गाजा में तबाही का मंजर
इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू पर युद्ध रोकने और शरणार्थियों संग मानवीय व्यवहार करने का दबाव तेजी पकड़ रहा है। अमेरिका ने अपने मित्र देश को हथियार देने से इनकार कर डाला है तो अंतरराष्ट्रीय युद्ध अपराध अदालत ने नेतन्याहू के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी करने की बात कह दी है। गत् सप्ताह नार्वे, स्पेन और आयरलैंड द्वारा फिलिस्तीन को स्वतंत्र राष्ट्र बतौर मान्यता दे दी गई है। इतना ही नहीं स्वयं नेतन्याहू के सहयोगी और उनकी सरकार में युद्ध मंत्री बेनी गेट्स ने तो सरकार से अलग होने की धमकी तक दे डाली है
इरायल हमास युद्ध के बीच एक ओर जहां पश्चिम एशिया के हालात लगातार बिगड़ रहे हैं, इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू को अंतराष्ट्रीय दवाब झेलने के साथ-साथ अब आंतरिक दबाव भी झेलना पड़ रहा है। हालांकि तमाम अंतरराष्ट्रीय दबाव को दरकिनार कर इजराइल गाजा पर लगातार हमला करने से पीछे नहीं हट रहा है। अपने मित्र देश अमेरिका की चेतावनी को अनसुना करते हुए इजरायल ने पहले गाजा और अब राफा पर हमले पहले से भी तेज कर दिए हैं। ऐसे में गाजा में सशस्त्र संघर्ष के और तेज होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। इसी बीच हमास ने अपना रुख स्पष्ट करते हुए कहा है कि वह संघर्ष के लिए तैयार है, फिर भले ही यह हिंसक टकराव लंबे समय तक ही क्यों न चले।

फिलिस्तीनी शरणार्थियों को लेकर संयुक्त राष्ट्र एजेंसी के प्रमुख ने 18 मई को कहा कि इस महीने इजरायल द्वारा वहां सैन्य अभियान शुरू करने के बाद से गाजा के सुदूर दक्षिणी शहर राफा से 800,000 लोग पलायन के लिए मजबूर हुए हैं। यूएनआरडब्लूए, निकट पूर्व के शरणार्थी फिलिस्तीनियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत कार्य अभिकरण के प्रमुख फिलिप लाजारिनी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा है कि ‘निकासी आदेशों के बाद गाजावासी मध्य क्षेत्रों और खान यूनिस सहित नष्ट हुई इमारतों की ओर भाग गए हैं।’
गौरतलब है कि हमास के लड़ाकों द्वारा 7 अक्टूबर 2023 में इजरायल में भीषण नरसंहार को अंजाम दिया गया था। इस हमले में करीब 1200 इजरायली नागरिकों की हत्या कर दी गई थी और 250 इजरायली नागरिकों को हमास द्वारा बंधक बना लिया गया था। इस घटना से न सिर्फ इजरायल बल्कि पूरा विश्व स्तब्ध हो गया था। हमास को खत्म करने को लेकर इजरायल ने उनके ठिकानों पर हमला कर दिया। अब तक इस युद्ध में 35 हजार से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं। घायलों की संख्या और इस युद्ध से मची तबाही का अंदाजा लगाना भी मुश्किल है। इसके अलावा लाखों की तादाद में लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। युद्धग्रस्त और मानव संकट से जूझ रहे गाजा पट्टी में अमेरिका द्वारा हाल ही में बनाए गए एक तैरते पोतघाट के जरिए राहत सामग्री को पहली बार 17 मई को संकटग्रस्त इलाके में पहुंचाया गया। दरअसल, इजरायल ने गाजा में सैन्य अभियान के बीच जमीनी सीमा को बंद कर दिया है। इस वजह से संकट से जूझ रहे लोगों के पास खाद्य एवं अन्य आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित हो गई है। युद्ध से पहले औसतन प्रतिदिन 500 से अधिक ट्रक गाजा में प्रवेश करते थे। इजरायल द्वारा गाजा सीमा को सीलबंद करने चलते दक्षिणी गाजा में खाने-पीने की चीजें और ईंधन का भंडार तेजी से कम हो रहा है। अमेरिकी अंतरराष्ट्रीय विकास एजेंसी और विश्व खाद्य कार्यक्रम का कहना है कि गाजा में अकाल की स्थिति पैदा हो चुकी है।

