म्यांमार में राजनीतिक तख्तापलट के बाद से ही सेना द्वारा प्रदर्शनकारियों पर बर्बरता की तस्वीरें आनी शुरू हो गई हैं। लेकिन आंदोलनकारी सेना की इस बर्बरता के आगे घुटने टेकने को तैयार नहीं हैं। लागातार नेशनल लीग आफ डेमोक्रेसी की नेता आंग सान सू की की रिहाई की मांग उठ रही है। अब भी सेना की क्रूरता जारी है।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा बताया गया कि 15 मार्च, सोमवार को म्यांमार में सेना की क्रूरता के चलते लगभग 138 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। विश्व निकाय के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने बताया कि इनमें से 38 लोगों की मौत 13 मार्च, रविवार हुई थी। साथ ही उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे लोगों के खिलाफ की जा रही सेना की हिंसक कार्रवाई की कड़ी आलोचना करते हैं।
म्यांमार में देश के सबसे बड़े शहर यांगून की छह टाउनशिप में सत्तारूढ़ जुंटा (सैन्य शासन) द्वारा मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है। जुंटा शासन ने दर्जनों प्रदर्शनकारियों के मारे जाने के बाद यह घोषणा की है।
सैन्य सरकारी टीवी चैनल MRTV ने 15 मार्च, सोमवार को खबर दी कि यंगून के नॉर्थ डैगोन, साउथ डैगोन, डैगोन सेईक्काइन और नॉर्थ ओक्काला में मार्शल लॉ लागू कर दिया गया है। इससे पहले 14 मार्च, रविवार रात सरकारी टीवी ने दो टाउनशिप, हलियांग थार यार और पड़ोसी श्वेपियता में मार्शल लॉ लागू करने की घोषणा की थी। प्रदर्शनों के लिहाज से रविवार सबसे खूनी दिन रहा।