अमेरिकी सेना की वापसी के एलान के बाद से ही पूरी दुनिया की नजरें अफगानिस्तान(Afganistan) के अंदरुनी हालात पर टिक गईं। मौजूदा हालात के चलते भले ही तालिबान के कट्टरपंथी शासन से लोग डरे हुए हैं, लेकिन कई देश हालात पर काबू पाने की कोशिश में जुटे हैं। इस बीच कुछ देश ऐसे भी हैं, जिनकी नजरें अफगानिस्तान(Afganistan) के संसाधनों और उसके कूटनीतिक महत्व पर भी हैं। इनमें सबसे आगे चीन का नाम है, लेकिन चौंकाने वाली बात यह है कि इन खनिज संपदाओं को अब तक कोई भी देश छू नहीं पाया।
Afganistan में कितना प्राकृतिक खजाना
अमेरिका के सैन्य अफसरों और भूवैज्ञानिकों ने कुछ साल पहले सैटेलाइट तस्वीरों के माध्यम से अफगानिस्तान के भूभाग का विश्लेषण किया था। जांच के बाद अनुमान लगाया कि यहां करीब 1 ट्रिलियन डॉलर यानी करीब 74 लाख करोड़ रुपये की खनिज संपदा मौजूद है। इनमें ज्यादातर प्राकृतिक संसाधन कूटनीतिक रूप से काफी अहम भी बताए गए।
इसी बीच अफगानिस्तान में तालिबानी लड़ाके मनमानी पर उतर आए हैं। उनमें से कुछ काबुल (kabul) में मौज-मस्ती करते नजर आ रहे हैं लेकिन तालिबान जिस अफगानिस्तान पर राज करने वाला है वो पहले ही कंगाल हो चुका है। ये चौंकाने वाला खुलासा खुद उसके सबसे बड़े बैंक के गवर्नर (governor) ने किया है।अफगान बैंक के गवर्नर के मुताबिक सारे विदेशी अकाउंट फ्रीज हो चुके हैं और देश में एक भी पैसा नहीं है।
उधर वैज्ञानिकों की मानें तो अफगानिस्तान में लोहे, तांबे, कोबाल्ट, सोने और लीथियम के बड़े भंडार मौजूद हैं। अमेरिका (America) के रक्षा विभाग के हेडक्वार्टर पेंटागन की तरफ से कहा गया था कि अगर अफगानिस्तान के खनिज भंडारों का प्रयोग किया जाए तो यह सऊदी अरब की बराबरी कर सकता है।