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अफगान में बंद हुई ऑनलाइन शॉपिंग

आज के समय में अधिकतर लोग ऑनलाइन सेवाओं के बिना अपने जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। तकरीबन सभी देश ऑनलाइन सेवाओं के जरिये अपने देश की तरक्की करने में लगे हुए है। लेकिन अफगानिस्तान खुद ही इस तरक्की से अपने आप को वंचित कर रहा है। गौरतलब है कि अफगानिस्तान में तालीबानी राज के बाद से आर्थिक संकट के गिरफ्त में आ गया। अफगान में आर्थिक संकट इतना गहरा गया है कि यहां ऑनलाइन शॉपिंग सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं ।

 

तालिबान शासन में मानवीय हो या राजनीतिक ,आर्थिक संकट लगभग सभी प्रकार के संकट से अफगानियों को गुजरना पड़ रहा है। तालिबान शासन ने अफगान की जनता को आर्थिक संकट के चरम पर ला कर रख दिया है। इन्ही संकटों में आर्थिक संकट के चलते लोगों को कई तरह की सेवाओं से वंचित किया जा रहा है। इसी श्रृंखला में अब अफगान में प्रमुख दो ऑनलाइन शॉपिंग सेवाएं बंद कर दी गई हैं । ऑनलाइन शॉपिंग सेवा देने वाली कंपनियों ने हाल ही में वित्तीय संकट के कारण अपनी सेवाओं को बंद करने की घोषणा की है।

गौरतलब है कि अफगानिस्तान की आर्थिक स्थिति इतनी खराब हो गई है कि ये संकट लोगों के गले की फांस बना हुआ है। लोगो को समय पर उनका वेतन अभी भी नहीं मिल पा रहा है। महंगाई इस देश में आसमान छू रही है। अफगान में तालिबान शासन की वजह से लोगों का जीना दूभर हो गया है। प्रसिद्ध ऑनलाइन शॉपिंग ऐप, क्लिक ऐप द्वारा छह साल के सफल मार्केटिंग अनुभव के बाद अब इसे बंद कर दिया गया है।इसका कारण बताते हुए इस कंपनी ने अपने फेसबुक पेज पर इसकी जानकारी दी है। जानकारी के अनुसार वे अब वित्तीय मुद्दों के कारण संचालन जारी रखने में सक्षम नहीं हैं। एप्लिकेशन के आपरेटर के मुताबिक अनिश्चित आर्थिक स्थिति, पूंजी की कमी और आर्थिक चक्र के ठप होने से बाजार में बिक्री बुरी तरह प्रभावित हुई है।

आर्थिक संकट के कारण

 

अफगान में तालिबान शासन को एक साल से भी ज्यादा समय हो गया है। तालिबान शासन की शुरुआत से लेकर अब तक इस देश में आर्थिक और वित्तीय संकट बढ़ता ही जा रहें है। अफगान में लोगों के लिए भोजन, पानी, आश्रय और स्वास्थ्य की कमी के मूल कारणों में लगभग सभी आर्थिक कारण शामिल हैं । आर्थिक संकट के पीछे का कारण आय में लाखों डॉलर की कमी, कीमतों में बढ़ोतरी और बैंकिंग क्षेत्रों का ढह जाना बताया जा रहा है। गौरतलब है कि बीते वर्ष अमेरिका समेत अन्य देशों ने अफगानिस्तान के सेंट्रल बैंक, दा अफगानिस्तान बैंक, को अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग प्रणाली से काट देने का फैसला लिया था। जिसके बाद अफगानिस्तान की पूरी अर्थव्यवस्था और बैंकिंग प्रणाली लगभग पूरी तरह चरमरा गई है। जिसके कारण बड़े स्तर पर नकदी की उपलब्धता का संकट उत्पन्न हो गया । यही नहीं अमेरिकी डॉलर और अफगानी मुद्रा , दोनों के बैंक नोटों की देशव्यापी कमी हो गई है। सेव द चिल्ड्रन के कंट्री डायरेक्टर के मुताबिक इस देश में भोजन की कोई कमी नहीं है बजार भरे पड़े है। लेकिन फिर भी बच्चे भूखे मर रहे हैं । कहा जा रहा है कि लोग भोजन जैसी मूल चीजों के लिए भी पैसे भुगतान नहीं कर सकते।

 

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