अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के इतिहास में 19 अप्रैल का दिन ऐतिहासिक रहा। मंगल पर भेजे गए नासा हेलीकॉप्टर इन्जेन्यूटी ने अपनी पहली सफल उड़ान भरी। लगभग छह साल की कड़ी मेहनत के बाद बनाए गए इस हेलीकॉप्टर की उड़ान ने पूरी दुनिया का ध्यान आकर्षित किया। इस ऐतिहासिक घटना को नासा से लाइव प्रसारित किया गया था।
मंगल पर जेजेरो क्रेटर में निर्मित एक अस्थायी हेलिपैड से इन्जेन्यूटी हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी। पृथ्वी के अलावा किसी ग्रह पर पहली बार किसी हेलीकॉप्टर ने उड़ान भरी है। NASA की इनगेन्युइटी, एक 1.8-किलोग्राम के रोटरक्राफ्ट ने चार कार्बन-फाइबर ब्लेड पर उड़ान भरी। ये पत्तियाँ प्रति मिनट 2500 बार घूमती हैं। यह गति पृथ्वी पर एक हेलीकॉप्टर के पंखों के घूमने की गति से लगभग पांच गुना है। चूँकि मंगल ग्रह पर वायुमंडल पृथ्वी की तुलना में 100 गुना हल्का है, पत्तियों की क्षमता अधिक है। इस हेलीकॉप्टर को बनाने में छह साल लगे। इसकी ऊंचाई 1.6 फीट है जो 0.5 मीटर है। इसमें बैटरी, हीटर, सेंसर, टिशू बॉक्स का उपयोग किया जाता है। हेलीकॉप्टर की कीमत 8.50 करोड़ है।
"Wow!"
The @NASAJPL team is all cheers as they receive video data from the @NASAPersevere rover of the Ingenuity #MarsHelicopter flight: pic.twitter.com/8eH4H6jGKs
— NASA (@NASA) April 19, 2021
अभियान सफल होगा!
16 अप्रैल को प्राप्त नवीनतम अपडेट के अनुसार, हेलीकॉप्टर ने रैपिड स्पिन टेस्ट को सफलतापूर्वक पास कर लिया है। अब इस हेलीकॉप्टर को मंगल के वातावरण में उड़ना होगा। नासा के अनुसार, मंगल मिशन एक बड़ी सफलता होगी, भले ही हेलीकॉप्टर उड़ान भरने के बाद कुछ दूरी तय करे। यदि उड़ान भरने के बाद भी हेलीकॉप्टर का संचालन किया जाता है तो चार और उड़ानें की जा सकती हैं।