डेमोक्रेटिक पार्टी कमला हैरिस को उम्मीदवार बनाने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रम्प की लोकप्रियता पर प्रभाव पड़ने लगा है। जो बाइडेन के उम्मीदवारी के दौरान ट्रम्प इस चुनावी रेस में आगे दिख रहे थे। लेकिन विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार अब इस रेस में बाइडेन की उत्तराधिकारी ट्रम्प से आगे निकल रही हैं। वे लोगों के सामने खुलकर आ रही हैं। उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। शिकागो में चले चार दिनों की पार्टी कनवेंशन के दौरान हैरिस की लोकप्रियता 47 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, वहीं सर्वेक्षणों के अनुसार ट्रम्प की लोकप्रियता 44 प्रतिशत के आस-पास रही है
अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में अब महज दो महीने से भी कम का समय रह गया है। लेकिन राष्ट्रपति उम्मीदवारों के मध्य दिन पर दिन काटें की टक्कर बढ़ती जा रही है। डेमोक्रेटिक पार्टी की कमला हैरिस ट्रम्प को चुनावी मैदान में पछाड़ती नजर आ रही हैं। हाल ही में दोनों उम्मीदवार एक डिबेट के दौरान आमने-सामने आए। जिसमें दोनों उम्मीदवारों ने आरोप-प्रत्यारोपों से एक दूसरे को बेनकाब किया। जहां ट्रम्प ने हैरिस को सबसे विभाजनकारी राष्ट्रपति कहा, वहीं हैरिस ने ट्रम्प को तानाशाह करार दिया।
अमेरिका की ये दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट थी। हालांकि कमला हैरिस और डोनाल्ड ट्रम्प की यह पहली डिबेट थी। इससे पहले जून में एक
प्रेसिडेंशियल डिबेट डोनाल्ड ट्रम्प और वर्तमान राष्ट्रपति जो बाइडेन के बीच में हुई थी। जिसमें बाइडेन के खराब प्रदर्शन के चलते उनके स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठाए जाने लगे। नतीजन बाइडेन को मजबूरन चुनावी मैदान छोड़ना पड़ा। उन्होंने डेमोक्रटिक पार्टी से अपने उत्तराधिकारी के रूप में कमला हैरिस को मैदान में उतारा। जिसके बाद डोनाल्ड ट्रम्प की लोकप्रियता पर प्रभाव पड़ने लगा है। जो बाइडेन के उम्मीदवारी के दौरान ट्रम्प इस चुनावी रेस में आगे दिख रहे थे। लेकिन विभिन्न सर्वेक्षणों के अनुसार अब इस रेस में बाइडेन की उत्तराधिकारी ट्रम्प से आगे निकल रही हैं। वे लोगों के सामने खुल कर आ रही हैं। उनकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। शिकागो में चले चार दिनों की पार्टी कनवेंशन के दौरान हैरिस की लोकप्रियता का प्रतिशत 47 प्रतिशत तक पहुंच गई थी, वहीं सर्वेक्षणों के अनुसार ट्रम्प की लोकप्रियता 44 प्रतिशत के आस-पास रही है। इस चुनावी सर्वेक्षणों से मालूम होता है कि राष्ट्रपति पद के ये उम्मीदवार एक दूसरे को काटे की टक्कर दे रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार 9 सितंबर को हुए दूसरी प्रेसिडेंशियल डिबेट के बाद कमला हैरिस की लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। इस डिबेट के बाद ही पॉप स्टार टेलर स्विफ्ट ने कमला हैरिस को राष्ट्रपति चुनाव में अपना समर्थन देने की घोषणा की है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि ‘मैं 2024 के राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस और टिम वाल्ज को अपना वोट दूंगी। उन्होंने वोट देने का कारण बताते हुए लिखा कि मैं उन्हें वोट दे रही हूं क्योंकि वह अधिकारों और कारणों के लिए लड़ती हैं। वह एक स्थिर, प्रभावशाली नेता हैं और मेरा मानना है कि अगर हम अराजकता के बजाय शांति से आगे बढ़ें, तो हम इस देश में बहुत कुछ हासिल कर सकते हैं।’
