ईरान ने अमेरिका के दो सैन्य ठिकानों पर हमला किया है। अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने स्टेटमेंट जारी कर कहा है कि ईराक स्थित अमरीकी सेना के दो ठिकानों पर ईरान की ओर से एक दर्जन से अधिक मिसाइल दागे हैं।
अल-मयादीन टीवी के मुताबिक, ये हमला जनरल सुलेमानी को दफनाए जाने के कुछ ही घंटे बाद हुए।
पेंटागन के हवाले बीबीसी ने लिखा है कि यह हमला इराक के इरबिल और अल-असद शहर में अमेरिका दो ठिकानों पर हुआ है जहां अमेरिकी सैनिक ठिकाने थे।
पेंटागन का कहना है कि अभी तक ये स्पष्ट नहीं है कि हमले में कोई हताहत हुआ है या नहीं।
हमले को लेकर ईरान के सरकारी मीडिया पर भी खबर प्रसारित हुई है जिसमें कहा गया है कि ये हमले जनरल कासिम सुलेमानी की हत्या का बदला है।
अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट कर कहा है कि सबकुछ ठीक है। उन्होंने कहा है कि वो बुधवार को हमले को लेकर एक बयान जारी करेंगे।
ट्रंप ने ट्वीट किया, “सब ठीक है, ईरान ने इराक में स्थित दो सैन्य ठिकानों पर हमले किए हैं। हताहत और नुकसान की समीक्षा की जा रही है। अभी तक सब अच्छा है। हमारे पास दुनिया की सबसे ताकतवर सेना है। मैं सुबह एक बयान जारी करुंगा।”
All is well! Missiles launched from Iran at two military bases located in Iraq. Assessment of casualties & damages taking place now. So far, so good! We have the most powerful and well equipped military anywhere in the world, by far! I will be making a statement tomorrow morning.
— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) January 8, 2020
दूसरी तरफ ईरान के विदेश मंत्री जव्वाद जरीफ ने भी बयान जारी किया है। उन्होंने कहा कि यह हमला आत्मरक्षा में किया गया है।
जरीफ ट्वीट किया, “ईरान ने यूएन चार्टर के आर्टिकल-51 के तहत आत्मरक्षा में ऐसे ठिकानों को निशाना बनाया है जहां से कायरपूर्ण तरीके से हमारे नागरिकों और वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ हमले किए गए। हम लड़ाई को नहीं बढ़ाना चाहते, पर हम पर हुए हमलों से अपनी रक्षा करेंगे।”
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता स्टेफनी ग्रिशम ने बयान जारी कर कहा, “हमें इराक में अमरीकी ठिकानों पर हमले की खबर मिली है। राष्ट्रपति को इस बारे में ब्रीफ कर दिया गया है, हम स्थिति की निगरानी कर रहे हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा टीम से मशविरा कर रहे हैं।”
इरना न्यूज एजेंसी को दिए बयान में ईरान की रिवॉल्यूशनरी गार्ड कहा है, “हम अमरीका के उन सारे साथियों को चेतावनी देना चाहते हैं जिन्होंने उनकी आतंकवादी सेना को अपनी जमीन का इस्तेमाल करने दिया है, जहां से ईरान के विरुद्ध कार्रवाई होती है, उसे निशाना बनाया जाएगा।”