भारतीय मूल के व्यक्ति के ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बनने की उम्मीद फिलहाल फीकी पड़ गई है। इंफोसिस के फाउंडर नारायण मूर्ति के दामाद ऋषि सुनक को लिज ट्रस ने हरा दिया है। पूर्व प्रधान मंत्री बोरिस जॉनसन के इस्तीफे के बाद ट्रस ने कंजरवेटिव पार्टी के उपचुनाव में सुनक को हराया है। ट्रस ब्रिटेन की तीसरी महिला प्रधानमंत्री होंगी। उनकी जीत में सबसे बड़े योगदानकर्ताओं में से एक उनकी कर नीति रही है ।
क्या टैक्स में कटौती का वादा फायदेमंद था?
ऋषि सनक और लिज़ ट्रस के बीच प्रमुख मुद्दा कर कटौती था। ट्रस ने ब्रिटिश जनता से कर में भारी कटौती का वादा किया है। उन्होंने निर्वाचित होते ही नई कर नीति की घोषणा करने का भी वादा किया था। इसलिए पिछले सभी राउंड में आगे चल रहे सुनक को आखिरी राउंड में हार का सामना करना पड़ा (जहां पार्टी के सामान्य सदस्य वोट करते हैं)। सुनक ने तर्क दिया था कि मौजूदा हालात में करों को कम करना गलत होगा। दिलचस्प बात यह है कि सुनक जॉनसन की सरकार में वित्त मंत्री थे और उन्होंने ही कोरोना काल में स्वास्थ्य व्यवस्था पर दबाव को कम करने के लिए कर वृद्धि की शुरुआत की थी।
सोमवार को घोषित परिणामों में ट्रस को 81,326 वोट मिले। जबकि 60,399 पार्टी कार्यकर्ताओं ने सुनक के पक्ष में मतदान किया है। इसका मतलब है कि ट्रस केवल 20,927 मतों से निर्वाचित हुई है। उन्हें डाले गए वैध मतों का केवल 57 प्रतिशत ही मिला। सुनक पहले चरण के सभी पांच राउंड में लगातार बढ़त बनाए हुए थे। इसका एक और अर्थ यह है कि भले ही पार्टी के आम कार्यकर्ता ट्रस के पक्ष में हों, लेकिन सुनक को सांसद और पदाधिकारी अधिक पसंद करते हैं। इसलिए उनके प्रधानमंत्री पद का ताज कांटेदार होने की संभावना है।
देश के सामने आने वाली चुनौतियों का सामना
ब्रेक्सिट और उसके बाद आई कोरोना की लहरों ने ब्रिटिश अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से चरमरा दिया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक ब्रिटेन का महंगाई सूचकांक 10.1 फीसदी पर पहुंच गया है। कई सालों में पहली बार महंगाई सूचकांक दहाई अंक को पार कर गया है। देश में बिजली की दरें ऐतिहासिक ऊंचाई पर पहुंच गई हैं। रूस के हमले के बाद यूक्रेन का समर्थन करने के लिए ब्रिटेन अमेरिका के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। इस यूरोपीय युद्ध का अंत ट्रस शासन के अधीन होगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि ट्रस के पास अपना नेतृत्व साबित करने के लिए बहुत कम समय होगा।
ब्रिटेन में अगला आम चुनाव कब है?
12 दिसंबर 2019 को ब्रिटिश लोकसभा (हाउस ऑफ कॉमन्स) के लिए मतदान हुआ था। फिर 17 दिसंबर को संसद का पहला सत्र हुआ। इसलिए, ब्रिटेन के कानून के अनुसार 17 दिसंबर 2024 को लोकसभा स्वतः भंग हो जाएगी। उसके बाद 25 दिन यानी 24 जनवरी 2025 को वोटिंग होगी। इसलिए ट्रस के पास मुश्किल से 2 साल हैं। इस दौरान उन्हें देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने की कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है।
कैसा रहा लिज़ ट्रस का आम सांसद से प्रधानमंत्री तक का सफर?
ट्रस 1996 में कंजरवेटिव पार्टी में शामिल हुई थी। 2010 में पहली बार सांसद बनने के बाद वह दो साल के भीतर शिक्षा और बाल संरक्षण राज्य मंत्री बनीं। उसके बाद उन्होंने पर्यावरण, खाद्य सुरक्षा, ग्रामीण विकास जैसे कई विभागों में काम किया है। सितंबर 2021 में वह बोरिस जॉनसन की कैबिनेट में विदेश सचिव बनीं। अब वह ब्रिटिश सरकार में सर्वोच्च पद पर पहुंच गई है।
ट्रस ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री मार्गरेट थैचर को अपना आदर्श मानती हैं। पिछले साल एक टैंक पर बैठकर खींची गई उनकी फोटो काफी चर्चित हुई थी। दिलचस्प बात यह है कि 1986 में टैंक पर बैठे थैचर की वही तस्वीर मशहूर है। लेकिन ट्रस को ब्रिटेन की ‘आयरन लेडी’ थैचर जितना हासिल करने के लिए लंबा रास्ता तय करना है। उनका आगे का राजनीतिक सफर इस बात पर निर्भर करेगा कि वह अगले दो साल में कैसा प्रदर्शन करते हैं।