पाकिस्तान गंभीर आर्थिक संकटों से जूझ रहा है। विदेशी मुद्रा भंडार इस देश में एक सप्ताह से भी कम के लिए बचा है। वहीं सरकार का आईएमएफ के साथ ऋण संबंधी जो समझौता हुआ है वह अंतिम चरण में है। मदद पाने के लिए और 200 अरब पाकिस्तानी रुपया बचाने हेतु पाकिस्तान आईएमएफ की हर शर्तों को पूरा करने में लगा है। इसी संदर्भ में पाकित्सानी प्रधामंत्री शहबाज शरीफ ने मंत्रियों ,सलाहकारों से वेतन लाभ छोड़ने को कहा है। शहबाज़ शरीफ ने अपने मंत्रियों और सलाहकारों से कहा है कि वे अपने वेतन, लाभ और लग्जरी कारों को छोड़ें और इकोनॉमी क्लास में उड़ान भरें, जिससे सरकारी पाकिस्तानी रुपया (पीकेआर) को हर साल 200 बिलियन बचाया जा सके। पाकिस्तानी समाचार पत्र डॉन के मुताबिक सरकार की तरफ से इस तरह का फैसला तब लिया गया जब वह 1 बिलियन अमेरिकी डॉलर के फंड को सुरक्षित करने के लिए आईएमएफ के रुके हुए ऋण को फिर से शुरू करने की कोशिश कर रही है। पाकिस्तानी प्रधानमंत्री के मुताबिक आईएमएफ के साथ हुआ यह समझौता अंतिम चरण है।
पाकिस्तान सरकार के मुताबिक सरकार द्वारा मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों के खर्च में कटौती देश में आर्थिक संकट को रोकने के प्रयास का हिस्सा है। स्टेट बैंक का विदेशी मुद्रा भंडार तीन सप्ताह के आयात कवर से नीचे गिर गया है और मुद्रास्फीति लगातार उच्च बनी हुई है। डॉन की रिपोर्ट मुताबिक कैबिनेट की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया जिसके बाद घोषणा करते हुए संवाददाताओं से कहा गया कि इन (कठोरता) उपायों के दूरगामी परिणाम सामने आएंगे। हम इस तरह के उपायों के कारण करीब 200 अरब पाकिस्तानी रुपये की बचत करेंगे।”हालांकि उपायों से महत्वपूर्ण, तत्काल राहत नहीं मिलेगी, लेकिन वे लोगों को यह एहसास दिलाएगी कि सरकार को उनके दर्द और पीड़ा का एहसास है। उन्होंने कहा कि इन उपायों को तुरंत लागू किया जाएगा और नए वित्तीय वर्ष के लिए बजट के समय ‘अतिरिक्त कदम’ उठाए जाएंगे।
कैबिनेट बैठक में लिए गए निर्णय
बचट करने के राह पर एक कदम बढ़ाते हुए कैबिनेट में कई तरह के फैसले लिए गए हैं। जिसके अंतर्गत कैबिनेट सदस्यों के वेतन, सुरक्षा वाहनों, अनुलाभों और विशेषाधिकारों की वापसी होगी। एक वर्ष से अधिक के लिए विलासिता की वस्तुओं और आधिकारिक वाहनों के आयात पर प्रतिबंध लगाया गया है। पाकिस्तान के मंत्रियों द्वारा कम विदेशी दौरे भी किए जाएंगे , इसके अलावा कैबिनेट सदस्यों के लिए फाइव स्टार होटलों में ठहरने पर रोक लगाई गई है। एक सरकारी कर्मचारी के लिए केवल एक सरकारी भूखंड। इसी श्रृंखला में सरकारी अधिकारियों को दिए गए विशाल मकानों को बेचना शामिल है। इसी फैसले में सरकारी संस्थानों के खर्च में 15 प्रतिशत की कटौती और सशस्त्र बलों के गैर-लड़ाकू खर्च में कमी की जाएगी।