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भारतीय मूल की अमेरिकन लड़की गीतांजलि राव को टाइम मैगजीन का किड्स ऑफ दी ईयर आवार्ड

टाइम अंतराष्ट्रीय स्तर पर एक प्रसिद्ध मैगजीन है। यह मैगजीन हर वर्ष विश्व स्तर पर किसी भी क्षेत्र में मुकाम हासिल करने वाले लोगों को अपने फ्रंट पेज में जगह देती है। इस साल मैगजीन ने भारतीय मूल की 15 साल की गीतांजलि राव को अपने कवर पेज के लिए चुना है। गीतांजलि को टाइम मैगजीन ने किड्स ऑफ दी ईयर आवार्ड से नवाजा है। यह पहली बार हुआ जब मैगजीन ने किसी बच्चों को यह आवार्ड दिया है। उनको यह आवार्ड साइबर बुलिंग के लिए बनाई किडल ऐप के लिए दिया गया है। 5000 प्रतिभागियों में से मैगजीन ने गीतांजलि को चुना है।

अपने ऐप किड्ल के बारें में गीतांजलि ने कहा कि ”ये एक तरह की सर्विस है, जिसका नाम काइंडली (Kindly) है। ये एक ऐप और क्रोम एक्सटेंशन है, जो शुरुआती स्तर पर ही साइबर बुलिंग को पकड़ सकता है। यानी अगर कोई बुलिंग (गंदी भाषा का इस्तेमाल) कर रहा है तो ये आपको पहले ही आगाह कर देगा। मैंने इसमें कुछ शब्दों के साथ कोडिंग की है, जिन्हें बुलिंग माना जा सकता है। अगर इसके आसपास का कोई शब्द इस्तेमाल किया जाता है तो ये बताता है कि आपके साथ बुलिंग हो रही है।”

टाइम में जगह पाने के अलावा गीतांजलि ने अमेरिका टॉप यंग साइंटिस्ट आवार्ड भी जीता था। गीतांजलि एक इनोवेटर भी है। दरअसल गीतांजलि राव ने सिर्फ 15 साल की उम्र में एक ऐसा सेंसर बनाया है जिससे पानी में लेड की मात्रा का आसानी से पता लगाया जा सकता है। साथ ही सबसे बड़ी बात ये है कि इसमें किसी बहुत ज्यादा महेंगे डिवाइस का इस्तेमाल नहीं किया गया है। ये डिवाइस एक मोबाइल की तरह दिखता है और इसका नाम गीतांजलि ने “टेथिस” रखा है। पानी में सिर्फ कुछ सेकेंड तक डालने के बाद, डिवाइस से कनेक्टेड ऐप कुछ ही देर में बता देता है कि पानी में कितनी लेड की मात्रा है। अब गीतांजलि के इस प्रोटोटाइप पर अमेरिका के साइंटिस्ट भी काम कर रहे हैं।

गीतांजलि का इंटरव्यू हॉलीवुड एक्टर और सोशल एक्टिविस्ट एंजेलिना जोली ने लिया। इंटरव्यू के दौरान जब गीतांजलि से एंजेलिना ने पूछा कि आपको कब पता चला कि सांइस आपका पैशन है। तो इसके जवाब में गीतांजलि ने कहा कि “मेरा हर दिन का गोल यही रहता था कि आज किसके चेहरे पर मुस्कान देखूं। किसे खुशी दूं, आगे चलकर ये इसमें बदल गया कि मैं कैसे अपने समाज में पॉजिटिविटी ला सकती हूं। जब मैं दूसरी या तीसरी क्लास में थी तो मैंने सोचा कि कैसे हम साइंस के जरिए समाज में बदलाव ला सकते हैं। मैं 10 साल की थी, जब मैंने अपने पेरेंट्स से कहा कि मैं कार्बन नैनोट्यूब सेंसर टेक्नोलॉजी पर रिसर्च करना चाहती हूं।”

इससे पहले भी टाइम मैगजीन ने कई भारतीयों को अपने कवर पेज पर जगह दी है। जिनमें मनमोहन सिंह, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंदिरा गांधी समेत कई लोगों को फ्रंट पेज पर छापा है। 2019 के चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी को टाइम ने अपने कवर पेज पर जगह दी थी। जिसके कारण देश में काफी लोगों ने नरेंद्र मोदी की छवि को खराब करने का मैगजीन पर आरोप लगाया था। गीतांजलि के माता-पिता मूल रूप से भारतीय है, पंरतु गीतांजलि अमेरिका में ही पैदा हुई और वहीं अपनी पढ़ाई कर रही है।

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