तमाम कोशिशों और वार्ताओं के बावजूद अमेरिका एवं उत्तर कोरिया के बीच परमाणु हथियारों को लेकर उत्साहजनक माहौल नहीं बन पा रहा है। ऐसा लगता है कि उत्तर कोरिया के शासक किम जोंग उन अमेरिका पर पूरी तरह यकीन नहीं कर पा रहे हैं। अमेरिका चाहता है कि किम परमाणु हथियारों को अलविदा कहें और अपने देश में आर्थिक विकास के द्वार खोलें। इस संबंध में हाल में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के साथ हनोई में उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन की मुलाकात भी हुई। दोनों नेताओं ने साथ में डिनर भी किया था। इस मुलाकात के बाद ट्रंप ने कहा कि वह किसी भी तरह के नतीजे की जल्दी में नहीं हैं। परिणाम पाने के लिए हमें वक्त का इंतजार करना होगा। हमें कोई जल्दी नहीं है और हम सही डील करना चाहते हैं। अब दूसरी शिखर वार्ता के बाद स्पष्ट संकेत मिले हैं कि उत्तर कोरिया ने रॉकेट लॉन्चिंग क्षेत्र का विकास शुरू कर दिया है, जबकि सिंगापुर में हुई पहली शिखर वार्ता के बाद किम ने ऐसा न करने का वादा किया था। विश्लेषकों ने हाल ही में सेटेलाइट तस्वीरों से मिले संकेतों के आधार पर पाया है कि उत्तर कोरिया अपनी रॉकेट लॉन्चिंग साइटों का दोबारा विकास करने में जुट गया है। यहां के डोंगचांग-री इलाके में सोहाए परीक्षण स्थल को सेटेलाइट लॉन्चिंग और इंजन परीक्षण के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है, लेकिन अब तक यहां से किसी बैलेस्टिक मिसाइल का परीक्षण नहीं हुआ है।
इस परीक्षण स्थल को नष्ट करने के लिए ट्रंप और किम के बीच हुई सिंगापुर शिखर वार्ता के बाद बंद कर दिया गया था, लेकिन हनोई में दूसरी शिखर वार्ता के अधूरी रहने के बाद इसे दोबारा शुरू किया जा रहा है। अमेरिका के सेंटर फॉर स्ट्रेटजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (सीएसआईएस) ने कहा कि यह गतिविधियां ‘सोहाई सैटेलाइट लॉन्चिंग स्टेशन’ के वर्टिकल इंजन टेस्ट स्टैंड और लॉन्च पैड में देखी गईं। प्योंगयांग ने इसी प्रक्षेपण स्थल से 2012 और 2016 में उपग्रहों का प्रक्षेपण किया था।
इस बीच अमेरिका ने दूसरी शिखर वार्ता के बाद एक बार फिर उत्तर कोरिया को चेताया है कि यदि उसने परमाणु निरस्त्रीकरण को लेकर माकूल कदम नहीं उठाए तो उसे और भी अधिक प्रतिबंधों का सामना करना पड़ेगा। अमेरिका की यह टिप्पणी दक्षिण कोरियाई खुफिया सेवाओं द्वारा जारी कुछ सेटेलाइट तस्वीरों के जारी करने के बाद सामने आई है।