विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले देश चीन में इन दिनों ‘996 वर्क कल्चर’ चलते भारी बवाल मचा हुआ है। बड़े स्तर पर चीनी सोशल मीडिया पर इस कार्य संस्कृति के खिलाफ अभियान चल रहा है।
अखिर क्या है ‘996 कार्य संस्कृति’? चीन की निजी कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों से तय सीमा के बाहर काम कराना ‘996 वर्क कल्चर’ कहलाया जाने लगा है। इसे चीन की जहरीली संस्कृति के नाम से भी जाना जाता है चीनी प्राइवेट कंपनियों के कर्मचारियों को दिन में 12 घंटे काम करना पड़ता है, जिसकी वजह वे नींद में कटौती कर रहे हैं और स्वास्थ्य पर कम ध्यान देने की वजह से उनकी मृत्यु तक हो रही हैं। इसका नाम 996 पड़ने का कारण यह है की कर्मचारियों को सुबह 9ः00 बजे से शाम 9ः00 बजे तक हफ्ते के 6 दिन काम करना पड़ता है और हफ्ते में केवल एक दिन का ही अवकाश दिया जाता है। अगर इस हिसाब से देखा जाए तो कर्मचारियों को एक दिन में 12 घंटे, हफ्ते में लगभग 72 घंटे, महीने में 360 घंटे और एक वर्ष में लगभग 4,380 घंटे तक काम करना पड़ता है। यह कोई कम समय नहीं है। इसका सीधा असर इनके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ता है और इसी कारण कर्मचारी मौत के मुंह की ओर चले जा रहे हैं। हाल ही में आई ‘द गार्डियन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, ओवरटाइम करने के कारण फिर से चीन का एक 25 वर्षीय कर्मचारी अपने जीवन से हाथ धो बैठा। इस रिपोर्ट के मुताबिक चीन की एक बिलबिली नामक कंपनी में ओवरटाइम करने की वजह से कर्मचारी का स्वास्थ्य खराब हो गया और अस्पताल ले जाते जाते उसकी मृत्यु हो गई, पंरतु कंपनी का दावा है की उस कर्मचारी की मृत्यु ओवरटाइम की वजह से नहीं बल्कि ब्रेन हैमरेज की वजह से हुई है और कर्मचरी केवल 9 से 6 बजे तक ही काम करता था। परंतु अब कंपनी द्वारा किए जा रहे सभी देशों को स्थानीय लोगों द्वारा अमान्य माना जा रहा है।
ऐसी ही एक घटना वर्ष 2021 में आई थी जहां पिंडुओडुओ कंपनी के 22 वर्षीय मजदूर की अधिक काम (996) करने की वजह से मृत्यु हो गई और जिस व्यक्ति ने उसके शव को एंबुलेंस में ले जाते हुए फोटो पोस्ट किया उसने भी 10 दिन बाद आत्महत्या कर ली, क्योंकि पोस्ट डालने की सजा में उसे कंपनी से निकाल दिया गया था।
क्या कहता है चीनी श्रम कानून?
‘पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना’ के श्रम कानून के अनुसार एक मजदूर से दिन में 8 घंटे और हफ्ते में 44 घंटे से अधिक काम नहीं करवाया जा सकता और यदि किसी आवश्यक काम के लिए ऐसा करवाया भी जाता है तो इसका एक नियमित समय होगा और इसके लिए कंपनी को, कर्मचारी को उसकी आय से अधिक राशि देनी होगी। इस अंतराल यदि कर्मचारी के स्वास्थ्य पर कोई असर पड़ता है तो उसकी जिम्मेदारी कंपनी की होगी।
परंतु, इस कानून के बावजूद भी चीन में वर्षों से कार्य की इस प्रणाली का प्रयोग होता आ रहा है और आज भी कानून के विरुद्ध कर्मचारियों को दास बना कर उनसे समय से अधिक कार्य कराया जा रहा है।