ब्रिटेन की लेबर पार्टी ने कश्मीर पर अपना भारत विरोधी रुख बदल लिया है। लेबर पार्टी के नए नेता कीयर स्टार्मर ने कहा कि कश्मीर भारत और पाकिस्तान के बीच का द्विपक्षीय मामला है। गुरुवार को स्टार्मर ने लेबर फ्रेंड्स ऑफ इंडिया की, मुलाकात के बाद उन्होंने कहा, हम एशिया के मुद्दों की वजह से यहां के समुदाय को विभाजित नहीं होने दे सकते हैं। भारत का कोई भी संवैधानिक मुद्दा भारतीय संसद का मुद्दा है और कश्मीर मामले को भारत और पाकिस्तान को शांतिपूर्वक सुलझाना चाहिए।
ब्रिटेन में भारतीय और पाकिस्तानी मूल के लोगों की अच्छी तादाद है और दोनों ही समुदाय यहां की राजनीति में बड़ी अहमियत रखते हैं। कार्बिन ने 2019 में कश्मीर पर ट्वीट किया था, जिससे उनका रुख स्पष्ट हो गया था। उन्होंने लिखा था कि कश्मीर के हालात बहुत ही व्यथित करने वाले हैं। कश्मीर में मानवाधिकार उल्लंघन हो रहा है जो बिल्कुल अस्वीकार्य है। कश्मीरियों के अधिकारों का सम्मान जरूर होना चाहिए और संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों को लागू किया जाना चाहिए।
लेबर पार्टी के नवनियुक्त नेता स्टार्मर कश्मीर के मामले में अपने पूर्ववर्ती जेरेमी कार्बिन की नीतियों से दूरी बनाते हुए नजर आ रहे हैं। जेरेमी ने कश्मीर में मानवता पर बहुत बड़ा संकट बताते हुए एक आपातकालीन प्रस्ताव पास किया था। ब्रिटेन में 15 लाख आबादी वाले भारतीय समुदाय के बीच जेरेमी की तीखी आलोचना होती थी। स्टार्मर का ये बयान पार्टी के भीतर तूफान भी ला सकता है।
लेबर पार्टी की लंदन वाइस चेयर सीमा चंदवानी ने कहा कि स्टार्मर किसी गैर-जिम्मेदार समूह के लोगों के मिलकर एकतरफा कश्मीर पर पार्टी का रुख नहीं बदल सकते हैं। जब नरेंद्र मोदी सरकार ने कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाया तो सितंबर 2019 में कश्मीर पर प्रस्ताव पारित कर दिया गया था। लेबर पार्टी ने कश्मीर में एक अंतरराष्ट्रीय टीम भेजने की भी मांग की थी और नागरिकों के लापता होने और मानवाधिकार उल्लंघन का आरोप लगाया था। प्रस्ताव में कहा गया था कि कश्मीर के लोगों को आत्म-संकल्प का अधिकार मिलना चाहिए।