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अब जलवायु परिवर्तन को लेकर बजेगा अर्लि वेदर वार्निंग सिस्टम !

दुनियाभर में जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभाव आए दिन देखने को मिलते हैं। लेकिन आने वाले दिनों में इसकी भयावहता और भी भीषण हो सकती है। ग्लोबल वार्मिंग को लेकर पूरा विश्व इस समय चिंतित है, लेकिन जलवायु परिवर्तन को लेकर ठोस कदम क्या उठाए जाने चाहिए इस तरफ कोई बेहतर कदम नही उठाए जा सकें है।

इसी क्रम में हाल ही में संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस द्वारा एक ऐसी परियोजना की घोषणा की गई है, जिसके तहत अगले पांच सालों में पृथ्वी पर मौजूद प्रत्येक व्यक्ति के लिए अर्लि वेदर वार्निंग सिस्टम, या मौसम-चेतावनी प्रणाली तक पहुँच सुनिश्चित की जाएगी। इसकी आवश्यकता इसलिए भी महसूस की जा रही है क्योंकि जलवायु परिवर्तन के चलते अब प्राकृतिक आपदाएं केवल शक्तिशाली ही नहीं बल्कि उनकी आवृति में भी वृद्धि हुई है।

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस द्वारा योजना की घोषणा करते हुए ये भी बताया गया कि इस परियोजना का क्रियान्वयन जिनेवा स्थित विश्व मौसम विज्ञान संगठन के सहयोग से होगा और इसका मकसद समृद्ध देश जो प्रणाली इस्तेमाल कर रहे हैं वहीं प्रणालियां विकासशील देशों को उपलब्ध हो सके।

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“आज दुनिया के एक तिहाई लोग, मुख्य रूप से कम विकसित देशों और छोटे द्वीप विकासशील राज्यों में अभी भी प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली से दूर हैं। अफ्रीका में तो हालत और भी बुरी है और वहाँ 60% लोगों के पास ऐसे कवरेज की कमी है।”

—एंटोनियो गुटेरेस, संयुक्त राष्ट्र महासचिव

उन्होंने आगे कहा, “बिगड़ते जलवायु प्रभावों को देखते हुए यह अस्वीकार्य है। अब हमें अपनी दक्षता में सुधार के लिए सभी को प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली की शक्ति का विस्तार करने की आवश्यकता है।”

अपनी बात बताते हुए उन्होंने कहा, ”मानव निर्मित जलवायु व्यवधान अब हर क्षेत्र को नुकसान पहुंचा रहा है। यह इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेट चेंज की सबसे हालिया रिपोर्ट पहले से हो रही पीड़ा का विवरण देती है। ग्लोबल वार्मिंग की प्रत्येक वृद्धि मौसम की घटनाओं की आवृत्ति और तीव्रता को और बढ़ाएगी। इसलिए प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली प्रासंगिक हो जाती है।”

क्या है अर्ली वार्निंग सिस्टम्स ?

ऐसी प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियां जो आने वाली मौसम की घटनाओं की भविष्यवाणी उनके आने से पूर्व देने में सक्षम हो उन्हें अर्ली वार्निंग सिस्टम्स कहा जाता है। इस सिस्टम द्वारा समुद्र और जमीन पर वास्तविक समय की वायुमंडलीय स्थितियों की निगरानी की जाती है।

इन प्रणालियों के सहयोग से कोई भी उचित कदम उठाने का समय मिल जाता है। इसलिए इनके उपयोग में विस्तार की आवश्यकता है।

नवंबर में मिस्र में होने वाले अगले संयुक्त राष्ट्र जलवायु सम्मेलन तक प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली पर एक “कार्य योजना” को आगे बढ़ाने का निर्देश गुटेरेस ने संयुक्त राष्ट्र की मौसम एजेंसी WMO दिया है।

इससे पहले भी कई शोधकर्ताओं ने एक अध्ययन के आधार पर कहा था कि वर्ष 2050 तक विश्व की शक्तिशाली आर्थिक शक्तियां पूरी तरह से तबाह हो सकती हैं। अगर समय रहते उचित कदम नहीं उठाए गए तो 2050 तक दुनिया की सभी बड़ी अर्थव्ययवस्थाएँ ध्वस्त हो जाने का खतरा है।

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