एबीसी न्यूज चैनल पर डिबेट के दौरान दोनों उम्मीदवारों ने आगामी चार साल के लिए अपना अलग-अलग नजरिया पेश किया, जिसे वे राष्ट्रपति बनने पर लागू करना चाहेंगे। कमला हैरिस के अनुसार इस डिबेट के माध्यम से लोगों ने देश के लिए दो बिल्कुल अलग-अलग दृष्टिकोण सुने। एक जो भविष्य पर केंद्रित है और दूसरा जो अतीत पर। कमला हैरिस द्वारा ट्रम्प पर अतीत वादी होने का आरोप लगाया गया। हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति को अक्खड़ और एक ऐसा व्यक्ति कहा जो देश को पीछे की ओर धकेलना चाहता है, वहीं ट्रम्प ने कमला हैरिस पर मार्क्सवादी होने का आरोप लगाया। उनके अनुसार हैरिस की विचारधारा अमेरिका को पतन की ओर ले जाएगी।
बदहाल अर्थव्यवस्था का मुद्दा
कई मुद्दों समेत अर्थव्यवस्था को लेकर ट्रम्प और हैरिस एक दूसरे पर झूठ बोलने का आरोप लगाते दिखे। डिबेट के दौरान दोनों उम्मीदवारों ने बेरोजगारी, अर्थव्यवस्था, निर्वासन, विदेशी मामलों, गर्भपात आदि मुद्दों को लेकर तीखी बहस की। हैरिस ने दावा किया कि वो राष्ट्रपति बनने के बाद समानता को बढ़ावा देंगी, वो सभी अमेरिकी नागरिकों की राष्ट्रपति बनेंगी, वहीं ट्रम्प ने कर में कटौती करने और देश को एक बेहतरीन अर्थव्यवस्था देने का वादा किया। ट्रम्प के अनुसार बाइडेन शासन में अर्थव्यवस्था का बुरा हाल हो गया है। चीन का दबदबा देश में बढ़ता जा रहा है। देश के आर्थिक तंगी को रोकने में बाइडेन और हैरिस नकाम रहे हैं, वहीं हैरिस ने देश की आर्थिक तंगी के लिए ट्रम्प को ही जिम्मेदार ठहराया है। हैरिस ने कहा ट्रम्प ने अमेरिका की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से बर्बाद करके रख दिया था, जिसे बाइडेन और उनके प्रशासन ने संभाला। कमला हैरिस ने कहा कि मुख्यधारा के अर्थशास्त्रियों का मानना है कि उनकी आर्थिक नीतियों से अर्थव्यवस्था बढ़ेगी और ट्रम्प की योजना से अर्थव्यवस्था सिकुड़ेगी। इसके अलावा उन्होंने कहा कि ट्रम्प देश में बेरोजगारी छोड़कर गए।
उन्होंने कहा, ‘हमारे पास मुद्रास्फीति के चलते एक खराब अर्थव्यवस्था है, जो वास्तव में देश को तोड़ने वाली है। इसी बीच ट्रम्प ने डिबेट के दौरान दूसरे देशों से आयातित वस्तुओं पर टैरिफ लगाने का अपना पुराना वादा दोहराया। गौरतलब है कि ट्रम्प ने चीनी वस्तुओं को छोड़कर संयुक्त राज्य अमेरिका में आयातित अधिकांश वस्तुओं पर 10 से 20 प्रतिशत टैरिफ का प्रस्ताव दिया है। पीटरसन इंस्टीट्îूट फॉर इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स का अनुमान है कि इससे अमेरिकियों को प्रति वर्ष 2,600 डॉलर का नुकसान होगा। हैरिस ने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रस्तावों पर हमला करते हुए कहा कि निगमों को कर कटौती देने से अमेरिकी मध्यम वर्ग के परिवारों को नुकसान होगा। डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनके पास ऐसे अमेरिकी परिवारों की मदद करने की योजना है, जो अर्थव्यवस्था और जीवन-यापन के बढ़ते खर्च से चिंतित हैं। उन्होंने कहा, ‘मैं अमेरिकी लोगों की महत्वाकांक्षा, आकांक्षा और सपनों में विश्वास करती हूं।’
