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दो साल के भीतर ही चौथे आम चुनाव की ओर इजरायल 

इजराइल में एक बार फिर से सियासी संकट खड़ा हो गया है। इजराइल दो साल में चौथे आम चुनाव की ओर बढ़ता हुआ दिख रहा है । इसका कारण है, प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू की सरकार का तय सीमा के भीतर बजट पारित नहीं कर सकी।  इजराइली कानून के मुताबिक बजट पास ना होने के चलते अब संसद भंग हो जाएगी और 90 दिनों के अंदर मध्यावधि चुनाव कराने होंगे।  इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामीन नेतन्याहू की लिकुड पार्टी और रक्षा मंत्री बैनी गैंट्ज़ की ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के बीच मई में सरकार के बनने के बाद से ही बजट को लेकर विवाद है।

इससे पहले सरकार को कायम रखने और संसद को स्वतः भंग होने से रोकने की आखिरी कोशिश भी नाकाम हो गई थी। बजट समझौते को लेकर गठबंधन सरकार की दो प्रमुख पार्टियों के बीच बातचीत विफल हो गई।  संसद के देर रात्रि सत्र में लिकुड और ब्लू एवं व्हाइट पार्टी के सदस्यों ने कल 22 दिसंबर  तक बजट पारित करने की समयसीमा को दो और हफ्ते बढ़ाने के खिलाफ वोट दिया।  प्रस्ताव के खिलाफ 49 वोट पड़े जबकि पक्ष में 47 वोट पड़े थे।

नेतन्याहू और गैंट्ज़ ने मंगलवार तक बजट पारित करने की समयसीमा को दो और हफ्ते बढ़ाने के लिए प्रस्ताव दिया था ताकि 2020 के बजट को लेकर किसी समझौते पर पहुंचा जा सके , लेकिन दोनों पार्टियों के सदस्यों ने ही संसद में इस प्रस्ताव के खिलाफ मतदान कर दिया।

प्रधानमंत्री ने ट्विटर पर कहा, “हम चुनाव नहीं चाहते हैं और हमने आज शाम उनके खिलाफ वोट दिया, लेकिन हम चुनाव से नहीं डरते हैं क्योंकि हम चुनाव जीतेंगे। “संसद के भंग होने की स्थिति में इजराइल में मार्च में चुनाव कराए जा सकते हैं।  अगर ऐसा होता है तो यह 2019 से चौथा चुनाव होगा।  इस बार चुनाव कोरोना महामारी, आर्थिक मंदी और नेतन्याहू के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर चल रहे मुकदमे के बीच होगा।

इजराइल में 7 महीने पहले बनी गठबंधन सरकार के गिरने पर प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और उनके गठबंधन सहयोगी ब्लू एंड व्हाइट पार्टी के नेता बेंनी गैंट्ज ने एक दूसरे पर ठीकरा फोड़ा है ।

बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा, ‘ब्लू और व्हाइट समझौतों से पीछे हट गए मूल गठबंधन समझौते को संशोधित करने के लिए और हमें कोरोना संकट के दौरान अनावश्यक चुनावों में घसीटा गया।

वहीं, नेतन्याहू पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों का जिक्र करते हुए गैंट्ज़ ने कहा, “मुझे खेद है कि प्रधानमंत्री अपने मुकदमे के पक्षधर हैं और जनहित के नहीं और आर्थिक स्थिरता सुनिश्चित करने के बजाय पूरे देश को अनिश्चितता के दौर में घसीटने के लिए तैयार हैं।’

इस साल की शुरुआत में तीन अनिर्णायक चुनावों के बाद गैंट्ज़ ने अप्रैल में नेतन्याहू के साथ गठबंधन के लिए सहमति व्यक्त की थी, जिसके बाद गठबंधन की सरकार बनी थी। सरकार बनने से पहले ऐसा समझौता था कि दोनों मिलकर सत्ता चलाएंगे। पहले नेतन्याहू प्रधानमंत्री बनेंगे फिर 18 महीने बाद गैंट्स बनेंगे।

दरअसल, गठबंधन सरकार के पास सरकार बचाने के लिए कल 22 दिसंबर तक का समय था। कल  आधी रात तक अगर सरकार बजट पास करा पाती तो न संसद भंग होती  और न सरकार गिरती। मगर गठबंधन सरकार के दोनों दलों के बीच सहमति नहीं बनी और इस तरह से सरकार गिर गई।

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