[gtranslate]
world

जानिए कैसे अमेरिका में सुरक्षा से संस्कृति बनी बंदूक

अमेरिका दुनिया का सबसे शक्तिशाली देश माना जाता है। यहां के नागरिकों को सुखद जीवन जीने की तमाम सुविधाएं हासिल हैं। इसके बावजूद विरोधाभास यह है कि अमेरिकी समाज में हिंसा दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। हिंसा की यह प्रवृति इतनी गहरी हो चुकी है कि आए दिन स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं सामने आती रहती हैं। स्कूली बच्चों तक को हिंसा ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है मासूम स्कूली बच्चे तक खुलेआम हथियारों का इस्तेमाल कर हिंसा को अंजाम दे रहे हैं।

एक बार फिर अमेरिका में गोलीबारी की घटना सामने आई । अमेरिका के ओक्लाहोमा के टुल्सा शहर के सेंट फ्रांसिस अस्पताल परिसर की नैटेली बिल्डिंग में गोलीबारी हुई। टुल्सा पुलिस के अनुसार अज्ञात हमलावर द्वारा चार लोगों को गोलियों से भून दिया गया। जैसे ही सूचना मिली तत्काल मौके पर पहुंची पुलिस ने शूटर को मार दिया। इससे पहले भी 24 मई को उवाल्डे के एक प्राथमिक स्कूल में गोलीबारी हुई थी। जिसमें 19 बच्चों समेत 23 की मौत हो गई थी। अमेरिका में स्कूलों को निशाना पहली बार नहीं बनाया गया है। पिछले कई सालों से अमेरिका के स्कूलों में गोलीबारी की घटनाएं घटती रही हैं।

अमेरिका के स्वतंत्र डेटा संग्रह करने वाले संगठन ‘गन वायलेंस आर्काइव’ की एक रिपोर्ट से सामने आया कि वर्ष 2022 में अमेरिका में 212 घटनाएं सामूहिक गोलीबारी की है। रिपोर्ट में दिए आंकड़ों के अनुसार पिछले पांच सालों में अमेरिका के स्कूलों में 100 से अधिक मामले गोलीबारी के सामने आ चुके हैं। वहीं इस साल अमेरिका में 200 से ज्यादा घटनाएं घटित हो चुकी हैं।

लगातार गोलीबारी होते देख एक सवाल पूरी दुनिया के जेहन में कौंध रहा है कि जो अमेरिका दूसरे मुल्क में आतंकी वारदात के खिलाफ 20 साल तक संघर्ष कर सकता है वो देश अपने ही नागरिकों की मौत होते हुए भी कोई ठोस कदम क्यों नहीं उठा पा रहा है ? इसके लिए जिम्मेदार अमेरिकी गन कल्चर है। 

क्यों अमेरिका को पसंद हैं बंदूक ?

इसका जवाब अमेरिका के इतिहास में मिलता है। अमेरिका भी कभी भारत की तरह ही ब्रिटेन का गुलाम हुआ करता था लेकिन भारत से पहले ही अमेरिका ने ब्रिटेन के खिलाफ जंग शुरू कर दी थी। 1775 में हर अमेरिकी नागरिक से उम्मीद की जा रही थी कि वह ब्रिटिशर्स के खिलाफ हथियार उठाएगा और उनका सामना  करेगा। अंततः लड़ाई में अमेरिकी लोगों ने जीत हासिल की। बाद में भी उन्होंने उन हथियारों का इस्तेमाल शिकार खेलने, खेतों में घुस आने वाले जानवरों को भगाने और चोरों-बदमाशों से सुरक्षा में किया जाने लगा। 

संविधान में हथियार रखने की मंजूरी

 

1787 में अमेरिका का संविधान बनकर तैयार हो गया था। चार साल बाद इसमें संशोधन कर नागरिकों को हथियार रखने की अनुमति दे दी गई। इसके पीछे भी एक विचार था कि हर व्यक्ति को अपनी संपत्ति की सुरक्षा करने का अधिकार होना चाहिए। बंदूकों के मामले में अमेरिकी संविधान को इंग्लैंड के संविधान ने काफी हद्द तक प्रभावित किया। 1689 में इंग्लैंड ने इंग्लिश बिल ऑफ राइट्स पेश किया था। इसमें भी व्यक्तिगत सुरक्षा पर बल दिया गया था।

लेकिन धीरे-धीरे जो बंदूक सुरक्षा के लिए उठाई गई थी अब वह अमेरिका में संस्कृति का हिस्सा बन गई। क्योंकि आम नागरिकों के बंदूक रखने के मामले में अमेरिका दुनिया में सबसे आगे है। स्विट्जरलैंड के स्मॉल आर्म्स सर्वे यानी SAS की रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में मौजूद कुल 85.7 करोड़ सिविलियन गन यानी बंदूकों में से अकेले अमेरिका में ही 39.3 करोड़ सिविलयन बंदूक मौजूद हैं। दुनिया की आबादी में अमेरिका का हिस्सा 5% है, लेकिन दुनिया की कुल सिविलियन गन में से 46% अकेले अमेरिका में हैं।

अक्टूबर 2020 में आए गैलप सर्वे के मुताबिक, 44% अमेरिकी वयस्क उस घर में रहते हैं, जहां बंदूकें हैं, इनमें से एक तिहाई वयस्कों के पास बंदूकें हैं।

