हाल ही में सऊदी क्राउन प्रिंस का एक बड़ा कबूलनामा सामने आया है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने आखिरकार पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या की जिम्मेदारी ले ली है। अगले हफ्ते प्रसारित होने वाली पीबीएस डॉक्युमेंट्री के मुताबिक सलमान ने कहा है कि पिछले साल सऊदी एजेंटों द्वारा की गई खशोगी की हत्या की वह जिम्मेदारी लेते हैं क्योंकि इसे उनकी निगरानी में ही अंजाम दिया गया। यह कबूलनामा काफी चौंकाने वाला है क्योंकि अब तक सलमान ने सार्वजनिक तौर पर इस हत्याकांड के बारे में कुछ नहीं बोला है। इस डाक्यूमेंट्री का प्रसारण एक अक्टूबर को किया जाएगा।

पत्रकार जमाल खशोगी की पिछले साल दो अक्टूबर को सऊदी एजेंटो द्वारा हत्या कर दी गई थी। रिपोर्ट्स के मुताबिक़ उनके शव के टुकड़े करके इमारत से बाहर भेजा गया और कुछ भी नहीं मिला। हत्या के कुछ सप्ताह बाद रियाद में एक निवेश सम्मेलन में क्राउन प्रिंस ने इसे एक जघन्य अपराध और दुखद घटना करार दिया था और ज़िम्मेदार लोगों को न्याय के दायरे मे लाने का वादा किया था। इस हत्याकांड को तुर्की के इस्तांबुल शहर स्थित सऊदी वाणिज्य दूतावास में अंजाम दिया गया था। इस मामले पर क्राउन प्रिंस ने सार्वजिनक तौर पर कोई बयान नहीं दिया है। ‘द क्राउन प्रिंस ऑफ़ सऊदी अरब‘ नाम की डाक्यूमेंट्री के मुताबिक मुहम्मद बिन सलमान ने अमेरिकी प्रसारक पब्लिक ब्राडकास्टिंग सर्विस (पीबीएस) के मार्टिन स्मिथ से कहा ,’मैं सारी जिम्मेदारी लेता हूँ क्योंकि यह सब मेरी निगरानी में हुआ था।’ स्मिथ ने जब उनसे यह पूछा की आपकी जानकारी के बिना हत्या को अंजाम कैसे दिया गया तब उन्होंने कहा ,’हमारे मुल्क़ के आबादी दो करोड़ है और लगभग 30 लाख सरकारी कर्मचारी है।’ खशोगी की हत्या में सरकारी विमान के उपयोग के सवाल पर सऊदी प्रिंस ने कहा,’चीजों का पालन करने के लिए मेरे पास अधिकारी और मंत्री हैं और वे जिम्मेदार हैं। उनके पास यह करने का हक़ है। स्मिथ द्वारा बताया गया कि यह सारी बातचीत कैमरे के सामने नहीं हुई थी।

अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी सीआईए और कई पश्चिमी देश लगातार यह दवा करते रहे हैं कि खशोगी की हत्या का आदेश क्राउन प्रिंस ने ही दिया था। जबकि सऊदी अरब आरोपों का पूरी तरह से ख़ारिज करते हुए कहता आया है कि इसमें उनकी कोई भूमिका नहीं थी। खशोगी अमेरिका में रहते थे और वाशिंगटन पोस्ट के कॉलम के लिए लिखते थे। साथ ही वह सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस के मुख्य आलोचक थे। सऊदी सरकार ने पहले उनकी हत्या होने की बात नहीं मानी ,मगर दुनियाभर में आलोचना के बाद स्वीकार किया कि दूतावास में उनकी हत्या की गई थी। इस मामले में सऊदी के 11 संदिग्ध को आरोपी बनाया गया है।