिया का सबसे बड़ा चाय आयातक देश बना हुआ है क्योंकि हम हर वर्ष 83 अरब रुपये की चाय पी जाते हैं।
गौरतलब है कि पाकिस्तान भारत का पहला पड़ोसी नहीं है जिसकी आर्थिक हालत ख़राब हो गई है।पडोसी देश श्रीलंका आर्थिक संकट का सामना कर रही है। श्रीलंका के पास अपना क़र्ज़ चुकाने तक के पैसे नहीं बचे है। यहाँ तक कि श्रीलंका के पास बुनियादी सामन खरीदने के लिए पैसे नहीं बचे है। इसी के चलते अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से मदद मांगी पड़ी है। नेपाल की भी हालत ज्यादा अच्छी नहीं है। नेपाल ने भी लग्जरी सम्मान के आयात पर रोक लगा राखी है। ताकि विदेशी मुद्रा बचाई जा सके। अप्रैल में देश के केंद्रीय बैंक ने कहा था कि विदेशी मुद्रा भंडार आधा रह गया है। साथ ही यह भी कहा था कि नेपाल का विदेशी मुद्रा भंडार आधा रह गया है। खर्च घटाने के लिए सरकार ने कार, सोना और कॉस्मेटिक्स आदि चीजों का आयात आधा कर दिया है।नेपाल में पर्यटन उद्योग लगातार संघर्ष कर रहा है। कोविड-19 महामारी के दो वर्षो के दौरान पूरा उद्योग लगभग बंद रहा है।इस दौरान देश का कुल विदेशी मुद्रा भंडार बीती मध्य जुलाई के स्तर से 17 प्रतिशत गिरकर फरवरी के मध्य में 9.75 अरब डॉलर यानी लगभग साढ़े सात खरब रह गया था।
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