अमेरिका की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है। लेकिन दुनिया की सबसे मजबूत माने जाने वाली अर्थव्यवस्था में मंदी दस्तक दे रही है या दरवाजे पर तैयार खड़ी है ? इन दिनों आर्थिक जगत में कुछ इसी तरह के सवालों की बौछार है। दूसरे मुल्कों को आर्थिक सहायता देने वाला मुल्क अमेरिका, जो दुनिया की महाशक्ति होने का दंभ भरता है। वो इस समय गंभीर आर्थिक हालातों से गुजर रहा है।
एक्सपर्ट कह रहे हैं कि मंदी अब देश की चौखट पर आ खड़ी हुई है। मंदी का जिक्र इसलिए हो रहा है क्योंकि अमेरिका में हर छोटी बड़ी चीज का दाम आसमान छू रहा है। शेयर बाजार औंधे मुंह गिर रहा है और ऊपर से रूस-यूक्रेन युद्ध। कोरोना महामारी की रफ़्तार भी फिर से बर्बादी की ओर ले जा रही है। ऐसे में वैश्विक कारोबार पर प्रतिकूल असर पड़ा है। कंज्यूमर सेंटिमेंट ने इस महीने रिकॉर्ड निचला स्तर छुआ है। अब अमेरिका के सामने सबसे बड़ी चुनौती महंगाई है। विशेष रूप से गैस और खाद्य पदार्थ के दाम लगातार बढ़ रहे हैं।
लेकिन महंगाई को हम एक बार अलग कर दें, तो अर्थव्यवस्था वस्तुनिष्ठ रूप से काफी ठीक स्थिति में है। कंपनियां किसी को भी काम पर रख रही हैं। लंबे समय से रुकी मजदूरी दशकों की सबसे तेज गति से बढ़ रही है और महत्वपूर्ण रूप से अमेरिकी अभी भी शॉपिंग कर रहे हैं। इकोनॉमी पहली तिमाही में सिकुड़ी है और हमें यूएस जीडीपी के कुछ और आंकड़े प्राप्त होंगे, जब सरकार दूसरी तिमाही के आंकड़े जारी करेगी। इसके बाद स्थिति और स्पष्ट होगी। लेकिन इससे पहले यह समझना जरूरी है कि मंदी क्या होती है और इसका महंगाई और इस बियर मार्केट से क्या संबंध है।
मंदी अर्थव्यवस्था में गिरावट की एक लंबी अवधि है। जब अर्थव्यवस्था अपने चरम पर होती है, तो यह शुरू होती है और जब अर्थव्यवस्था निचले स्तर पर पहुँचती है, तो यह रुक जाती है। जब अर्थव्यवस्था लगातार कई तिमाहियों तक सिकुड़ने लगती है, तो इसे मंदी की स्थिति कहा जाता है। मंदी दिखाने के लिए प्रमुख डेटा जीडीपी दर है। मंदी में बेरोजगारी बढ़ती है, शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की जाती है, और वेतन-भत्ते कम हो जाते हैं।
मुद्रास्फीति पर देखी जाती है जब उपभोक्ताओं द्वारा खरीदे जाने वाले लगभग हर सामान और सेवाओं की औसत कीमत बढ़ जाती है। इसमें खाना, घर, कार, कपड़े, खिलौने समेत सब कुछ शामिल है। इसे ही हम महंगाई कहते हैं। अमेरिका में महंगाई 40 साल में सबसे तेज रफ्तार से बढ़ रही है। मई में मुद्रास्फीति 8.6 प्रतिशत दर्ज की गई थी।
क्या है बियर मार्केट ?
एक बियर मार्केट उसे कहते हैं, जब स्टॉक्स अपने हाल के उच्च स्तर से 20 फीसदी या अधिक गिर जाएं। यह वॉल स्ट्रीट में अत्यधिक निगेटिव सेंटिमेंट का संकेत है। टेक-हेवी नैस्डैक इस समय बियर मार्केट में है। यह इस साल 28 फीसदी टूट चुका है। लेकिन वॉल स्ट्रीट के व्यापक सूचकांक एसएंडपी 500 (S&P500) अभी बियर मार्केट में नहीं आया है। हालांकि, यह बियर मार्केट में आने के करीब है। यह जनवरी की शुरुआत के उच्च स्तर से 18 फीसदी टूट चुका है।
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अमेरिका में महंगाई का बुरा हाल है। बियर मार्केट की बात करें, तो अभी बाजार बियर मार्केट क्षेत्र में नहीं आया है, लेकिन इसके करीब है। अब मंदी का सवाल है तो यह हो सकती है। लेकिन आम सहमति यह है कि अर्थव्यवस्था में अगले साल तक बड़ी गिरावट नहीं आएगी। इसके लिए हम मजबूत लेबर मार्केट को धन्यवाद दे सकते हैं। यह आखिरी प्वाइंट महत्वपूर्ण है। मई में हुए एक Quinnipiac poll के अनुसार 85 फीसदी अमेरिकियों को लगता है कि अगले साल मंदी आ सकती है। जब लोगों को इकोनॉमी की मजबूती पर विश्वास नहीं होता है, तो वे अपने खर्चे कम करना शुरू कर देते हैं। जब लोग कम खर्च करते हैं, तो मंदी आ जाती है।