डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जो बाइडन ने हाल ही में एक मुस्लिम पॉलिसी पेपर में कहा था कि वह अमेरिकी मुस्लिमों के दर्द को समझते हैं और राष्ट्रपति बनने के बाद मुस्लिमों के खिलाफ दुनिया भर में हो रहीं घटनाओं को लेकर कदम उठाएंगे।
बाइडन ने इस पॉलिसी पेपर में कश्मीर और एनआरसी का जिक्र करते हुए भारत सरकार की भी आलोचना की थी। हालांकि, अब बाइडन ने भारत की तरफदारी की है और अमेरिका का स्वाभाविक सहयोगी बताया है।
बाइडन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान उप-राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्हें इस चुनाव में राष्ट्रपति पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। उन्होंने ने कहा है कि अगर वह नवंबर में होने वाले चुनाव में जीत हासिल करते हैं तो अमेरिका के स्वाभाविक सहयोगी भारत के साथ संबंध मजबूत करेंगे।
बाइडन अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के कार्यकाल के दौरान उप-राष्ट्रपति पद की जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। उन्हें इस चुनाव में राष्ट्रपति पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है। जो बाइडन ने कहा है कि अगर वह नवंबर में होने वाले चुनाव में जीत हासिल करते हैं तो अमेरिका के स्वाभाविक सहयोगी भारत के साथ संबंध मजबूत करेंगे।
वर्चुअल फंड रेजर इवेंट के दौरान भारत-अमेरिका संबंध पर किए गए एक सवाल के जवाब में बाइडन ने कहा, क्षेत्र में हमारी और उनकी खुद की सुरक्षा के लिए भारत का सहयोगी बने रहना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि ओबामा के कार्यकाल के दौरान भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी मजबूत करना हमारी प्राथमिकता में शामिल था और अगर मैं राष्ट्रपति चुना जाता हूं तो मेरी भी यही प्राथमिकता रहेगी। बाइडन ने उप-राष्ट्रपति पद पर रहते हुए भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई थी।
कुछ दिनों पहले जो बाइडन ने कश्मीर और नागरिकता संशोधन कानून को लेकर भारत की आलोचना की थी। उन्होंने पॉलिसी पेपर में कहा था कि कश्मीरियों को उनके अधिकार दिलाने के लिए भारत को जरूरी कदम उठाने चाहिए। जो बाइडन ने नागरिकता (संशोधन) कानून और असम में एनआरसी लागू करने को लेकर भी निराशा जताई थी।