[gtranslate]
world

नफ्ताली बेनेट हो सकते है इजरायल के अगले प्रधानमंत्री!

हाल ही में हमास के साथ जंग लड़ चुका इजरायल अब सियासी जंग लड़ रहा है। वहां राजनीति ने ऐसा मोड़ ले लिया है, जिसने देश में सबसे लंबे समय तक पीएम रहे बेंजामिन नेतन्याहू को हाशिए पर धकेल दिया है। दरअसल, यामिना पार्टी के प्रमुख और राष्ट्रवादी नेता नफ्ताली बेनेट ने विपक्ष और मध्यमार्गी पार्टी यश एडिट के प्रमुख याईर लैपिड के साथ गठबंधन सरकार बनाने का ऐलान कर दिया है।

संसदीय चुनावों में बेंजामिन की पार्टी को सबसे ज्यादा वोट मिले थे, और सबसे बड़ी पार्टी बनकर ऊभरी थी। राष्ट्रपति ने नेतन्याहू को सरकार बनाने के लिए कुछ सप्ताह का समय दिया था, लेकिन इस बार नेतन्याहू गठबंधन की सरकार बनाने में नाकामयाब रहे।

अब इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू की सरकार पर खतरे के बादल मंडरा रहे है, क्योंकि बेंजामिन की सरकार का समर्थन करने वाले नेता ने इस बार गठबंधन किसी दूसरी पार्टी के साथ बनाने की बात कही है।

इजरायली की यामिना पार्टी के प्रमुख नफ्ताली बेनेट ने ऐलान किया है कि वह जल्द ही विपक्षी पार्टी से हाथ मिला लेगा। नफ्ताली और विपक्षी नेता याईर लैपिड की यश एटिड पार्टी अंतिम दौर की चर्चा जारी है। दोनों नेताओं मे्ं कई दौर की बैठके हो चुकी है। अगर दोनों नेता साथ मिलकर सरकार बनाते है तो बेंजामिन को इस बार सत्ता से बाहर का रास्ता देखना पड़ेगा।

यह भी पढ़े: इजरायल में सत्ता परिवर्तन के संकेत

इजरायल में किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 61 का जादुई आकड़ा पार करना होगा।

बेनेट 2019-20 में रक्षा मंत्री रहे, जबकि टीवी एंकर और पत्रकार से नेता बने यायर 2013-14 में वित्त मंत्री रह चुके हैं। मौजूदा स्थिति में बेनेट की पार्टी के बिना कोई भी सरकार नहीं बन सकती, इसलिए वे किंगमेकर बने हुए हैं। प्रधानमंत्री का पद भी दो दावेदारों के बीच घूमता रहेगा, एक बेनेट और दूसरे याईर लैपिड।

दोनों के बीच हुए समझौते के मुताबिक बेनेट 2023 तक पीएम रहेंगे और लैपिड विदेश मंत्री। बाद में लैपिड 2025 के चुनाव तक पीएम रहेंगे।

बेनेट की घोषणा नेतन्याहू के 12 साल के शासन को समाप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। लिकुड पार्टी को 30 सीटें मिली थी। यश अटिड दूसरी सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। याईर लापेड की इस पार्टी को 17 सीटें मिली। इजरायल की संसद में 120 सीटें है। किसी भी पार्टी को सरकार बनाने के लिए 61 सीटें जीतनी पड़ती हैं।

 यह भी पढ़े: इजरायल और फिलीस्तीन के बीच जारी खूनी संघंर्ष, नेतन्याहू ने कहा बमबारी पूरी ताकत के साथ जारी रहेगी

 

पूरे इजरायल और उसके कब्जे वाले वेस्ट बैंक में मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे। इजरायल में कुल पंजीकृत मतदाताओं की संख्या 6.5 मिलियन है।

देश में पिछले दो सालों से राजनीतिक अस्थिरता के कारण कोई सरकार लंबे समय नहीं चल पा रही। इसलिए पिछले दो साल में देश के लोगों ने चौथी बार संसदीय चुनाव के लिए मतदान किया। बेनेट को पाला बदलते देख नेतन्याहू ने इस गठबंधन को “इजरायल की सुरक्षा के लिए खतरा” बताते हुए इसकी आलोचना की।

उन्होंने आगे कहा कि इस समय देश संकट से गुजर रहा है ऐसे में राजनीति का मौका ठीक नहीं है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD