सयुंक्त राष्ट्र के पूर्व प्रमुख रहे जेवियर पेरेज डी क्यूलर का पेरू में बुधवार को निधन हो गया। वे 100 साल के थे। उनके बेटे ने अपने पिता के निधन की पुष्टि की है। उनके बेटे फ्रांसिस्को पेरेज डी क्यूलर ने आरपीपी रेडियो को बताया, “मेरे पिता का देहांत हो गया है। स्थानीय समय के मुताबिक रात के आठ बजकर नौ मिनट पर उनका निधन हुआ।”
फ्रांसिस्को पेरेज डी क्यूलर ने बताया कि ईरान-इराक युद्ध और अल सल्वाडोर में गृह युद्ध के दौरान विश्व संस्था का नेतृत्व करने वाले जेवियर पेरेज ने 4 मार्च को अंतिम सांस ली। वह साल 1981 से 1991 तक सयुंक्त राष्ट्र के महासचिव के पद पर बने रहे।
मौजूदा वक्त के सयुंक्त राष्ट्र संघ के महासचिव एंटोनिया गुटरेश ने महासचिव के रूप में उनके कार्यों की सराहना की है। सयुंक्त राष्ट्र महासचिव के रूप में उन्होंने कई महत्वपूर्ण कार्य किए। उन्होंने अपने दो कार्यकालों के दौरान लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, एशिया और मध्य पूर्व में शांति समझौते किए।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि उनका आठ वर्षों के संघर्ष के बाद साल 1998 में ईरान और इराक के बीच युद्ध विराम की लिए की गई बातचीत थी। साथ ही उन्होंने ईरान-इराक के युद्ध के अलावा साल 1991 में अपने दूसरे कार्यकाल के अंत में पश्चिमी सहारा में युद्ध की स्थिति को विराम देने और अल सल्वाडोर, कम्बोडिया और निकारागुआ में गृह युद्ध की पनपती स्थिति को भी खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
उनके कार्यकाल के दौरान ही अल्वा सल्वाडोर में अमेरिका समर्थित गृह युद्ध की विषय में सयुंक्त राष्ट्र की मध्यस्थता में शांति वार्ता सम्पन्न हुई थी। जेवियर पेरेज विभिन्न पक्षों में सुलह और शांति स्थापित करने के प्रयास के लिए जाने जाते हैं।
वह साल 1990 में नामीबिया की स्वतंत्रता को सयुंक्त राष्ट्र के महासचिव के रूप में अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि मानते हैं। नामीबिया अफ्रीकी द्वीप पर आखिरी ओपनिवेशिक कॉलोनी थी। बुधवार 4 मार्च को सयुंक्त राष्ट्र के वर्तमान महासचिव ने एक बयान में कहा कि वह इस खबर से बेहद दुखी हैं।