गर्भपात महिलाओं का अधिकार
कमला हैरिस ने ट्रम्प की गर्भपात नीति की भी आलोचना की। जिसमें उन्होंने 6 सप्ताह के गर्भपात प्रतिबंध का समर्थन किया है। हैरिस ने ट्रम्प पर आरोप लगाते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्यों को इस इरादे से चुना गया था कि वे रो बनाम वेड के संरक्षण को खत्म कर देंगे और उन्होंने ठीक वैसा ही किया जैसा कि उनका इरादा था, अब 20 से अधिक राज्यों में ट्रम्प गर्भपात पर प्रतिबंध लगा रहे हैं। गौरतलब है कि रो बनाम वेड अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट का मामला है, जिसने 1973 में संयुक्त राज्य अमेरिका में गर्भपात को वैध बनाया था। सुरक्षित, कानूनी गर्भपात लगभग 50 वर्षों तक देश भर में एक मान्यता प्राप्त संघीय संवैधानिक अधिकार बना रहा। गर्भपात प्रतिबंध की आलोचना करते हुए हैरिस ने कहा कि डोनाल्ड ट्रम्प को किसी महिला को यह नहीं बताना चाहिए कि उसे अपने शरीर के साथ क्या करना चाहिए। इसी दौरान उन्होंने कहा कि अगर वो सत्ता में आई तो रो बनाम वेड की सुरक्षा को फिर से लागू करने के लिए एक विधेयक पारित करेंगी।
गर्भपात प्रतिबंध नीति का समर्थन करते हुए ट्रम्प ने कहा कि डेमोक्रेट अपनी गर्भपात नीतियों में कट्टरपंथी हैं। मगर गर्भपात एक राज्य का मुद्दा होना चाहिए। ट्रम्प का मानना है कि राज्य गर्भपात प्रतिबंध पर फैसला वोट या कानून के आधार पर लेगा। ट्रम्प ने गर्भपात पर हैरिस के दावे का जवाब देते हुए कहा, ‘मैं प्रतिबंध पर हस्ताक्षर नहीं कर रहा हूं।’ उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि उनका मानना है कि गर्भपात पर राष्ट्रव्यापी प्रतिबंध आवश्यक नहीं है। ट्रम्प ने सुप्रीप कोर्ट के फैसले पर अपने विचार देते हुए कहा कि गर्भपात को नियमित करने का अधिकार अलग-अलग राज्यों को वापस लौटा दिया गया है।
ट्रम्प बने राष्ट्रपति तो नहीं होगा विश्व युद्ध
90 मिनट की इस डिबेट में देश-विदेश मामलों के संबंध में भी आरोप लगाए गए। ट्रम्प ने रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर बाइडेन सरकार की खिंचाई की। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि अगर वो राष्ट्रपति चुनाव जीतते हैं तो वे ये युद्ध खत्म कर देंगे। ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक पार्टी के शासन को लेकर कहा कि इनकी चुनावी नीतियों का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि वह लगभग चार सालों से सत्ता में हैं और उन्होंने उनमें से सभी को पूरा नहीं किया है। ट्रम्प के अनुसार यदि अमेरिका का शासन डेमोक्रेटिक पार्टी के हाथ में दिया जाता है तो दुनिया तीसरे विश्वयुद्ध से आशंकित हो सकती है।
