भारत सरकार द्वारा प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से रोक लगाने के बाद पड़ोसी देश नेपाल में प्याज की कीमतें चढ़ गई हैं। कुछ दिन पहले तक 20-30 रुपए किलो बिकने वाले प्याज की खुदरा कीमत 150 रुपए किलो तक पहुंच गई है। कई जगहों पर व्यापारियों ने जमाखोरी और कालाबाजारी शुरू कर दी है। ऐसे में आने वाले दिनों में इसकी कीमत और अधिक बढ़ सकती है।
दरअसल भारत सरकार ने 14 सितंबर को यह फैसला देश में प्याज की उपलब्धता को बढ़ाने और घरेलू बाजार में इसकी लगातार बढ़ती कीमत को नियंत्रित करने के लिए लिया ।
भारतीय विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) की ओर से जारी एक अधिसूचना में कहा गया, ‘प्याज की सभी किस्मों के निर्यात पर तत्काल प्रभाव से प्रतिबंध लगाया जाता है।’ डीजीएफटी वाणिज्य मंत्रालय का अंग है जो आयात-निर्यात संबंधी मामलों को देखता है।
बता दें कि दक्षिण भारत के राज्यों में भारी बारिश के चलते इस बार प्याज की फसल को खासा नुकसान हुआ है। इसके चलते घरेलू बाजार में प्याज की कीमतें भी काफी बढ़ रही हैं। थोक मंडियों में आठ अगस्त के बाद से प्याज की कीमत बढ़ रही है।
भारत दक्षिण एशिया में प्याज का सबसे बड़ा उत्पादक है। नेपाल, बांग्लादेश, श्रीलंका और मलेशिया भारतीय प्याज पर निर्भर हैं।ख़बरों के मुताबिक काठमांडू के हरित सामुदायिक कृषि बजार तीनकुनेमा में आज 17 सितंबर को सब्जी विक्रेताओं ने 150 रुपये प्रति किलो प्याज बेचा। दुकानदार थोक बाजारों में इसे 70 रुपए किलो खरीद रहे हैं और खुदरा कीमत 120 से 150 रुपये किलो तक है।
कालीमाटी सब्जी और फल बाजार विकास समिति के अनुसार, प्याज का थोक मूल्य 14 सितंबर को 59 रुपए से 61 रुपये प्रति किलोग्राम था। भारत की ओर से प्रतिबंध लगाए जाने के बाद हर दिन प्याज की कीमतों में तेजी आ रही है।