नाईजीरिया इन दिनों किड़नैपिंग के कहर से त्रस्त है। हर दूसरे-तीसरे दिन बंदूकधारी हमला करके स्कूली बच्चों और आम लोगों को अपहरण कर रहे है। सरकार पूरी तरह से अपहरण को रोकने में असफल साबित हो रही है। 12 मार्च को बंदूकधारियों ने एक स्कूल पर हमला करके 30 से अधिक छात्राओं को अपने कब्जे में ले लिया है। घटना नाईजीरिया के कुदुना राज्य में फेडरल कॉलेज ऑफ फॉरेस्ट्री मैकेनाइजेशन अफका में हुई। इस बात की पुष्टि अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा एवं गृह मामलों के आयुक्त सैमुअल अरूवान ने दी है। उनके अनुसार बंदूकधारियों ने एक कॉलेज पर हमला करके 30 छात्रओं को किडनैप कर लिया है। इतना ही नहीं बंदूकधारियों ने कॉलेज के स्टॉफ के कुछ लोगों का भी अपहरण कर लिया था। इससे पहले बंदूकधारियों ने नाइजीरिया के उत्तर-पश्चिम में एक प्राथमिक विद्यालय से तीन शिक्षकों का अपहरण कर लिया था।
दिसंबर में बंदूकधारियों ने 300 स्कूली छात्रों का अपहरण कर पूरे देश में भय का माहौल पैदा कर कर डाला था। हालांकि बाद में उन्हें छोड़ दिया गया था। जब छात्रों को बंदूकधारियों के चंगुल से छुड़ाया गया था, उनमें कई छात्रों के शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे, और कुछ के साथ गैंगरेप किया गया था। बंदूकधारियों ने इससे पहले राज्य ज़मफ़ारा में अज्ञात बंदूकधारियों ने 317 स्कूली छात्राओं का अपहरण किया था। पिछले सप्ताह, अज्ञात हमलावरों ने उत्तर-मध्य नाईजीरिया के एक बोर्डिंग स्कूल में रात को हमला किया, जिसमें एक छात्र की हत्या कर दी गई और 27 छात्रों सहित 42 लोगों का अपहरण किया गया।
आखिर कौन है इन अपरहरणों के पीछे, जिसके कारण नाईजीरिया के लोग सहमें हुए है? नाईजीरिया के लोग इन अपहरणकर्ताओं को बैंडिड यानि डाकू कहते है। ज्यादातर अपरहणों के पीछे बोको हराम जो एक इस्लामिक कट्टरपंथी ग्रुप है का हाथ बताते है। नाईजीरिया के लोकल लोगों का सरकार के खिलाफ भारी गुस्सा है। उनका मानना है कि सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी रहती है, जबकि बंदूकधारी हर रोज हमें और हमारे बच्चों को अगवा करके मार रहे है। अब तक जितने भी बच्चें किडनैप किए गए थे, उनमें से ज्यादातर बच्चें वापिस अपने घर नहीं पहुंच सके। बोको हराम ने इस साल में 700 से ज्यादा बच्चें, लोकल लोग, विदेशी राजदूत का अपहरण किया, इन्हें छोड़ने के लिए वह पैसों की डिमांड करते है। विदेशी राजदूत को किडनैप करने के बाद ग्रुप अम्मबैसी से पैसे मांगते और न देने पर हत्या कर दी जाती है। तेल की फैक्ट्रियों में काम करने वाले वर्करों को ज्यादा निशाना बनाया जाता है, क्योंकि तेल के निर्यात से नाईजीरिया की अर्थव्यवस्था टिकी हुई है। नाइजीरिया में स्कूली बच्चों के सामूहिक अपहरण की पहली बड़ी घटना 2014 में हुई थी, जब जिहादी समूह के सदस्य बोको हरम ने चिबोक में 276 लड़कियों का अपहरण कर लिया था। उनमें से 100 से अधिक लड़कियां अभी भी लापता हैं। लड़कियों ने को छुड़ाने के लिए 76000 डॉलर भी दिए गए थे।
