ईरान के परमाणु कार्यक्रम का मास्टरमाइंड माने जाने वाले मोहसेन फखरीज़देह तेहरान में कार से यात्रा कर रहे थे, लेकिन तभी उनकी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। हमले के बाद इंटरनेशनल मीडिया में तरह-तरह की खबरें आने लगी। जब उनकी गोली लगने से हत्या हुई तब उनके आसपास किसी को नहीं देखा गया था। कोई भी आदमी उन्हें गोली मारते नहीं दिखाई दिया। धटना 27 नवंबर की है। अब सवाल उठता है कि जब किसी आदमी ने उन्हें गोली नहीं मारी तो फिर किसने मारी। ईरान इस हमले के पीछे इजरायल का हाथ बता रहा है। लेकिन अब ईरानी मीडिया को सैन्य अधिकारियों ने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और चेहरे की पहचान की मदद से इस धटना को दूर से अंजाम दिया गया था। जिसमें ईरान के परमाणु वैज्ञानिक मोहसेन फखरीजदेह की मौत हो गई थी।
ईरान की अर्ध-सरकारी ईरानी छात्र समाचार एजेंसी (आईएसएनए) की रिपोर्ट के अनुसार, इस्लामिक रिवॉल्यूशनरी गार्ड कोर (आईआरजीसी) के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल रमजान शरीफ के अनुसार, कि घटनास्थल पर कोई हमलावर नहीं थे और उपग्रह के माध्यम से एक मशीनगन नियंत्रित ने फखरिज़देह के चेहरे को पहचाना और उसे निशाना बनाया । “हमने जांच की है और पता चला है कि एक उपग्रह दूर से एक मशीनगन को नियंत्रित कर रहा था, और वहां कोई आतंकवादी नहीं था।”
ईरानी खुफिया और सुरक्षा एजेंसियों को फखरीजादेह की हत्या की साजिश का अंदेशा पहले से ही था और इस तरह के हमले की आशंका भी पहले से ही थी। हालांकि इस संबंध में कोई विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। शुरुआत में ईरानी रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि फखरीजादेह की कार को कुछ बंदूकधारियों ने निशाना बनाया था और उसी दौरान उन्हें गोली मारी गई थी।
ईरान द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर इजरायल ने अपना पक्ष नहीं रखा है। उन्होंने अभी तक भी इन आरोपों को लेकर कोई टिप्पणी नहीं की है। गौरतलब है कि ईरान के दामावंद काउंटी के अबसार्द शहर में शुक्रवार को आधुनिक हथियारों से लैस आतंकवादियों ने परमाणु वैज्ञानिक मोहसीन फखरीजादेह की गोली मार कर हत्या कर दी थी। परमाणु वैज्ञानिक मोहसीन फखरीजादेह ईरान के रक्षा मंत्रालय के अनुसंधान एवं नवाचार केन्द्र के प्रमुख थे।