अमेरिका एवं अन्य देशों के दबाव को नजरअंदाज करते हुए इजराइल ने दक्षिणी शहर राफा में हमास के खिलाफ 7 महीने से जारी लड़ाई को और तेज कर दिया है। तीन इजरायली बंधकों के शव बरामद होने के बाद गाजा में हालात और खराब होने का अंदेशा बढ़ गया है। गाजा के जबालिया शहर में इजरायली गोलाबारी से कई घर तबाह हो गए हैं। लोग मलबे में फंसे अपनों की तलाश में जुटे हैं। वहीं, उत्तरी गाजा में इजरायली बमबारी में 15 लोगों की मरने और कई लोगों के घायल होने की खबर है। खबरों के मुताबिक इजरायल अवासीय परिसरों को टारगेट कर रहा है। दक्षिणी राफा में इजरायल का सैन्य अभियान लगातार जारी है। हमले को देखते हुए 6.30 लाख लोग पलायन कर चुके हैं। मीडिया रिपोर्ट मुताबिक 1 लाख लोग इलाके को छोड़ने की तैयारी में हैं, वहीं संयुक्त राष्ट्र ने कहा कि यदि हालात में सुधार नहीं हुआ तो उसके पास भी रसद और अन्य जरूरी सामान कुछ दिनों में समाप्त हो जाएगा।
नेतन्याहू से नाराज है अमेरिका
दशकों से एक-दूजे के मित्र रहे अमेरिका और इजरायलल के सम्बंध भी अब दरकने लगे हैं। 9 मई को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन द्वारा इजरायल को हथियार और अन्य सैन्य उपकरण दिए जाने पर रोक लगाए जाने बाद रिश्तों में आई दरार सामने आ गई है। राष्ट्रपति बाइडन ने इस रोक का ऐलान करते हुए ‘सीएनएन’ न्यूज चैनल को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि – ‘रिहायशी इलाकों पर इजरायल द्वारा हमलों में आम लोग मारे जा रहे हैं जो चिंताजनक है।’ गौरतलब है कि इजरायल जिन बमों का इस्तेमाल कर रहा है वे अमेरिकी बम हैं जिनकी सप्लाई पर अब अमेरिका ने रोक लगा दी है।
आंतरिक कलह भी हुई तेज
17 मई को गाजा के 70 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाकर बमबारी की गई थी। लड़ाई में इजरायली सेना के 281 सैनिक मारे गए हैं। राफा में तेज होती जंग से इजरायल में भी उथल-पुथल मची हुई है। इजरायली सरकार में शामिल गठबंधन दलों के मंत्री अब बगावत की रह पर हैं। उन्होंने नेतन्याहू से कहा है कि यह जंग ऐसे ही जारी रही तो वह सरकार से अपना समर्थन वापस ले लेंगे। इजरायल के युद्ध मंत्री बेनी गेट्स ने इजरायली प्रधानमंत्री को एक अल्टीमेट्स जारी करते हुए कहा ‘अगर गाजा पर 8 जून तक प्लान तैयार नहीं करते तो सरकार चलाना भूल जाएं।’ इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू पहले सिर्फ अमेरिका और अपने अन्य मित्र देशों के उनके खिलाफ होने से जूझ रहे थे। अब युद्ध के बीच नेतन्याहू पर अपनी सरकार बचाने का संकट भी आ गया है।
‘टाइम्स ऑफ इजरायल’ में छपी एक खबर से भी समझा जा सकता है कि आने वाले दिनों में गाजा युद्ध संकट की चरम स्थिति पर भी पहुंच सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक हमास को खत्म करने के लिए पहले गाजा और अब राफा पर जंग शुरू कर दी गई है। लेकिन युद्ध के बाद हमास को पूरी तरह रोकने का प्लान तैयार नहीं किया है। मंत्री बेनी की मांग है कि जीत के बाद वहां शासन किस प्रकार से होगा, कौन राज करेगा, इस पर इजरायली हुकूमत ने अपनी स्थिति साफ नहीं की है। उन्होंने 8 जून तक नेतन्याहू से इस बारे में स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं होता है तो वे अपने कदम गठबंधन से पीछे ले लेंगे। युद्ध मंत्री ने यह भी कहा कि गांजा की अंधेरी सुरंगों में बंधक नरक की यातनाएं झेल रहे हैं। बेनी गेट्स ने मांग करते हुए कहा है कि बंधकों को घर लाओ, हमास के शासन को उखाड़ फेंकों, गाजा पट्टी पर इजरायली सुरक्षा नियंत्रण हासिल की जाए।

