हाल ही में हांगकांग में चीन की संसद द्वारा पारित राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को लेकर ब्रिटेन भी अब आक्रामक रूप अपनाता नज़र आ रहा है। इसी क्रम में ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने हांगकांग की जनता को अपना समर्थन देते हुए कहा है कि वह निडर रहे। बोरिस जॉनसन ने कहा है कि अगर चीन ने हांगकांग पर अपना नया कानून जबरदस्ती थोपने की जरा सी भी कोशिश की तो ब्रिटेन भी अपने आव्रजन नियमों को बदलने के लिए तैयार है। साथ ही हम हांगकांग के लाखों निवासियों को ब्रिटेन की नागरिकता के लिए एक संभावित रास्ता भी प्रदान करेंगे।
चीन के नए कानून को चुनौती देगा ब्रिटेन
बुधवार को ब्रिटिश पीएम जॉनसन ने कहा कि हांगकांग के लगभग 30 लाख नागरिकों की मदद के लिए ब्रिटेन अपना दरवाजा खोलने के लिए पूरी तरह तैयार है। ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन ने टाइम्स अखबार और साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के लिए लिखे एक लेख में कहा, “हांगकांग के बहुत सारे लोगों को अपने जीवन को लेकर डर लग रहा है, जो खतरे में है, जबकि चीन ने लोगों के जीवन की रक्षा और उनके अधिकार को बनाए रखने का संकल्प लिया था।”
उन्होंने यह भी कहा कि यदि चीन उनके डर को सही ठहराने के लिए आगे बढ़ता है, तो ब्रिटेन भी चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने लिखा, “हांगकांग में करीब साढ़े तीन लाख लोग वर्तमान में ब्रिटिश नेशनल (ओवरसीज) पासपोर्ट रखते हैं, जो छह महीने तक ब्रिटेन में बिना वीजा रहने की मंजूरी देता है। अन्य 25 लाख लोग इसके लिए आवेदन करने के पात्र होंगे।”
गौरतलब है कि साल 1997 में जब हांगकांग शहर चीन को हस्तांतरित कर दिया गया था, उस समय उसे कानून के तहत छूट भी दी गई थी, जो इस शहर के बुनियादी कानून का एक अंश है। प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, “यदि चीन अपने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून को हांगकांग में लागू करता है तो ब्रिटिश सरकार अपने आव्रजन नियमों को बदल देगी और पासपोर्ट धारी हांगकांग के किसी भी नागरिक को 12 महीने के लिए ब्रिटेन आने की अनुमति दी जाएगी। इनको आव्रजन अधिकार दिए जाएंगे जिसमें काम करने अधिकार भी शामिल है। यह उनके लिए नागरिकता का रास्ता खोलेगा।”
विवादित सुरक्षा कानून को मिल चुकी हैं संसद में मंजूरी
चीन की संसद में गुरुवार को यह कानून पेश किया गया था पर यहां की जनता के विरोध के चलते कानून पारित नहीं हो सका था। चीन में चले एक सप्ताह के संसद सत्र के आखिरी दिन में कई विधेयकों को पारित किया गया था। इस नए चीनी सुरक्षा कानून के अंतर्गत हांगकांग में देशद्रोह, आतंकवाद, विदेशी दखल और विरोध करने जैसी गतिविधियों को रोकने के प्रावधान हैं। इस कानून को लेकर अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सहित कई देशों की ओर से चीन की आलोचना भी की गई है ।