इराक़ के प्रधानमंत्री अब्दुल महदी द्वारा अपने पद से इस्तीफ़ा देने का ऐलान कर दिया गया है। बयान के अनुसार 29 नवंबर को हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों में लगभग 40 से अधिक लोगों की जान जाने के बाद ही इराक के प्रधानमंत्री द्वारा पद से इस्तीफा देने का फैसला किया गया है।
इराक़ में शियाओं के सर्वोच्च धार्मिक नेता अली अल -सिस्तानी के नए नेता चुने के आह्वान के पश्चात प्रधानमंत्री ने यह फैसला लिया है। इससे पहले अक्टूबर के आखिर में प्रधानमंत्री ने ही कहा था कि अगर तमाम पार्टियां अपना नया नेता चुन लेगी तो वह अपना पद छोड़ देंगे।
प्रधानमंत्री द्वारा हस्ताक्षरित जारी एक बयान के मुताबिक वो कहते है “सिस्तानी के इस आह्वान पर और इसे जल्द से जल्द लागू किए जाने के लिए मैं आज संसद से अपील करूँगा कि वो मेरा इस्तीफ़ा स्वीकार कर लें।”
हालाँकि बयान में यह साफ़ नहीं किया गया है कि उनका इस्तीफ़ा संसद में कब पेश किया जायेगा। मौजूदा स्थिति को देखते हुए 1 दिसंबर को आपातकालीन सत्र बुलाया गया है। सिस्तानी के एक प्रतिनिधि ने उनका बयान कर्बला में टीवी पर पढ़कर सुनाया था जिसमे कहा गया था “संसद जिसने मौजूदा सरकार को बनाया था ,उसे अपने फैसले पर दोबारा विचार करना चाहिए और वही करना चाहिए जो इराक के हक़ में हो। “
अक्टूबर माह से शुरू हुए प्रदर्शनों में गुरुवार , 29 नवंबर का दिन सबसे ज्यादा हिंसक था। अबतक 400 के करीब लोग इन प्रदर्शनों में अपनी जान गँवा चुके है। 29 नवंबर को कम से कम 15 लोग मारे गए। प्रदर्शन कर रहे लोगो की मांगे है कि सरकार युवाओं को नौकरियां उपलब्ध कराए,भ्रष्टाचार का खात्मा हो और उन्हें बेहतर सुविधाएं मिले।
इराक के सर्वोच्च शिया धार्मिक नेता द्वारा प्रदर्शनकारियों के खिलाफ बल प्रयोग की निंदा की गई है साथ ही नई सरकार के गठन का भी आह्वान किया गया है। इस मामले में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश द्वारा कहा गया कि “वो प्रदर्शनकारियों के खिलाफ लगातार हो रही गोलीबारी की खबरों से अत्यंत चिंतित हैं”। उन्होंने सभी से संयम बरतने की अपील की है।
महदी लगभग एक साल पहले ही इराक के पहले प्रधानमंत्री बने थे। उस दौरान उन्होंने कई सुधारों का वादा किया था ,जो वो पूरे नहीं कर पाए। जिसके कारण विरोध में युवाओं ने अक्टूबर के पहले हफ़्ते से ही सड़कों पर आक्रामक प्रदर्शन किए। जिसमे छह दिनों में ही 149 लोगो की जान चली गयी।