दुनिया में केवल तीन ही देश ऐसे हैं, जहां बंदूक रखना संवैधानिक अधिकार है। अमेरिका, ग्वाटेमाला और मैक्सिको। हालांकि, अमेरिका की तुलना में ग्वाटेमाला और मैक्सिको में लोगों के पास काफी कम बंदूकें हैं। साथ ही पूरे मैक्सिको में केवल एक ही गन स्टोर है, जिस पर आर्मी का नियंत्रण है।

अमेरिका में आबादी से भी ज्यादा सिविलियन गन

 

SAS की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका की जनसंख्या से ज्यादा वहां नागरिकों के पास बंदूकें, यानी सिविलियन गन हैं। अमेरिका की आबादी करीब 33 करोड़ है और वहां सिविलियन गन करीब 40 करोड़ हैं। एक अन्य रिपोर्ट के अनुसार, जबकि वहां की सेना के पास 45 लाख गन है और पुलिस के पास महज 10 लाख।

अमेरिका में हर 100 लोगों पर 120 बंदूकें उपलब्ध हैं। 2011 में ये संख्या प्रति 100 लोगों पर 88 बंदूकों की थी। अमेरिका के बाद इस मामले में दूसरे नंबर पर यमन है, जहां हर 100 लोगों पर 53 बंदूकें उपलब्ध हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमेरिका में बंदूक से हुई हिंसा की वजह से पिछले 50 वर्षों में 15 लाख से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। ये संख्या 1776 में अमेरिका की आजादी के बाद से पिछले करीब 250 सालों में अमेरिका के सभी युद्धों में मारे गए कुल सैनिकों की संख्या से भी ज्यादा है।

US सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन यानी CDC की रिपोर्ट के मुताबिक, औसतन अमेरिका में हर दिन 53 लोगों की मौत गन की वजह से होती है। इस रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका में 79% हत्याएं बंदूकों से होती हैं।

गन कल्चर की वजह से अमेरिका में न केवल लोगों की हत्याओं के मामले बढ़े हैं, बल्कि इससे आत्महत्या के भी केस बढ़े हैं। CDC की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में अमेरिका में बंदूक से 23 हजार से ज्यादा लोगों ने सुइसाइड किया था। ये इस दौरान दुनिया में बंदूक से आत्महत्या के कुल मामलों का 44% था। वहीं 2020 में ये आंकड़ा बढ़कर 24300 हो गया। UN के मुताबिक, 1990 से 2019 के बीच बंदूकों से सर्वाधिक आत्महत्या के केस अमेरिका में दर्ज हुए।

 

अमेरिका में बंदूकों से होने वाली मास शूटिंग में एक साथ कई लोगों की हत्याओं की घटनाएं पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचती

हैं, लेकिन अमेरिका में मास शूटिंग की कोई स्पष्ट परिभाषा नहीं है।एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक अमेरिकी रिपोर्ट ही कहती है कि यूएस में लोगों के पास 40 करोड़ से ज़्यादा गन हैं। वहीं, सेना के पास महज 45 लाख गन हैं और पुलिस के पास तो और भी कम, 10 लाख से कुछ ही ज़्यादा।

अमेरिकी सरकार क्यों नहीं बंदूकों पर बैन लगा पा रही ?

 

गन कल्चर को समाप्त करना अमेरिका के लिए एक बड़ी चुनौती है। उसका मुख्य कारण राजनीति भी रहा है। हाल ही में हुई घटनाओं से त्रस्त होकर लोग एक बार को विरोध तो करने लगते हैं, लेकिन जब बात एक्शन की आती है तो दो खेमों में बंट जाते हैं। पिछले साल के एक सर्वे के अनुसार,  करीब आधे अमेरिकी बंदूकों पर कड़े क़ानून के पक्ष में नहीं हैं। कुछ का मानना था कि इससे कोई असर नहीं पड़ेगा। कुछ लोग कुछ हद तक ही बंदिशे चाहते हैं लेकिन बंदूक पर बैन नहीं।

अमेरिका में बंदूकों पर कानून है कि नहीं ?

क़ानून तो हैं, लेकिन वो बंदूकों की खरीद-फरोख्त और उनके इस्तेमाल को बाधित नहीं करते हैं। हालांकि कुछ हद्द तक कण्ट्रोल जरूर करते हैं। बल्कि केवल कुछ हद तक नियंत्रित करते हैं। इन्हीं कानूनों के चलते अमेरिका में साल 1934 में नैशनल फायरआर्म्स एक्ट लागू हुआ। जिसके बाद कुछ ख़ास हथियारों पर एक्साइज टैक्स लगाया गया और रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया गया।  उसके बाद 1968 में गन कंट्रोल एक्ट पास हुआ। इसमें बंदूकों को एक स्टेट से दूसरे स्टेट में ले जाने पर पाबंदियां हो गई। 

पिछले कुछ वर्षों में अमेरिका के स्कूलों और सार्वजानिक जगहों पर होते हिंसक रक्तपात की खबरों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जैसे कि अमेरिका में आखिर बंदूक कानून इतने लचीले क्यों हैं कि वे मानवता पर संकट प्रतीत होने लगे हैं? इस तरह की घटनाओं का बड़ा कारण अमेरिका का गन एक्ट है।

You may also like

MERA DDDD DDD DD