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कुपोषण ने बढ़ाई पाक की चिंता

पिछले साल जुलाई से दिसम्बर के बीच पाकिस्तान में आई बाढ़ के नकारात्मक प्रभावों से अभी तक निजात नहीं मिल पाई है। संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक अभी भी लाखों लोग इसके दुष्प्रभाव का सामना कर रहे हैं। संयुक्त राष्ट्र की संस्था, संयुक्त राष्ट्र बाल कोष (यूनीसेफ) के अनुसार बाढ़-प्रभावित इलाक़ों में गम्भीर हालात बने हैं और श्वसन तंत्र सम्बन्धी संक्रमण मामलों में उछाल दर्ज किया गया है, जिससे बच्चों के जीवन पर जोखिम मंडरा रहा है। पाकिस्तान में कुपोषित बच्चों की संख्या साल 2021 की तुलना में दोगुनी हो गई है। इस वजह से 15 लाख बच्चों को जीवन रक्षक पोषण के उपायों की जरूरत है। यूनिसेफ के प्रतिनिधि अब्दुल फादिल का कहना है कि बारिश भले ही रुक गई हो, बच्चों के लिए संकट नहीं रुका है।उन्होंने बताया कि भीषण सर्दी में कुपोषण, जल-जनित बीमारियों के साए में बिना पर्याप्त आश्रय व्यवस्था के जीवन गुज़ार रहे हैं ऐसे लगभग एक करोड़ लड़के -लड़कियां है ,जिन्हे तत्काल जीवन देने वाले समर्थन की जरुरत है। पाकिस्तान के दक्षिणी जिले जैकोबाबाद में अनेक परिवारों के पास अपने अस्थाई शरण स्थलों को ढकने के लिए मामूली कपडे हैं जबकि वहां बाढ़ के पानी का जमाव है वहीं तापमान रात में सात डिग्री सेल्सियस तक पहुंच रहा है। ऐसे में समस्याओं से जूझ रहे ऐसे लोगों के लिए यूनीसेफ़ और साझेदार संगठनों ने ज़रूरतमन्दों तक गर्म कपड़े,जैकेट, कम्बल और रजाई पहुँचाने की कोशिश कर रही है और इसे लगभग दो लाख महिलाओं, पुरुषों व बच्चों तक पहुँचने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में पिछले साल हुई मूसलाधार बारिश के बाद आई प्राकृतिक आपदा से सवा तीन करोड़ से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। भीषण बाढ़ में लगभग एक हजार 700 से अधिक लोगों की मौत हुई वहीं 80 लाख से भी ज्यादा लोग बाढ़ की वजह से विस्थापित हुए। गौरतलब है कि बाढ़ के समय पाकिस्तान का एक तिहाई हिस्सा पानी से डूब चुका था। भीषण बाढ़ की वजह से बड़ी संख्या में स्कूलों, स्वास्थ्य केन्द्रों और बुनियादी ढाँचे को क्षति पहुँची। तीन करोड़ 30 लाख प्रभावितों में से, लगभग 80 लाख विस्थापित हुए लोग अब भी लापता हैं। ज़रूरतमन्दों को तत्काल आवास, कृषि व आजीविका समर्थन की दरकार है। इसके अलावा कई इलाकों में अब भी पानी भरा हुआ है। बड़ी संख्या में लोग अपनी आजीविका फिर से शुरु कर पाने में समर्थ नहीं हो पा रहे और इसलिए मानवीय सहायता पर निर्भर है।

 

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यूनीसेफ़ के अनुसार 15 लाख लोगों तक प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाएँ पहुँचाई गई हैं और पाकिस्तान में बाढ़ प्रभावित 16 जिलों में 45 लाख बच्चों को पोलियो की खुराक दी गई है। अब तक 10 लाख बच्चों के लिये सुरक्षित पेयजल को उपलब्ध कराया गया है। यूएन एजेंसी द्वारा आठ लाखों बच्चों की कुपोषण जांच की गई जिसके बाद, 60 हज़ार बच्चों को गम्भीर रूप से कुपोषण का शिकार बताया गया है। संयुक्त राष्ट्र बाल कोष ने जरूरतमंदों तक जल्द से जल्द जीवन रक्षक सहायता पहुंचाने के लिये अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मानवीय राहत प्रदान करने की अपील की है। दरसल संयुक्त राष्ट्र द्वारा समय रहते ही पाकिस्तान को सहायता धनराशि मुहैया कराये जाने की आवश्यकता रेखांकित की गई है। इससे पहले भी बाढ़ प्रभावित महिलाओं व बच्चों तक सहायता पहुंचाने के लिए 17 करोड़ 35 लाख डॉलर की अपील यूनिसेफ द्वारा की गई थी, जिसमें से केवल 37 प्रतिशत धनराशि की ही मिल पाई । पाकिस्तान ने यूएन प्रणाली और अन्य साझीदार संगठनों के साथ मिलकर, आपदा के बाद जन्मी आवश्यकताओं का आकलन कर पुनर्निर्माण और पुनर्बहाली के लिये लगभग 16 अरब डॉलर की जरूरत बताई है।

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