कोरोना महामारी के बीच रविवार को इज़राइल में बेंजामिन नेतन्याहू ने फिर से प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। इसके साथ ही लंबे समय से चला आ रहा राजनीति गतिरोध खत्म हो गया। बीते दिनों इज़राइली संसद नेसेट में पक्ष में 73 और विपक्ष में 46 वोट पड़े। चुनावों में बहुमत न मिलने के चलते नेतन्याहू ने प्रतिद्वंद्वी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बेनी गांट्ज के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार बनाई है। इस नई सरकार में 36 मंत्री और 16 उपमंत्री होंगे।
तीन आपराधिक मामलों में नेतन्याहू दोषारोपित
शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद नेतन्याहू ने आर्मी रेडियो को बताया कि व्यापक सरकार के साथ स्थिरता हासिल कर ली गई है। गांट्ज ने रक्षा मंत्री और वैकल्पिक प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की। गठबंधन समझौते के तहत सत्ता की साझीदारी पर बनी सहमति के अनुसार नई सरकार में 18 महीने पश्चात् नेतन्याहू पद छोड़ देंगे और फिर 17 नवंबर 2021 को गांट्ज प्रधानमंत्री के पद को संभालेंगे। नेतन्याहू की लिकुड पार्टी से नेसेट ने यारिव लेविन को अपना नया अध्यक्ष भी चुना है।
विपक्षी नेता येर लापिड ने नई सरकार और खास तौर पर अपने पुराने सहयोगी गांट्ज और गाबी अस्केनाजी की आलोचना की है, जिन्होंने उनके चुनाव पूर्व गठजोड़ को तोड़कर नेतन्याहू से हाथ मिला लिया था। लापिड कहते है, “दो आईडीएफ (इज़राइली रक्षा बल) प्रमुखों ने तीन गंभीर मामलों में दोषारोपित व्यक्ति के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।” उनका इशारा सीधा-सीधा गांट्ज और अस्केनाजी की तरफ ही था। अस्केनाजी नई सरकार में विदेश मंत्री का पद संभालेंगे।
तीन आपराधिक मामलों में नेतन्याहू को दोषारोपित भी किया गया है और इनका मुकदमा अब 24 मई को शुरू भी होना है। उन्होंने कहा कि मैने कुछ भी गलत नहीं किया है। बुधवार को नेतन्याहू ने राष्ट्रपति रुवन रिवलिन और ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के अध्यक्ष बेनी गांट्ज को भेजे पत्रों में सरकार बनाने में मिली सफलता की औपचारिक रूप से घोषणा की थी। नेतन्याहू ने शपथ ग्रहण से पहले कहा, “यह इज़राइली कानून को लागू करने और यहूदीवाद के इतिहास में एक और गौरवपूर्ण अध्याय लिखने का वक्त है।” पिछले साल जुलाई में नेतन्याहू देश में सबसे ज्यादा वक्त तक प्रधानमंत्री रहने वाले नेता बने थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने दी बधाई
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को उनके देश में कई महीने की राजनीतिक अनिश्चितता के दौर के बाद गठबंधन सरकार के गठन पर बधाई दी।
Mazel Tov my friend @netanyahu for forming your fifth government in Israel. I wish you and @gantzbe success and look forward to continue working closely with your government to further strengthen India-Israel strategic partnership.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 17, 2020
मोदी ने हिब्रू और अंग्रेजी भाषा में ट्विटर पर लिखे संदेश में कहा, ‘‘मेरे मित्र नेतन्याहू को इजराइल में पांचवीं बार सरकार बनाने के लिए बधाई।’’
מזל טוב ידידי @netanyahu על הקמת הממשלה החמישית בישראל. אני מאחל לך ול@gantzbe הצלחה רבה ומצפה להמשך שיתוף פעולה הדוק עם הממשלה החדשה ולחיזוק השותפות האסטרטגחת בין הודו לישראל.
— Narendra Modi (@narendramodi) May 17, 2020
इनकी सरकार को गुरुवार 14 मई को शपथ लेनी थी पर सत्ताधारी लिकुड पार्टी में मंत्री पद को लेकर मची खींचतान की वजह से इसे टालना पड़ा।इज़राइली संप्रभुता को लेकर पश्चिमी तट पर नेतन्याहू ने कहा, “समय आ गया है कि जो इज़राइली जमीन पर हमारे अधिकारों के औचित्य में विश्वास करता है, वह एक ऐतिहासिक प्रक्रिया को एक साथ लाने के लिए मेरे नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो।” वह कहते है कि यह मुद्दा एजेंडे में है सिर्फ इसलिए क्योंकि मैंने इस पर व्यक्तिगत रूप से काम किया है।
उन्होंने यह भी कहा कि तीन साल तक उन्होंने इस पर सार्वजनिक तौर पर और पर्दे के पीछे जोर दिया। फिलिस्तीन के साथ शांति समझौते की कोशिशों पर इससे किसी तरह का प्रभाव पड़ने की आशंका को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इसके विपरीत इससे शांति समझैते को भी बढ़ावा मिलेगा। इज़राइल का बेहद करीबी सहयोगी अमेरिका भी इस प्रस्ताव के पक्ष में है।
शुक्रवार 15 मई को यूरोपीय संघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसफ बोरेल ने कहा था कि संघ इज़राइल को इस कदम पर आगे बढ़ने से रोकने के लिए अपनी सभी कूटनीतिक क्षमताओं का इस्तेमाल करेगा। नेतन्याहू और पूर्व सेना प्रमुख गांट्ज ने पिछले ही महीने कहा था कि वे कोरोना वायरस संकट और गिरती अर्थव्यवस्था को संभालने तथा चौथे चुनाव को टालने के लिए अपने मतभेदों को दरकिनार कर साथ में आ रहे हैं।