वर्तमान में एक ओर जहाँ ओटीटी व अन्य प्लेटफॉर्म पर प्रसारित होने वाले अधिकतर शो मनोरंजन की प्रधानता लिए होते हैं और दर्शकों को हँसाने आदि के उद्देश्य से बनाये गए होते हैं। वहीं दूसरी ओर ताइवान में नेटफ्लिक्स के एक ड्रामा वेव मेकर्स (Wave Makers) ने वहां की महिलाओं को जागरूक बना दिया है।
ताइवान में इस शो के कारण यौन उत्पीड़न और मारपीट के आरोपों के केस अचानक बढ़ने लगे हैं। इस शो में ताइवान ने नया अभियान (मी-टू )शुरू कर दिया है। जिसके बाद से ही देश में यौन उत्पीड़न और हमले के आरोपों की बाढ़-सी आ गई। वेव मेकर्स शो के महज दो महीने के भीतर देश में करीब 90 से ज्यादा यौन उत्पीड़न के मामले सामने आए हैं। जिसमें पीड़िताओं ने अपने-अपने साथ हुए यौन उत्पीड़न और हमलों की खुलकर शिकायत की है। इस आंदोलन के बाद ताइवान में राजनीतिक तूफान भी उठ खड़ा हुआ है। सत्ता पक्ष से लेकर विपक्षी दल तक कटघरे में हैं। क्यूंकि पीड़ित अब बिना डरे अपनी आवाज उठा रही हैं फिर चाहे आरोपी किसी राजनितिक पार्टी आदि से संबंधित कोई बड़ा नाम ही न हो।
आंदोलन की शुरुआत में सबसे ज्यादा आरोप सत्तारूढ़ पार्टी ”डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी (DPP) पर लगे जिसका परिणाम यह हुआ की कई वरिष्ठ अधिकारियों को इस्तीफा देना पड़ा। लेकिन धीरे- धीरे यह आंदोलन राजनीति के अलावा दूसरे कई क्षेत्रों में भी फैल गया है। अब डॉक्टरों, प्रोफेसरों, खेल अंपायरों और यूट्यूबरों के ख़िलाफ़ भी मीटू के आरोप लगाए जा रहे हैं। ताइवान की कई महिलाओं के लिए यह ये वह पल है जिसकी वह लंबे समय प्रतीक्षा कर रही थी। बीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार ताइवान की सेंट्रल रिसर्च एकेडमी ‘सिनिका एकेडेमिया’ का कहना है कि पहले हमारे यहां यौन उत्पीड़न के बहुत कम मामले थे। इतने बड़े पैमाने पर केस कभी नहीं थे। यह पहली बार है जब अलग-अलग क्षेत्रों से एक ही समय पर इतने दबे हुए मामले सामने आ रहे हैं।
क्या है वेव मेकर्स
वेव मेकर्स इस साल अप्रैल के अंत में नेटफ़्लिक्स पर रिलीस हुआ। शो ताइवान में एक चुनाव के दौरान काम कर रहे राजनीतिक कर्मचारियों पर आधारित था। जिसमें पार्टी के एक प्रमुख द्वारा एक महिला कार्यकर्त्ता का योन उत्पीड़न किया जाता है। जिसके खिलाफ अगर वह आवाज उठती है तो यह उसके भविष्य और पार्टी के लिए नुकसानदेह सिद्ध हो सकता है, यह जानते हुए भी पीड़ित महिला अपनी सीनियर को सब कुछ बताने का निर्णय करती है। वह महिला मामले को सुनती है और मदद करने का निर्णय लेती है। मामले को सुनकर सीनियर महिला ने कहा कि ”हम चीजों को इतनी आसानी से जाने नहीं दे सकते. नहीं तो हम मुरझा जाएंगे और मर जाएंगे।” शो का यह सीन को मीटू से जुड़ी शिकायतें सामने आने का श्रेय दिया गया है, जो अब ताइवान में बहुत व्यापक हो गया है।
मीटू आंदोलन क्या है
मीटू आंदोलन यौन उत्पीड़न और यौन हमले के विरुद्ध शुरु हुआ एक सामाजिक आंदोलन है जिसमें लोग यौन अपराध के आरोपों को प्रकाशित करते हैं। “मी टू” का प्रयोग इस संदर्भ में सबसे पहले यौन उत्पीडित एवं कार्यकर्ता टराना बर्क द्वारा सामाजिक जनसंचार माध्यम माई स्पेस पर साल 2006 में किया गया था। बर्ग के अनुसार इस आंदोलन का उद्देश्य यौन उत्पीड़ित लोगों को संवेदना और एकजुटता द्वारा सशक्त करना था। अक्टूबर 2018 में हार्वी वाइंस्टाइन के खिलाफ यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद यह आंदोलन एक बार फिर तेजी से फैला। 14 अक्टूबर 2017 को अमेरिकी अभिनेत्री अलिसा मिलानो ने ट्वीट करते हुए लिखा की अगर सभी महिलाएं जो यौन उत्पीड़न या यौन हमले का शिकार हुई हैं ‘मी टू’ को स्टेटस में लिखें तो हम लोगों को समस्या की विकरालता का आभास करा सकते हैं।” इसके प्रत्युत्तर में आए अनेक अमेरिकी लोकप्रिय हस्तियों, ग्वीनथ पालट्रोव, ऐशले जुड, जेनिफर लौरेंस, उमा थर्मन आदि की प्रतिक्रियाओं एवं संदेशों ने इसे और प्रसारित कर दिया।