विदेश यात्रा की लालसा हर व्यक्ति के मन में रहती है। वह सोचता रहता है कि विदेश यात्रा होगी या नहीं, यदि होगी तो कब होगी और कितनी लम्बी होगी। क्या मैं अपने परिवार सहित विदेश यात्रा पर जाऊंगा अथवा अकेला ही भ्रमण कर आऊंगा। ये सब सवाल होते हैं लोगों के विदेश यात्रा को लेकर। विदेश में पसंदीदा जगह भी भारतीयों की अमेरिका है।
दरअसल अमेरिका की सबसे अधिक नागरिकता पाने की दौड़ में भारत दूसरे नंबर पर है। अमेरिका के वित्त वर्ष 2022 में नागरिकता पाने वाले आंकड़ों में भारत का दूसरा स्थान है। वर्ष 2021 के आंकड़ों पर नजर डालें तो करीबन साढ़े 8 लाख नए लोग अमेरिका पहुंचे। जबकि मौजूदा वित्त वर्ष में पिछले महीने तक 6 लाख 61 हजार से ज्यादा लोगों ने अमेरिकी नागरिकता ली है, जिसमें भारतीयों की संख्या सबसे अधिक है।
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा से जुड़े अधिकारी के अनुसार अमेरिका में नागरिगता पाने का कारण स्वतंत्रता का अधिकार, खुश रहने की आजादी को माना जाता है। जिसके चलते लाखों लोग अमेरिकी नागरिगता पाने के लिए आवेदन करते हैं। फिलहाल अमेरिकी नागरिकता पाने वाले देशों में मैक्सिको टॉप पर है। फिर भारत का नंबर आता है। इसके बाद फिलीपींस, क्यूबा और डोमेनिक रिपब्लिक का आता है।
अमेरिका में बसने को लेकर एक सर्वे भी किया गया। सर्वे करने वाली कंपनी की ओर से भी यह दावा किया गया था कि अमेरिका में बसने की चाह रखने वालों में भारतीय सबसे अधिक हैं। रिसर्च रिपोर्ट बताती है कि 2005 से 2015 तक भारत से अमेरिका की नागरिकता लेने वाले पात्र लोगों की संख्या में 12 फीसदी की वृद्धि हुई है। इसमें भारतीय की संख्या करीब 80 प्रतिशत है।
कैसे मिलती है नागरिकता ?
अमेरिकी नागरिकता हासिल करने के लिए प्रवासी की उम्र कम से कम 18 वर्ष होनी चाहिए। इसके साथ ही ही वैध स्थायी निवासी के तौर पर वह देश में कम से कम 5 वर्ष रह चुका हो। या अमेरिकी नागरिक से उसके विवाह को 3 वर्ष बीत चुके हों। इसके अलावा जरूरी व वैध कागजात के बाद अमेरिका नागरिकता प्राप्त की जा सकती है।
क्या है ईबी-5 कार्यक्रम ?
इस वीजा के तहत अप्रवासियों को अमेरिका के किसी व्यापार में पूंजी लगानी होती है और इससे उनकी ग्रीन कार्ड पाने की योग्यता बढ़ जाती है और वह स्थायी रूप से अमेरिका में रह सकते हैं। पिछले चार साल में ईबी-5 वीजा के तहत आए आवेदनों की संख्या तीन गुनी हो गई है।
फिलहाल भारतीयों को इस वर्ग के तहत ग्रीन कार्ड पाने के लिए करीब पांच लाख डॉलर अपनी पत्नी और अविवाहित बच्चों के नाम से निवेश करना होता है। इसके लिए किसी तरह की पढ़ाई या अन्य पैमाने की जरूरत नहीं होती है।