इजरायल और ब्रिटेन से दुनिया के लिए अच्छी खबर आ रही है। इजरायल में लगभग 80 प्रतिशत वयस्कों को कोरोना का टीका लगा दिया गया है। इसके साथ ही इजराइल ने हर्ड इम्यूनिटी हासिल कर ली है। दूसरी ओर ब्रिटेन तेजी से टीकाकरण के बाद लाभ देख रहा है। करीब 10 महीने में पहली बार मंगलवार, 1 जून को ब्रिटेन में एक भी मौत नहीं हुई। हर्ड इम्युनिटी आने के बाद से हर दिन इजरायल में कोरोना वायरस के औसतन 15 मामले सामने आते हैं। यह एक साल बाद सबसे कम संख्या है। इजरायल में यह स्थिति बहुत उत्साहजनक है।
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इजरायल में मंगलवार, 1 जून को बाकी बचे कोरोना वायरस प्रतिबंध हटा लिए गए। लोगों को अब रेस्तरां, खेल आयोजनों या सिनेमाघरों में जाने से पहले टीकाकरण का प्रमाण नहीं देना होगा। पूरे देश में रैलियां या बैठकें की जा सकती हैं। अब केवल यही प्रतिबंध है कि सार्वजनिक घरों के अंदर मास्क पहनना अनिवार्य है। आने वाले हफ्तों में प्रतिबंध हटने की उम्मीद है। इजरायल में प्रवेश के समय कुछ जिम्मेदारियां लागू होंगी।
प्रवेश के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है
इजरायल में सरकारी प्रतिबंध लगभग पूरी तरह से हटाए जाने के बाद तथाकथित ग्रीन कलर के पासपोर्ट नियम समाप्त हो गए हैं। इसका मतलब है कि भविष्य में सार्वजनिक संस्थान टीकाकरण और बिन टीकाकरण दोनों के लिए खुला रहेगा। प्रवेश के लिए टीकाकरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं होगी। इससे पहले वैज्ञानिकों ने कहा था कि हर्ड इम्युनिटी तक पहुंचने के लिए 70 से 85 फीसदी लोगों को टीका लगवाने की जरूरत है। हालांकि, इजरायल ने 60 फीसदी आबादी का टीकाकरण कर यह मुकाम हासिल किया है। जिनमें से 80 फीसदी वयस्क हैं। बच्चों का अभी तक टीकाकरण नहीं हुआ है। रविवार को सबसे कम मामले यानी 4 मामले सामने आए। जो सबसे कम है।
ब्रिटेन में 10 महीने बाद कोई मौत नहीं
इस बीच ब्रिटेन में कोरोना से मरने वालों की संख्या मंगलवार, 1 जून को जीरो रही। करीब 10 महीने में ऐसा पहली बार हुआ है। जब ब्रिटेन में एक दिन में किसी की मौत नहीं हुई है। इस बीच देश के शीर्ष विशेषज्ञों ने घोषणा की कि वैक्सीन ब्रिटेन में काम कर रही है। हालांकि भारत में नए वेरिएंट मिलने की वजह से यहां प्रतिबंधों में ढील देने में देरी हो रही है। ब्रिटेन में मरने वालों की संख्या रविवार को 6, सोमवार को 1 और मंगलवार को शून्य थी। हालांकि संक्रमण के मामले अभी भी आ रहे हैं।
दुनिया में 17.05 करोड़ मामले थे
अब तक दुनिया भर में 17.05 करोड़ मामले हैं। जबकि 35.4 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। अमेरिका में सबसे अधिक मामले और मौतें दर्ज की गई हैं। यानी क्रमश: 33,264,380 और 594,568। यह 28,047,534 मामलों के साथ भारत में दूसरे स्थान पर है। CSSE के अनुसार, 3 मिलियन से अधिक मामलों वाले देशों में ब्राजील 16,545,554, फ्रांस 5,728,788, तुर्की 5,249,404, रूस 5,013,512, यूके 4,503,224, इटली 4,217,82 शामिल हैं।