ट्रम्प ने कहा कि मैं चाहता हूं कि युद्ध रुक जाए। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन में जारी संघर्ष में अमेरिका पर पड़ने वाली लागत की बात की और दावा किया कि अमेरिका की तुलना में यूरोप बहुत कम भुगतान कर रहा है। उन्होंने कहा कि वह यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की और रूसी राष्ट्रपति पुतिन दोनों को बहुत अच्छी तरह से जानते हैं। ट्रम्प ने हैरिस को इतिहास का सबसे खराब उपराष्ट्रपति कहा और दावा किया कि वह हमले से पहले यूक्रेन और रूस के बीच बातचीत करके युद्ध रोकने में विफल रहीं, वहीं इसका तीखा जवाब देते हुए हैरिस ने कहा, हमारे नाटो साथी बहुत आभारी हैं कि आप अब राष्ट्रपति नहीं हैं। वरना पुतिन कीव में बैठे होते और उनकी नजर बाकी यूरोप पर होती। हैरिस ने बात आगे बढ़ाते हुए कहा कि पुतिन एक तानाशाह हैं जो आपको लंच में खा जाएंगे।
रूस-यूक्रेन युद्ध के अतिरिक्त ट्रम्प ने गाजा युद्ध को लेकर कहा कि अगर वो राष्ट्रपति होते तो ये युद्ध कभी शुरू ही नहीं होता। ट्रम्प द्वारा हैरिस पर आरोप लगाया गया कि वे ‘इजरायल और अरब आबादी से नफरत करती हैं। अगर वह राष्ट्रपति बनेंगी तो अब से दो साल बाद इजरायल का अस्तित्व नहीं रहेगा।’ ट्रम्प ने दावा किया कि वे इस युद्ध को जल्द से जल्द सुलझा लेंगे। वहीं हैरिस का भी मानना था कि इस युद्ध को खत्म हो जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इजरायल को खुद की रक्षा करने का अधिकार है लेकिन यह मायने रखता है कि वह ऐसा कैसे करता है। हैरिस युद्ध विराम के साथ ही गाजा के पुनर्निर्माण के लिए दो राज्य समाधान का आवाहन करती हैं।
आपराधिक मामलों को लेकर घेराव
आरोपों से बेनकाब करने का सिलसिला यहीं नहीं रुका। हैरिस ने कैपिटल हिल दंगों के लिए पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि ‘पूर्व राष्ट्रपति ने हमारे देश की कैपिटल पर हमला करने, हमारे देश की कैपिटल को अपवित्र करने के लिए एक हिंसक भीड़ को उकसाया। हैरिस के अनुसार ट्रम्प पर इसी कारण से अभियोग लगाया गया है।’ डोनाल्ड ट्रम्प ने भी इसे स्वीकार करते हुए कहा कि उनके समर्थक 6 जनवरी 2021 को कैपिटल की ओर बढ़े थे। हालांकि उन्होंने जोर देकर कहा कि उन्होंने प्रदर्शनकारियों को ‘शांतिपूर्ण और देशभक्तिपूर्ण तरीके से’ मार्च करने का निर्देश दिया था। ट्रम्प ने आगे कहा कि दंगाइयों पर मुकदमा चलाया गया और उन्हें जेल में भी डाला गया, उनके साथ न्याय प्रणाली ने ‘बहुत बुरा व्यवहार’ किया। इसी बीच दोनों उम्मीदवारों ने एक-दूसरे को आपराधिक मामलों को लेकर भी घेरा। ट्रम्प के अनुसार देश की आर्थिक बदहाली का एक कारण अप्रवासी भी हैं। जिनमें से ज्यादातर अपराधी हैं, वहीं हैरिस ने भी ट्रम्प के आपराधिक मामलों को लेकर उन पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ‘मुझे लगता है कि यह बात किसी ऐसे व्यक्ति से आ रही है, जिस पर राष्ट्रीय सुरक्षा अपराधों, आर्थिक अपराधों, चुनाव में हस्तक्षेप के लिए मुकदमा चलाया गया है।’ उन्होंने ट्रम्प पर तंज कसते हुए कहा कि पूर्व राष्ट्रपति कौन है इसके बारे में जानना हो तो उन लोगों से पूछना चाहिए जिन्होंने उनके साथ काम किया हो। हालांकि ट्रम्प ने आपराधिक आरोपों को फर्जी मामले बताया है।