उत्तर कोरिया ने अपने प्रतिद्वंद्वी दक्षिण कोरिया के साथ सभी सैन्य और राजनीतिक संबंधों को अलग करने का फैसला किया है। दक्षिण कोरिया की सीमा से उत्तर कोरिया में पर्चे और गुब्बारें फेंके जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है। दोनों देशों के बीच संचार की रेखा को बंद करने के लिए उत्तर कोरिया को अलग करने के लिए पहला कदम है। दोनों देशों के बीच संपर्क रेखा मध्यस्थ थी। इसने राष्ट्रपतियों के लिए हॉटलाइन को भी बंद कर दिया है।
उत्तर कोरिया का कहना है कि दक्षिण कोरिया के विश्वासघाती व्यवहार से उसके लोग परेशान हैं। दक्षिण कोरियाई अधिकारियों ने किम जोंग उन की छवि को धूमिल किया है। इसके बाद उत्तर कोरिया ने सख्त ऐक्शन लेते हुए पड़ोसी देश के साथ सैन्य और राजनीतिक संपर्कों को बंद करने का फैसला किया। उत्तर कोरिया की सेंट्रल न्यूज एजेंसी KNCA के अनुसार, मंगलवार को दोनों देशों के बीच संपर्कों के सभी माध्यम को काट दिया जाएगा ।
#BREAKING North Korea will cut military and political communication lines to "enemy" South Korea on Tuesday, state media said, after threats over activists sending anti-Pyongyang leaflets over the border pic.twitter.com/ebbYN6rEyF
— AFP News Agency (@AFP) June 8, 2020
पिछले हफ्ते, इससे पहले किम जोंग उन की बहन ने चेतावनी दी थी कि अगर दक्षिण कोरिया ने उत्तर कोरियाई विद्रोहियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं की तो उनका देश संबंध तोड़ लेगा। कुछ दक्षिण कोरियाई संगठन उत्तर कोरिया के सत्तावादी शासन का विरोध करते हैं। दोनों देशों के बीच सीमा पर अक्सर पत्र और गुब्बारे फेंके जाते हैं। पत्रक में किम जोंग उन और उत्तर-कोरियाई विरोधी बयानबाजी के खिलाफ आपत्तिजनक भाषा का प्रयोग है। इन गुब्बारों पर तानाशाह किम जोंग उन के परमाणु कार्यक्रमों का विरोध होता है और भला-बुरा कहा जाता है।
2018 के बाद, दोनों कोरियाई देशों के बीच संबंधों में सुधार हो रहा था। उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन ने भी तीन शिखर बैठकें की। दो साल पहले ही उत्तर और दक्षिण कोरिया की ओर से दो साल पहले ही कम्युनिकेशन लाइन बनाईं गई थीं। उस समय उत्तर कोरिया की ओर से दक्षिण कोरिया को दुश्मन से दोस्त देश का दर्जा दिया गया था। पिछले साल फरवरी तक दोनों देशों के संबंध ठीक रहे। अमेरिका और नॉर्थ कोरिया की बातचीत विफल हुई तो दक्षिण कोरिया और उत्तर कोरिया के रिश्ते भी मधुर नहीं रहे।