पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में 15 जून हुई खूनी हिंसा में कितने चीनी सैनिक मारे गए थे, इसको लेकर रूसी समाचार एजेंसी TASS ने एक बड़ा दावा किया है। रिपोर्ट के अनुसार, जून 2020 में गाल्वन घाटी में खूनी संघर्ष में 45 चीनी सैनिक मारे गए थे और 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे। इस बीच भारत और चीन दोनों ने पूर्वी लद्दाख से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
9 फरवरी को चीन के रक्षा मंत्रालय ने पहली सैन्य वापसी की घोषणा की। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद में इसकी जानकारी दी। चीन ने अभी तक यह घोषणा नहीं की है कि गाल्वन घाटी में संघर्ष में उसके कितने सैनिक मारे गए थे।
अमेरिकी खुफिया सूत्रों के अनुसार, गलवान घाटी में लड़ाई में 40 से अधिक चीनी सैनिक मारे गए हैं। गलवान घटना के सात से आठ महीने बाद, दोनों देश अब तनाव कम करने के लिए कदम उठा रहे हैं।
राजनाथ सिंह ने संसद में क्या कहा
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आज संसद में बताया, “भारत किसी को भी अपनी जमीन का एक इंच भी हिस्सा नहीं लेने देगा।” वह लद्दाख में चीन के साथ चल रहे सीमा विवाद के बारे में बात कर रहे थे। राजनाथ सिंह ने संसद को सूचित किया कि चीन के साथ पैंगोंग त्सो झील क्षेत्र से सैनिकों को हटाने के लिए एक समझौता किया गया था। पैंगोंग झील क्षेत्र में सैन्य तैनाती एक प्रमुख मुद्दा है। यह विवाद इतना इसलिए बढ़ गया क्योंकि चीन ने यहां फिंगर फोर तक सैनिकों को तैनात कर दिया। राजनाथ सिंह ने कहा, “चीन के साथ चल रही वार्ता ने पैंगोंग झील के उत्तरी और पूर्वी तटों से सैनिकों की वापसी पर एक समझौते का नेतृत्व किया है। चरणबद्ध और समन्वित तरीके से, भारत-चीन अपने सैनिकों को आगे के क्षेत्र से हटा लेंगे।”