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नेपाल में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से खुश हैं ओली 

पड़ोसी देश नेपाल में पिछले कई दिनों से जारी राजनीतिक उठा-पटक तेज होती जा रही है। प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली और उनके धुर विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड के हाथ से अब नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का नाम भी छिन गया है। सुप्रीम कोर्ट ने एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए साल 2018 में हुए ओली और प्रचंड की पार्टी का विलय रद्द कर दिया है। कोर्ट ने नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी (NCP) के टाइटल का अधिकार सीनियर कम्युनिस्ट लीडर ऋषि कात्याल को सौंप दिया।

जस्टिस कुमार रेगमी और बोम कुमार श्रेष्ठ ने कल सात मार्च  को करीब 3 साल पुराने मामले पर फैसला सुनाते हुए कहा कि जब इस नाम की पार्टी पहले से ही रजिस्टर्ड है तो उसी नाम से नई पार्टी कैसे बन सकती है। फैसले के बाद कात्याल के वकील दंडपाणि पॉडेल ने अपनी जीत पर खुशी जताई।

ऋषि कात्याल पुराने कम्युनिस्ट नेता हैं। उन्होंने साल 2018 में प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली की नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (UML) और उनके धुर विरोधी पुष्प कमल दहल प्रचंड की पार्टी नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी सेंटर) के बीच विलय के बाद कोर्ट में एक रिट दाखिल की थी। जिसमें कात्याल ने दावा किया था कि कानून एक ही नाम के साथ दो दलों के अस्तित्व की अनुमति नहीं देता है। दरअसल कात्याल ने पहले से ही चुनाव आयोग में नेपाली कांग्रेस पार्टी के नाम से रजिस्ट्रेशन करवाया हुआ था।

वर्ष 2017 के नेपाल के चुनाव में यूएमएल ने 121 और माओवादी सेंटर ने 53 सीटें जीती थीं। बाद में ओली और प्रचंड के बीच एक समझौते के तहत दोनों ने अपनी पार्टी का विलय कर लिया। विलय के बाद 2018 में नई पार्टी का नाम नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी रखा गया। ये लगभग दो-तिहाई सीटों के साथ संसद में सबसे बड़ी पार्टी बन गई।

ओली खुश तो प्रचंड निराश


सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने खुशी जताई है। ओली के वित्त मंत्री बिष्णु पांडे ने कहा कि हम फैसले का सम्मान करते हैं, हम न्यायपालिका की स्वतंत्रता में विश्वास करते हैं। वहीं, प्रचंड ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उम्मीदों से अलग  बताया है। प्रचंड के नेतृत्व वाले गुट ने फैसले के बाद एक आपात बैठक भी की।

संसद भंग करने का फैसला भी रद्द कर दिया था

ओली और प्रचंड के बीच पहले से ही पार्टी अध्यक्ष और प्रधानमंत्री पद को लेकर खींचतान मची हुई है। फिलहाल, दोनों गुट दो दलों के रूप में काम कर रहे थे, हालांकि प्रधानमंत्री ओली ने बीते 20 दिसंबर को संसद भंग कर दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार का फैसला रद्द करते हुए संसद को बहाल कर दिया। अब नेपाली कम्युनिस्ट पार्टी का टाइटल हाथ से जाने से दोनों दलों का विलय खत्म हो गया है। ऐसे में दोनों को पुरानी वाली स्थिति में लौटना होगा। यानी अपने पुराने दल के साथ ही काम करना होगा। या फिर से विलय के लिए आवेदन करना होगा, जो कि मुमकिन नहीं लग रहा है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर उन्हें विलय करना है तो उन्हें चुनाव आयोग के नियमों के अनुसार आवेदन करना होगा। संयुक्त पीठ ने 69 वर्षीय ओली और 66 वर्षीय प्रचंड को एक बार फिर चुनाव आयोग के समक्ष एक अलग नाम का प्रस्ताव देते हुए आवेदन दायर करने का अवसर दिया है। फ़ैसले के बाद कत्याल ने कहा, “अगर वे अब संविधान के अनुसार जाना चाहते हैं तो मुझे लगता है कि उन्हें एक अलग नाम के साथ आना होगा, लेकिन वर्तमान स्थिति में, दोनों पक्ष सहमत नहीं दिखते हैं।  वे अधिक परेशानी में प्रतीत हो रहे है।

ओली और प्रतिद्वंद्वी समूह दोनों नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी को नियंत्रित करने का दावा करते हैं।  प्रचंड के साथ सत्ता के लिए रस्साकशी के बीच ओली को चीन की तरफ़ झुकाव के लिए जाना जाता है।

केपी शर्मा ओली ने पिछले साल 20 दिसंबर को संसद को भंग कर दिया था। उनके इस फैसले से ऐसी ख़बरें  सामने आईं कि इस फैसले को लेकर पार्टी एकमत नहीं थी।  पिछले महीने नेपाल की सुप्रीम कोर्ट ने संसद को बहाल रखने का फ़ैसला सुनाया था।

सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक पीठ ने सुनवाई में प्रधानमंत्री केपी ओली के 20 दिसंबर को संसद भंग करने की सिफ़ारिश को असंवैधानिक करार दिया था  इतना ही नहीं अदालत ने 13 दिनों के भीतर संसद के निचले सदन की बैठक बुलाने के लिए प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और सदन के स्पीकर को आदेश जारी किया था।

प्रधानमंत्री केपी शर्मा के निकट सहयोगी खगराज अधिकारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चेतावनी दी है कि यह निर्णय एक वैध तरीके से किया जाना चाहिए और उन्होंने इसे सकारात्मक रूप से लिया है।

उन्होंने कहा, “अब अगर हम संतुष्ट हैं, तो साथ आ सकते हैं, नहीं तो हम अलग हो सकते हैं।  तीन साल के हमारे साथ की समीक्षा के बाद ये फैसला लिया जाएगा कि आगे हमें क्या करना है।  अगल पार्टी फिर से एकजुट नहीं होती है, तब भी वो मुद्दो पर साथ आ सकते हैं और साथ मिलकर काम कर सकते हैं।

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