नेपाल की ओली सरकार चीन की सह पर भारत के खिलाफ कुछ महीनों से ज्यादा ही मुखर है। मौका मिलते ही भारत के साथ उलझने की कोशिश में रहती है।सीमा विवाद से शुरू हुई तनातनी थमने के बजाय बढ़ती ही जा रही है। इस बीच प्रधानमंत्री लगातार भारत विरोधी बयान देकर सुर्ख़ियों में हैं। पहले उत्तर प्रदेश में भगवान राम की जन्मभूमि अयोध्या को नकली बताकर विवाद खड़ा किया उसके बाद बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध पर बखेड़ा खड़ा कर दिया। और अब प्रधानमंत्री ओली ने फोन करके ठोरी और माडी के स्थानीय जनप्रतिनिधियों को काठमांडू बुलाकर भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर बनाने के लिए सभी आवश्यक तैयारी करने के निर्देश दिए हैं।
प्रधानमंत्री ने ठोरी के पास स्थित माडी नगरपालिका का नाम बदलकर अयोध्यापुरी रखने को कहा है , साथ ही वहां के आसपास के स्थानों का अधिग्रहण कर अयोध्या के रूप में विकसित करने, राम के जन्मस्थान पर भव्य राम मंदिर का निर्माण और राम-सीता और लक्ष्मण की बड़ी प्रतिमा स्थापित करने को कहा है।
प्रधानमंत्री ओली ने इस दशहरे में रामनवमी के अवसर पर भूमि पूजन करते हुए मंदिर निर्माण का काम शुरू करने और दो साल के बाद फिर से रामनवमी पर मूर्ति का अनावरण करने के हिसाब से काम को आगे बढ़ाने की बात कही है।
मंदिर निर्माण के लिए नेपाल सरकार की तरफ से आर्थिक सहयोग करने का आश्वासन भी दिया गया है। प्रधानमंत्री ओली ने कहा है कि अयोध्यापुरी के साथ ही रामायण से जुड़े आसपास के क्षेत्रों को भी विकसित किया जाएगा। उन्होंने माडी के पास रहे वाल्मिकी आश्रम, सीता के वनवास के दौरान रहे जंगल, लवकुश का जन्मस्थान आदि क्षेत्रों को भी विकसित करने को कहा है।
दरअसल, नेपाल की सरकार अभी चीन के इशारे पर भारत से विवाद के मौके ढूंढती रहती है। यही वजह है कि नेपाली प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने भगवान राम की अयोध्या को नेपाल के बीरगंज के पास होने तक का दावा किया था। जुलाई के दूसरे हफ्ते में उन्होंने कहा था कि भारत ने सांस्कृतिक अतिक्रमण के लिए नकली अयोध्या का निर्माण किया है जबकि असली अयोध्या नेपाल में है। ओली ने सवाल किया कि उस समय आधुनिक परिवहन के साधन और मोबाइल फोन (संचार) नहीं था तो राम जनकपुर तक कैसे आए? उन्होंने कहा कि हमने भारतीय राजकुमार राम को सीता दी थी, लेकिन भारत में स्थित अयोध्या के राजकुमार को नहीं बल्कि नेपाल के अयोध्या के राजकुमार को दी थी। अयोध्या एक गांव हैं जो बीरगंज के थोड़ा पश्चिम में स्थित है। भारत में बनाया गया अयोध्या वास्तविक नहीं है।
जिसके बाद नेपाली विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा है कि पीएम ओली का किसी की आस्था को चोट पहुंचाना नहीं था। नेपाली विदेश मंत्रालय ने ओली के बयान पर लीपापोती करते हुए कहा, ‘प्रधानमंत्री की टिप्पणी किसी राजनीतिक विषय से जुड़ी नहीं है। उनका इरादा किसी की भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और न ही अयोध्या के सांकेतिक महत्व और सांस्कृतिक मूल्य का अपमान करना था।’