दरअसल अपहरण नाईजीरिया में एक धंधा बन गया है। दक्षिण पश्चिमी नाइजीरिया के मोवे इलाके में छापेमारी के दौरान पुलिस को छह महिलाएं और चार बच्चे मिले। इन सभी को कैद में रखा गया था। पुलिस प्रवक्ता अबिमबोला ओयेयेमी ने समचार एजेंसी एएफपी से कहा, “मुखबिर से सूचना मिलने के बाद हमारे लोग गैरकानूनी प्रसव केंद्र में घुसे और 10 लोगों को रेस्क्यू किया।” छुड़ाई गई छह महिलाओं में से चार गर्भवती हैं। महिलाओं ने पुलिस को बताया कि उन्हें जबरन कैद किया गया. उनसे बलात्कार किया गया और फिर उनके नवजात शिशुओं को ब्लैक मार्केट में बेच दिया गया। ऐसी तथाकथित बेबी फैक्ट्री में पैदा होने वाले बच्चों को आम तौर पर बाल मजदूरी, सेक्स वर्कर या नर बलि के लिए बेचा जाता है। पुलिस द्वारा छुड़ाई गई एक महिला ने पत्रकारों से कहा कि नवजात लड़के को ढाई लाख नाइरा और लड़कियों को दो लाख नाइरा में बेचा जाता है। ऐसी बेबी फैक्ट्रियां आम तौर पर खुद को अनाथालय, मैटरनिटी होम और धार्मिक केंद्रों की तरह पेश करती हैं। मानवाधिकार कार्यकर्ताओं का कहना है कि इन गैरकानूनी बेबी फैक्ट्रियों में बड़ी संख्या में लोग काम करते हैं।
नाइजीरिया को अफ्रीका में मानव तस्करी का स्रोत भी कहा जाता है. देश के ग्रामीण इलाकों से महिलाओं और बच्चों को बहला फुसलाकर अगवा किया जाता है। और फिर उन्हें गैबॉन, कैमरून, घाना, चाड, बेनिन, टोगो, नाइजर, बुर्किना फासा और गाम्बिया जैसे देशों में बेचा जाता है। नाइजीरिया की महिलाओं को जबरन देह व्यापार के लिए इटली, रूस और मध्य पूर्व एशिया के देशों तक भी पहुंचाया जाता है।
खतरनाक आंतकी संगठन है बोको हराम
बोको हराम एक सुन्नी जिहादी गुट है। यह साल 2002 में उत्तरी नाईजीरिया में सबसे पहले उभरा। उत्तरी नाईजीरिया मुस्लिम बहुल इलाका है। अफ्रीका के सबसे धनी देशों में से गिने जाने वाले नाइजीरिया का ये सबसे ग़रीब इलाक़ा है। ज्यादातर लोग इस बात की और सकेंत करते है कि बोको हराम के उभार को नाइजीरिया के भीतर दक्षिणी और उत्तरी इलाक़े के बीच की ग़ैरबराबरी से भी जोड़कर देखते हैं। बताया जाता है कि मुस्लिम मौलवी मोहम्मद यूसुफ़ ने नाइजीरिया में शरिया क़ानून को मानने वाली सरकार के गठन के इरादे से ये संगठन बनाया था। बोको हराम इस्लाम के जिस स्वरूप को बढ़ावा देता है, उसमें मुसलमानों को वोटिंग या धर्मनिरपेक्ष शिक्षा जैसे पश्चिमी जीवन मूल्यों और शैली से प्रभावित किसी किस्म की राजनीतिक या सामाजिक गतिविधियों में भाग लेने की मनाही है। यूसुफ़ ने इसके लिए एक मस्जिद और एक मदरसे का निर्माण कराया। लेकिन उनके संगठन की दिलचस्पी का दायरा शिक्षा के क्षेत्र से बाहर फैलने लगा। उनका राजनीतिक मक़सद एक इस्लामी राज्य की स्थापना था और वो मदरसा जल्द ही एक जिहादी भर्ती केंद्र में बदल गया। मैसेजिंग ऐप ‘टेलीग्राम’ पर बोको हराम अपने ऑफ़िशियल एकाउंट्स से प्रोपेगैंडा जारी रखे हुए हैं।
नाईजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदू बुहारी के खिलाफ लोगों का गुस्सा है, क्योंकि देश में बढ़ती बेरोजगारी, ढीली न्याय व्यवस्था, भ्रष्ट्रचार, सुरक्षा की कमी और गिरती अर्थव्यवस्था से लोग काफी ज्यादा परेशान है। अपने एक बयान में मुहम्मदू बुहारी ने कहा कि हम अपहरण की इन गंभीर और दिल दहला देने वाली घटनाओं को समाप्त करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं, अपहरण के बाद मिलिट्री और पुलिस को तुरंत भेजा जाता था। लेकिन लोकल लोगों का कहना है कि पुलिस तब आती है जब हमारे बच्चों और हमारी हत्या कर दी जाती है। हालांकि किडनैपिंग को रोकने के लिए नाईजीरिया सरकार विदेशों से भी समर्थन मिल रहा है।